दिल्ली पुलिस ने जारी की दंगाई के बतौर 70 लोगों की तस्वीरें तो जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय प्रशासन ने की पुलिस के खिलाफ एफआईआर की माँग, क्योंकि जबरन कैंपस में घुसकर मचाया था तांडव और छात्रों से की थी मारपीट
जनज्वार। 15 दिसंबर 2019 को दिल्ली के जामिया नगर और न्यू फ्रेंडस कॉलोनी में CAA-NRC के विरोध में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। इसी के बाद जामिया यूनिवर्सिटी में भी CAA-NRC के विरोध में प्रदर्शन हुए और यहां भी छात्र बड़ी संख्या में जख्मी हुए थे। सोशल मीडिया पर जारी तमाम वीडियो में भी दिल्ली पुलिस छात्रों के हॉस्टल में जबरन घुसती और उनके साथ मारपीट करती नजर आयी थी। इसके अलावा जामियानगर में भी पुलिसिया मारपीट के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुये थे।
दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने जामिया नगर और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में CAA-NRC विरोधी प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में शामिल 70 लोगों के फोटो दंगाइयों के बतौर जारी की हैं। पुलिस का कहना है कि ये लोग तोड़फोड़, आगजनी और पथराव करने में शामिल रहे हैं।
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दिल्ली पुलिस ने बयान जारी कर कहा, 'मामले की जांच न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाना की क्राइम ब्रांच और एसआईटी द्वारा की जा रही है। जिन लोगों की तस्वीर ऊपर है उन सभी की 15 दिसंबर के उपद्रव/दंगों में सक्रिय भूमिका रही है, जो इन लोगों के बारे में सूचना देगा उन्हें इनाम दिया जाएगा।'
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15 दिसंबर को हुई इसी हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने 70 आरोपियों की तस्वीरें जारी की हैं। दिल्ली पुलिस के अनुसार ये 70 लोग प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में शामिल थे। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के 3 छात्रों को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने 15 जनवरी को जामिया में भड़की हिंसा के संबंध में आज तलब किया है। यह हिंसा CAA विरोधी प्रदर्शनों के दौरान भड़की थी।
जामिया नगर और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में CAA-NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था, जिसमें स्थानीय लोग शामिल थे। प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने जामिया विश्वविद्यालय के कैंपस में घुसकर छात्रों को बुरी तरह पीटा था।
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पुलिस के अनुसार छात्र प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में शामिल थे, जबकि छात्रों ने आरोप लगाया था कि पुलिस विश्वविद्यालय प्रशासन की मंजूरी की बिना कैंपस में घुसी और लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों को बुरी तरह पीटा था। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक 15 दिसंबर को हुई घटना के सिलसिले में जिन 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, वह सभी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले थे। गिरफ्तार किए गए लोगों में कोई भी छात्र नहीं था।
15 दिसंबर को हुई इसी हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने 69 लोगों की तस्वीरें जारी करते हुए कहा है कि ये लोग CAA-NRC के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में हुई हिंसा में संलिप् थे। दिल्ली पुलिस ने यह भी नोटिस जारी किया जिसमें कहा गया है कि इन 69 लोगों के बारे में जो भी जानकारी देगा, उसे इनाम दिया जायेगा। दिल्ली पुलिस ने एक नंबर (011-23013918 और 9750871252) भी जारी किया, जिस पर जानकारी दी जा सके। यह नोटिस दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने जारी किया है।
इंडियन एक्सप्रेस को विशेष आयुक्त (इंटेलिजेंस) प्रवीर रंजन ने बताया कि हमने कैंपस के अंदर के सीसीटीवी फुटेज चेक किये, सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा डाले गए वीडियो और फोटो से जानकारी प्राप्त की और 69 लोगों का पता लगाया जो हिंसा भड़काने में शामिल थे।
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वहीं जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ एफआईआर की मांग की है। इस मामले की सुनवाई दिल्ली की एक अदालत कर रही है। जामिया यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर नजमा अख्तर ने हिंसा के बाद कहा था कि दिल्ली पुलिस बिना विश्वविद्यालय प्रशासन की इजाजत के बिना कैंपस में घुसी और छात्रों को पीटा।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि 69 लोगों की पहचान की जा चुकी है। हम उनके नाम जानते हैं उनके बारे में जानकारी निकल रहें हैं और पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि जामिया के छात्र शामिल हैं या नहीं।
दूसरी तरफ यूपी पुलिस भी CAA-NRC के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान मची हिंसा के लिए कई लोगों को जिम्मेदार ठहरा उन पर कार्रवाई कर रही है। पुलिस का कहना है कि ये कार्यवाही उन लोगों के खिलाफ है जो कानपुर, फ़िरोज़ाबाद और मऊ में CAA-NRC के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में हिंसा में शामिल थे।
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कथित तौर पर हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा नोटिस जारी किया गया था, जिसमें संपत्ति की कुर्की और हिंसा में शामिल लोगों की जानकारी देने पर 25,000 रुपये के इनाम की घोषणा भी की गयी थी।