कोरोना वैक्सीनेशन के बाद आशा कार्यकर्ता की मौत, परिजनों ने मांगा 50 लाख का मुआवजा
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अमरावती। कोरोना के खिलाफ जंग के लिए देशव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू हो चुका है। अब तक लाखों लोग वैक्सीनेशन करवा चुके हैं, मगर इस दौरान टीकाकरण के साइड इफेक्ट से कई मौतें भी हो चुकी हैं। मरने वालों में ज्यादातर स्वास्थ्यकर्मी या कोरोना वारियर्स शामिल हैं।
आंध्र प्रदेश में 19 जनवरी को एक आशा कार्यकर्ता को कोरोना वैक्सीन के बाद कथित साइड इफेक्ट की जानकारी सामने आयी थी और गुंटूर के एक सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान रविवार 24 जनवरी की तड़के उसकी मौत हो गई। मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) जिसका नाम विजया लक्ष्मी (44) है, उसके परिवार वालों ने आरोप लगाया कि टीकाकरण के बाद साइड इफेक्ट के कारण उलकी मौत हुई है, अधिकारियों ने कहा कि मौत के कारण की जांच चल रही है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता की मौत का कारण उसकी शव परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही पता चलेगा।
हालांकि अधिकारियों ने सफाई में कहा कि मृत्यु टीकाकरण से नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि गुंटूर जिले में अब तक 10,000 से अधिक लोगों को टीका दिया गया है और एक भी साइड इफेक्ट की घटना की सूचना नहीं मिली है।
आशा कार्यकर्ता की मौत के बाद उसके परिवार के सदस्यों और आशा कार्यकर्ताओं ने गुंटूर के सरकारी जनरल अस्पताल में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की।
गुंटूर के जिला कलेक्टर सैमुअल आनंद ने घोषणा की कि मृतक के बेटे को एक सरकारी नौकरी दी जाएगी।
विजय लक्ष्मी के अलावा तेलंगाना के वारंगल जिले से भी 45 वर्षीय एक आंगनवाड़ी शिक्षिका की मौत की खबर आई है। उसे भी 19 जनवरी को टीका लगा था। शनिवार 23 जनवरी की रात सीने में दर्द होने पर वह कुछ दवाएं लेकर सो गई और रविवार 24 जनवरी की सुबह मृत पाई गई। पोस्टमार्टम के लिए उसका शव महात्मा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल ले जाया गया है और जांच के लिए सैंपल भी लिए गए हैं।
इससे पहले प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (पीएचसी) केंद्र के साथ काम करने वाली एक 55 वर्षीय महिला की शुक्रवार 22 जनवरी की सुबह भंगरौला गांव में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि कोरोनोवायरस वैक्सीन लगाने के बाद उनकी मौत हो गई। महिला के पति ने न्यू कॉलोनी पुलिस स्टेशन में दर्ज की गयी अपनी शिकायत में कहा कि उसकी पत्नी शुक्रवार 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तक सो रही थी, उसके मन पर संदेह पैदा हुआ, जिसके बाद उसे तुरंत एक निजी अस्पताल ले गया जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।