कोरोना के खौफ में हुआ लॉकडाउन तो मौके का फायदा उठा जेल से फरार हो गये ये 4 कैदी

Update: 2020-03-28 11:30 GMT

जिस तरफ की दीवार से कैदी फरार हुए हैं, उस तरफ रिहायशी इलाका है। पुलिस की टीमें रिहायशी इलाके में छानबीन कर रही हैं...

चंडीगढ़, जनज्वार। पंजाब के लुधियाना में कोरोना से लगे लॉकडाउन के बीच सेंट्रल जेल से चार कैदी फरार हो गए। कैदी दीवार फांदकर फरार हुए हैं। यह फरारी तब हुई है, जबकि राज्य में छह दिन से कर्फ्यू लगा हुआ है। जेल प्रशासन को कैदियों के फरार होने का पता तब चला जब उनकी गिनती हो रही है। तब पता चला कि 4 कैदी कम है। छानबीन की तो उनका पता ही नहीं चला।

जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक कैदियों ने कंबल की रस्सी बनायी, इससे वह साथ लगती महिला जेल परिसर में घुस गए। यहां से उन्होंने दीवार को फांद बाहर निकल गये। अंधेरे का फायदा उठाते हुए कैदी फरार होने में कामयाब हो गये।

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न कैदियों में मंडी गोबिंदगढ़ रहने वाला अमन कुमार, खन्‍ना का रहने वाला रवि कुमार, सुल्‍तानपुर यूपी का रहने वाला सूरज कुमार व संगरूर का रहने वाल अर्शदीप शामिल है। एडीसीपी अरजिंदर सिंह ने मौके पर पहुंचकर मामले की पड़ताल की। जेल प्रशासन का कहना है कि जिस तरफ की दीवार से कैदी फरार हुए हैं, उस तरफ रिहायशी इलाका है। पुलिस की टीमें रिहायशी इलाके में छानबीन कर रही हैं।

पुलिस द्वारा चारों ओर से इलाके को घेर लिया गया है। पुलिस की टीम अब घर घर जाकर तलाशी अभियान चलाये हुए हैं। अन्य जेलों में भी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी गयी है।

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ताया जा रहा है कि कल 27 मार्च की देर रात एक से डेढ़ बजे के करीब ही कैदी जेल से भागे हैं। पुलिस की जांच टीम यह मानकर चल रही है कि कैदी ज्यादा दूर फरार नहीं हो सकते, क्योंकि अभी आवाजाही के सारे साधन बंद है। ऐसे में कैदी आसपास ही छुपे हो सकते हैं। इसी को लेकर अब पुलिस की जांच टीम आसपास के इलाकों में छानबीन कर रही है। अभी तक कैदियों के बारे में पुलिस को कोई सुराग नहीं लगा है।

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जांच टीम यह भी मान कर चल रही कि कैदियों को फरार होने के लिए जेल के अंदर से भी किसी की मदद मिली होगी। यदि ऐसा नहीं होता तो कैदी फरार नहीं हो सकते थे। इसके चलते रात की ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ की जा रही है।

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कोरोना महामारी के खौफ के चलते जिले की विभिन्न जेलों से 156 कैदियों को रिहा भी किया जा चुका है। इनमें सेंट्रल जेल से 127, ब्रोस्टल जेल से 17, महिला जेल से 11 व आब्जर्वेशन होम से एक कैदी शामिल हैं। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस-कम-कानूनी सेवाएं ऑथोरिटी पंजाब चेयमरैन आरके जैन के निर्देशों पर गठित समिति में शामिल अतिरिक्त सेशन जज मुनीष अरोड़ा, कुलभूषण कुमार और मैजिस्ट्रेट किरण ज्योति ने कोर्ट में कैम्प लगाकर इन कैदियों को रिहा कराया है।

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पंजाब की जेलों में में इस वक्त 24600 कैदी हैं, जबकि जेलों की क्षमता 23000 है। सरकार अभी छह हजार कैदियों को रिहा करने पर भी विचार कर रही है। इसलिए वह कैदी रिहा किये जायेंगे, जिन्होंने छोटे—मोटे अपराध किये हैं।

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