Singhu Border News : सिंघु बॉर्डर हत्याकांड से किसान मोर्चा ने किया किनारा, निहंगों के गुट ने बर्बर हत्या की ली जिम्मेदारी
(सिंघु बॉर्डर पर दलित युवक लखबीर सिंह की हुई हत्या के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है) File pic.
Singhu Border News। हरियाणा के सिंघु बार्डर (Singhu Border) पर निहंग सिखों द्वारा कथित तौर युवक के अंग-भंग कर हत्या करने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस बीच सोशल मीडया पर एक वीडियो (Viral Video) तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें निहंग सिख कबूल कर रहे हैं कि उस लड़के (मृतक) को गुरु ग्रंथ साहिब की बेदबी करने के कारण मारा गया है। ताजा जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान लखबीर सिंह के तौर पर हुई है जो पंजाब के तरन -तारण जिले के चीमा खुर्द गांव का निवासी था।
इस मामले में हरियाणा पुलिस (Haryana Police) का कहना है कि घटना की सूचना तकरीबन सुबह 5 बजे मिली है जिसके बाद सोनीपत के कुंडली थाना (Kundli Police Station) में हरियाणा पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। अभी तक किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
इस घटना पर संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukta Kisan Morcha) ने अपना बयान जारी किया है। इसमें संयुक्त मोर्चा ने कहा है कि ''संयुक्त किसान मोर्चा के संज्ञान में आया है कि आज सुबह सिंधु मोर्चा पर पंजाब के एक व्यक्ति का अंग भंग कर उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना के लिए घटनास्थल के एक निहंग समूह/ग्रुप ने जिम्मेवारी ले ली है, और यह कहा है कि ऐसा उस व्यक्ति द्वारा सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश के कारण किया गया। खबर है कि यह मृतक उसी समूह/ग्रुप के साथ पिछले कुछ समय से था।"
SKM Statement on Singhu Incident:
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) October 15, 2021
SKM condemns this gruesom killing. SKM is against sacrilege of any religious text or symbol, but that does not give anyone the right to take the law into their own hands.
This peaceful and democratic movement is opposed to violence in any form. pic.twitter.com/rbVmAMXHZb
मोर्चा ने आगे कहा कि वह इस नृशंस हत्या की निंदा करते हुए यह स्पष्ट कर देना चाहता है कि इस घटना के दोनों पक्षों, इस निहंग समूह/ग्रुप या मृतक व्यक्ति, का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा ने आगे कहा कि हम किसी भी धार्मिक ग्रंथ या प्रतीक की बेअदबी के खिलाफ हैं, लेकिन इस आधार पर किसी भी व्यक्ति या समूह को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। हम यह मांग करते हैं कि इस हत्या और बेअदबी के षड़यंत्र के आरोप की जांच कर दोषियों को कानून के मुताबिक सजा दी जाए।
बयान में आगे कहा गया है कि संयुक्त किसान मोर्चा किसी भी कानून सम्मत कार्यवाही में पुलिस और प्रशासन का सहयोग करेगा। लोकतांत्रिक और शांतिमय तरीके से चला यह आंदोलन किसी भी हिंसा का विरोध करता है।
संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukta Kisan Morcha) ने इस घटना पर आपातकाल बैठक चल रही है । इसमें किसान नेता हन्नान मुल्लाह, दर्शनपाल सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, योगेंद्र यादव, शिव कुमार काका, गुरनाम सिंह चढूनी समेत 11 लोग हैं। जानकारी के मुताबिक किसान नेता इस बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाला ने कहा कि इस घटना के पीछे निहंग सिख है। उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है। निहंग आंदोलन के शुरू से हमें परेशान कर रहे हैं।
वहीं भाजपा के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने इस घटना को लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur Kheri Violance) से जोड़ते हुए एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि अगर राकेश टिकैत ने लखीमपुर हिंसा में मॉब लिंचिंग को सही नहीं ठहराया होता , योगेंद्र यादव बगल में बैठकर पवित्र चुप्पी नहीं साधते तो कुंडली सीमा पर एक युवक की हत्या नहीं होती। किसानों के नाम पर इन विरोध प्रदर्शनों के पीछे की अराजकतावादियों को बेनकाब करने की जरूरत है।
Had Rakesh Tikait not justified mob lynching in Lakhimpur, with Yogendra Yadav, sitting next to him, maintaining sanctimonious silence, the gory murder of a youth at Kundali border would not have happened. Anarchists behind these protests in the name of famers need to be exposed. https://t.co/YkchLIQxgY
— Amit Malviya (@amitmalviya) October 15, 2021