Gautam Adani का मुंद्रा पोर्ट बना अंतराष्ट्रीय तस्करों की पहली पसंद, हेरोइन के बाद आयी सिगरेट की सबसे बड़ी खेप
Adani Mundra Port: गुजरात के कच्छ में बना अडानी समूह (Adani Group) का मुंद्रा पोर्ट तस्करों को सबसे अधिक रास आ रहा है। इस पोर्ट पर बीते साल से लेकर अबतक अरबों रूपये के नशे की खेप आ चुकी है। हैरानी की बात ये है, कि हर बार नशे की खेप पकड़े जाने के बावजूद पोर्ट या अडानी समूह पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है...
कच्छ से दत्तेश भावसर की रिपोर्ट
Adani Mundra Port: गुजरात के कच्छ में बना अडानी समूह (Adani Group) का मुंद्रा पोर्ट तस्करों को सबसे अधिक रास आ रहा है। इस पोर्ट पर बीते साल से लेकर अबतक अरबों रूपये के नशे की खेप आ चुकी है। हैरानी की बात ये है, कि हर बार नशे की खेप पकड़े जाने के बावजूद पोर्ट या अडानी समूह पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। हेरोइन पकड़े जाने के बाद सूचना है कि मुंद्रा पोर्ट से 17 करोड़ रूपये अंतर्राष्ट्रीय मूल्य की 850 कार्टून सिगरेट बरामद हुई है।
गौतम अडानी के गुजरात के मुंद्रा पोर्ट (Mundra Port) पर डीआरआई (DRI) ने आज 17 करोड़ रुपये के अंतरराष्ट्रीय मूल्य की सिगरेट बरामद की 850 कार्टून में भरी हुई सिगरेट की संख्या करीब 86.5 लाख के करीब है। जिसको की डीआरआई ने मुखबिरों की जानकारी के आधार पर 11 तारीख को पकड़ा।
मिली जानकारी के अनुसार DRI ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। चौंकाने वाली बात ये कि, जिन कंटेनरो में यह सिगरेट पकड़ी गई उसमें होटल का सामान होने की पर्ची चिपकाई गई थी, जिससे कि आसानी से कस्टम और डीआरआई की आंखों में धूल झोंकी जा सके। इनपुट है कि यह खेप इसी साल के अप्रैल और मई माह में विदेशी सिगरेट स्मगलिंग के जरिये मुंद्रा पोर्ट के जरिए पूरे देश मे भेजी जानी थी। जो अब भेजी गई है, जिसे DRI ने पकड़ा है।
पिछले कुछ महीनों में अंदाजन 100 करोड़ के करीब की विदेशी ब्रांड की सिगरेट अवैध तरीके से भारत में लाने की साजिश को डीआरआई ने नाकाम किया है। लेकिन यह सिगरेट पकड़ी गई पर कितने ही कंसाइनमेंट शायद भारत में अवैध तरीके से दाखिल हो चुके होंगे, जिसकी जानकारी जुटानी मुश्किल है।
गौरतलब है कि, यह वही अडानी समूह का मुंद्रा पोर्ट है जहां पर बड़ी मात्रा में ड्रग्स बरामद किया जा चुका है। एक बार नहीं पर अनेक बार इस पोर्ट में ड्रग्स बरामद हो चुकी है। मुंद्रा पोर्ट जोकि अडानी समूह का प्राइवेट पोर्ट है। जिसके ऊपर अडानी की खुद की प्राइवेट सिक्योरिटी लगी हुई है, जबकि देश के अन्य पोर्ट के उपर सामान्य तौर पर CISF की सिक्योरिटी होती है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अदानी समूह का मुंद्रा पोर्ट स्मगलिंग करने के लिए कितनी आसान जगह है। इस सिगरेट के कंसाइनमेंट के साथ तीन लोगों को भी पकड़ा गया है। उनकी पूछताछ अभी जारी है, कहा जा रहा कि एक-दो दिनों के बाद शायद ज्यादा जानकारी उपलब्ध हो पाएगी।
बता दें कि, मुंद्रा बंदरगाह के संचालन की जिम्मेदारी अडानी ग्रुप के पास है। इससे पहले इस पोर्ट पर पकड़े गये नशे की खेप के बाद समूह की तरफ से आए बयान में कहा गया था कि, '16 सितंबर 2021 को डीआरआई और सीमा शुल्क के एक संयुक्त अभियान में अफगानिस्तान से आए दो कंटेनरों से भारी मात्रा में प्रतिबंधित हेरोइन पकड़ी गई। ये कंटेनर मुंद्रा बंदरगाह पर डीपी वर्ल्ड टर्मिनल पर पहुंचे थे। हम अवैध ड्रग्स को जब्त करने और आरोपियों को पकड़ने के लिए डीआरआई और सीमा शुल्क विभाग की टीमों को धन्यवाद देते हैं और बधाई देते हैं। कानून भारत सरकार के सीमा शुल्क और DRI के सक्षम अधिकारियों को गैरकानूनी कार्गो को खोलने, जांच करने और जब्त करने का अधिकार देता है। देश भर में कोई भी पोर्ट ऑपरेटर कंटेनर की जांच नहीं कर सकता है। उनकी भूमिका बंदरगाह चलाने तक सीमित है।'
सवाल है कि, क्या इतनी सारी गंभीर घटनाओं के बाद भी अडानी पोर्ट के ऊपर उनकी प्राइवेट सिक्योरिटी देश के लिए खतरा नहीं है? यह सवाल आम हिंदुस्तानी के जेहन में उठना लाजमी है। क्या इतनी सारी घटनाओं के बाद भी मोदी जी के मित्र गौतम अडानी के पोर्ट (Adani Port) के खिलाफ कोई कार्यवाही होगी? क्या आज के समय के सरकारी सिस्टम में गौतम अडानी के खिलाफ कार्यवाही करने की हिम्मत है? ऐसे सवाल भी जनता के मन मे उठ रहे हैं, जो कहीं ना कहीं जायज हैं।