13 लोगों ने दुकानदार के घर पर हमला बोल दिया और जमकर पिटाई कर कई लोगों को घायल कर दिया, इस मारपीट में 50 साल के काशी साव को आई बहुत चोटें, जिनकी बाद में हो गयी मौत...
राहुल सिंह की रिपोर्ट
जनज्वार, पलामू। कोरोना वायरस से एक ओर जहां करोड़ों लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ी हैं, वही इसके कारण सामाजिक तनाव भी उत्पन्न होने लगा है। झारखंड जैसा राज्य जहां की एक तिहाई आबादी गरीबी रेखा के नीचे है और बड़ी आबादी महानगरों व विकसित राज्यों में रोजगार के लिए प्रवास करती है, वहां इसके साइड इफेक्ट कई रूप में दिख रहे हैं।
एक ओर जहां कई गांवों के लोग अपने गांव में बांस-बल्ली से बैरिकेट लगाकर लोगों को प्रवेश नहीं करने का दे रहे हैं, वहीं पलामू जिले में कुछ लोगों ने कोरोना को लेकर उत्पन्न विवाद में 50 साल के दुकानदार काशी साव की पीटकर हत्या कर दी। यह मामला पलामू के पडवा थाना क्षेत्र के चक उदयपुर गांव की है।
यह भी पढ़ें : झारखंड में भूख से एक और मौत, चार दिनों से नहीं जला था चूल्हा
इस गांव में हैदराबाद व बेंगलुरु में काम कर रहे चार मजदूर राजन साव, आशीष साव, छोटू साव, विक्की साव कोरोना महामारी फैलने के बाद गांव लौटे थे। पलामू के एसपी अजय लिंडा ने कहा कि चारों युवकों की स्वास्थ्य जांच की गयी थी और उसके बाद उन्हें 14 दिनों तक डाॅक्टरों ने घर में ही लोगों से अलग-थलग रहने को कहा था। लेकिन वे गांव में यूं ही सामान्य लोगों की तरह घूमते रहे।
https://www.facebook.com/janjwar/videos/554170931898744/
मंगलवार 24 मार्च की शाम को दिल्ली से लौटे ये युवा काशी साव की दुकान पर पहुंचे, जिस पर उन्होंने कहा कि वे महानगरों से आए हैं और उनसे कोरोना संक्रमण का खतरा उत्पन्न हो सकता है, इसलिए वे अपने घर में ही रहें और उनकी दुकान पर न आएं और न ही गांव में यहां-वहां घूमें। इस पर उन लड़कों ने बहस शुरू कर दी। दुकानदार के बेटे ने भी लड़कों के समझाने की कोशिश पर वे उससे भी उलझ पड़े।
संबंधित खबर : मोदी जी झारखंड के शिवा जैसे घूमंतू कहां रहेंगे , क्योंकि आसमान उनकी छत और धरती है बिछौना
बाद में सात बजे 13 लोगों ने दुकानदार के घर पर हमला बोल दिया और जमकर पिटाई कर कई लोगों को घायल कर दिया। दुकानदार को सबसे अधिक चोट लगी। इसके बाद दुकानदार को पलामू मेडिकल काॅलेज अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां बुधवार 25 मार्च की सुबह उनकी मौत हो गयी। पुलिस ने दुकानदार के भतीजे कृष्णा प्रसाद की शिकायत पर इस मामले में 13 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
यह भी पढ़ें : कोरोना वायरस से भारत के 80 फीसदी से ज्यादा प्रवासी मजदूरों की आजीविका पर संकट
वहीं इस मामले में डीसी शांतनु कुमार अग्रहरि ने दावा किया है कि मामला कोरोना विवाद का नहीं है, बल्कि दोनों पक्षों में पहले से विवाद चल रहा था और उसी को लेकर मारपीट हुई। इस मामले में अन्य लोग घायल हुए थे, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
संबंधित खबर : ‘बनते घर, पूरे होते सपने’ आखिर किसके लिए?
मृतक दुकानदार के बेटे राकेश साव ने कहा है कि पुलिस मामले को गंभीरता से लेती तो उसके पिता की जिंदगी बच जाती, क्योंकि विवाद के बाद छोटू साव धमकी देकर गया था। इस मामले में उप मुखिया ने प्रदीप यादव ने दोनों पक्षों में समझौता करवाया था, लेकिन फिर युवकों ने अन्य लोगों के साथ दुकानदार के घर पर हमला बोल दिया। इस मामले में गंभीर रूप से जख्मी राजेंद्र साह को इलाज के लिए रांची भेजा गया है।