Singhu Border Murder : जिस दलित सुखबीर की हुई हत्या, उसके शव को डीजल से जला अंतिम संस्कार करने का लगा आरोप

यह आरोप भी सामने आया है कि परिजनों को उसका अंतिम दर्शन नहीं करने दिया गया और रात के अंधेरे में मोबाइल के टॉर्च की रोशनी के सहारे उसका अंतिम संस्कार किया गया।

Update: 2021-10-18 05:34 GMT

(सिंघु बॉर्डर पर दलित युवक लखबीर सिंह की हुई हत्या के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है) File pic.

Singhu Border Murder : सिंघु बॉर्डर (Singh Border) पर हुई दलित युवक लखबीर सिंह (Dalit Youth Lakhbir Singh)  की हत्या के बाद अब उसके अंतिम संस्कार को लेकर नया विवाद सामने आ गया है। आरोप लग रहा है कि लखबीर के शव पर तेल (डीजल) डालकर आनन-फानन में जला दिया गया।

यह आरोप भी सामने आया है कि परिजनों (Family) को उसका अंतिम दर्शन नहीं करने दिया गया और रात के अंधेरे में मोबाइल के टॉर्च (Mobile Tourch) की रोशनी के सहारे उसका अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद मामले पर नया बवाल खड़ा हो गया है।

लखबीर सिंह (Lakhbir Singh) के कथित अंतिम संस्कार का बताकर एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि सिंघु बॉर्डर पर मारे गए लखबीर सिंह का शनिवार, 16 अक्टूबर 2021 को रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) से लखबीर सिंह के शव को पंजाब के तरनतारन (Tarantaaran District) में स्थित उसके पैतृक गांव चीमा ले जाया गया।

आरोप है कि वहीं शनिवार, 16 अक्टूबर 2021 की रात मोबाइल टॉर्च की रोशनी में अंतिम संस्कार किया गया। इन आरोपों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पंजाब की सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस (Congress) पर हमला बोला है।

बीजेपी नेता अमित मालवीय ने अगले दिन रविवार, 17 अक्टूबर 2021 को एक ट्वीट के जरिए आरोप लगाया। उन्होंने लिखा, "35 वर्षीय दलित सिख लखबीर सिंह, जिनकी हत्या कर दी गई थी, उनका रात के अंधेरे में मोबाइल टॉर्च की रोशनी से आनन-फानन में अंतिम संस्कार कर दिया गया। लखबीर सिंह के परिवार को उनके बेटे का अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिया गया।"

बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस पर हमला करते हुए आगे कहा, "कांग्रेस शासित पंजाब में मरे हुए की कोई इज्जत नहीं, सिर्फ इसलिए कि वह एक दलित था'' 

बता दें कि शुक्रवार, 15 अक्टूबर 2021 की सुबह हरियाणा-दिल्ली के सिंघु बॉर्डर स्थित किसान आंदोलन स्थल (Farmers protest) के पास पंजाब के तरनतारन निवासी लखबीर सिंह का लहूलुहान शव लटका मिला था। उसके हाथ-पैर काट दिए गए थे और शव को पुलिस बैरिकेट से लटकाया गया था।

लखबीर सिंह पंजाब (Punjab) के तरनतारन जिले के चीमा गांव का रहने वाला था। लखबीर सिंह का हत्या का आरोप निहंगों पर लगा है। मामले में एक आरोपी गिरफ्तार हो चुका है।

वहीं निहंगों (Nihang) की ओर से लखबीर पर सरबलो ग्रंथ को अपवित्र करने का आरोप लगाया गया है। हालांकि, मृतक का परिवार बेअदबी करने के हमलावरों के दावे पर सवाल उठा रहा है और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग कर रहा है।

मृतक के परिवार वालों ने इंसाफ की मांग की है। परिजनों ने कहा था कि वो नशे का आदी था और उसे सिंघू बॉर्डर ले जाने के लिए लालच दिया गया था। लखबीर (Lakh beer Singh) के ससुर ने कहा कि उसे वहां जाने का लालच दिया गया। इसकी जांच होनी चाहिए और उसे न्याय मिलना चाहिए।

बताया जा रहा है कि मृतक लखबीर सिंह एक मजदूर के रूप में काम करता था। उनकी बहन ने मीडिया को बताया, "उसने 50 रुपये लिए और कहा कि वह चबल में काम करने जा रहा है और 7 दिनों के बाद वापस आ जाएगा। मुझे लगा कि वह वहां काम करने गया है। वह ऐसा व्यक्ति नहीं था (गुरु ग्रंथ साहिब (Guru Granth Sahib) का अपमान करने के लिए)। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।"

इस बीच सिंघु बॉर्डर पर हुई हत्या के मामले में दो और आरोपी निंहगों ने पिछले शनिवार को पुलिस ने सामने सरेंडर कर दिया। पुलिस हत्याकांड के दूसरे आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर दबाव बना रही थी इस बीच दो और निहंग ने सरेंडर किया है।

आरोपी निहंग के नाम भगवंत सिंह और गोविंद सिंह बताए गए हैं। इसके अलावा हत्या के एक और ओरोपी निहंग नारायण सिंह की गिरफ्तारी अमृतसर (Amritsar) से हुई है। अब तक इस हत्याकांड में कुल चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

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