सनी लियोनी ने हिंसा के खिलाफ बोलने का दिखाया साहस, लेकिन 'सदी के महानायकों' अमिताभ-सचिन की नहीं खुली जुबान

Update: 2020-01-10 07:01 GMT

जहां एक तरफ अंतरराष्ट्रीय मीडिया तक में जेएनयू हिंसा खूब आलोचना की गयी है, बॉलीवुड अभिनेत्री सनी लियोनी तक जेएनयू छात्रों पर हुई बर्बरता के खिलाफ खड़ी हो गयी हैं, वहीं सदी के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन और सचिन तेंदुलकर की हिंसा के खिलाफ नहीं खुली जुबान…

जनज्वार, दिल्ली। दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में हुई हिंसा के विरोध में अब तक बॉलीवुड की कई हस्तियां खड़ी हो चुकी हैं। अब इस कड़ी में ताजा नाम बॉलीवुड अभिनेत्री सनी लियोनी का जुड़ गया है। उन्होंने साफ साफ कहा है कि हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। हिंसा के बिना भी काम हो सकता है।

दीपिका पादुकोण के जेएनयू पहुंचकर छात्रों के साथ खड़े होने के बाद उनके खिलाफ जिस तरह का माहौल बनाया गया, उस पर सदी के महानायकों ने तो कुछ नहीं बोला न ही विरोध जताया, मगर जिन्हें समाज पोर्न फिल्मों की स्टार क​हता है, उन सनी लियोनी ने जरूर हिंसा के विरोध में बयान दिया है।

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नी लियोनी ने हिंसा का विरोध करते हुए कहा, 'मैं कहना चाहूंगी कि सबसे बड़ा मुद्दा हिंसा है। मैं हिंसा में विश्वास नहीं करती। मेरा मानना है कि हिंसा के बिना भी जवाब दिया जा सकता है। इसमें सिर्फ एक पीड़ित नहीं है जिसको चोट लगी है, बल्कि उसका परिवार भी चोटिल होता है।'

ई बॉलीवुड ​हस्तियों जिनमें अनुराग कश्यप, जावेद अख्तर, शबाना आजमी, स्वरा भास्कर, तापसी पन्नू, सोनम कपूर, परिणति चोपड़ा समेत दर्जनों नाम शामिल हैं, जो CAA-NRC के खिलाफ हुए प्रदर्शनों और जेएनयू में भड़की हिंसा के खिलाफ या तो सड़कों पर उतरे और कई ने सोशल मीडिया के माध्यम से इसका विरोध किया।

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दीपिका पादुकोण तो जेएनयू कैंपस में घुसकर उपद्रवियों द्वारा बुरी तरह पीटे गये घायल स्टूडेंट्स से मिलने जेएनयू तक पहुंची। अब इस मामले पर सनी लियोनी का भी बयान आया है। सनी लियोनी ने कहा, वह जिस सबसे बड़े मुद्दे पर बात करना चाहती हैं, वह है हिंसा। सनी ने कहा कि वह हिंसा में यकीन नहीं रखतीं। उन्हें लगता है कि चीजों के हल के लिए हिंसा के बजाय दूसरा रास्ता भी होता है।

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हां एक तरफ सनी लियोनी तक जेएनयू छात्रों पर हुई बर्बरता के खिलाफ खड़ी हो गयी हैं, अंतरराष्ट्रीय मीडिया तक में इसकी खूब आलोचना की गयी है, वहीं हमारे देश में सदी के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन और सचिन तेंदुलकर ने एक शब्द नहीं बोला है। तमाम ख्यात अभिनेत्रियां भी इस मुद्दे पर होंठ सिले बैठी हैं।

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दीपिका पादुकोण के जेएनयू पहुंचने के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें जिस तरह की गाली-गलौच दी गयी, उस पर तक कोई किसी को बोलने का साहस नहीं आ रहा हैं। ऐसे वक्त में सनी लियोनी का हिंसा के खिलाफ बयान जरूर साहसिक कहा जाना चाहिए।

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