Begin typing your search above and press return to search.
कोविड -19

नहीं कह सकते दिल्ली ने 4 गुना बढ़ाकर बताई डिमांड, ऑक्सीजन ऑडिट की जिस रिपोर्ट पर मचा घमासान उस पर कमेटी अध्यक्ष की सफाई

Janjwar Desk
26 Jun 2021 7:12 PM IST
नहीं कह सकते दिल्ली ने 4 गुना बढ़ाकर बताई डिमांड, ऑक्सीजन ऑडिट की जिस रिपोर्ट पर मचा घमासान उस पर कमेटी अध्यक्ष की सफाई
x

ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी के अध्यक्ष एम्स निदेशक डॉ. गुलेरिया ने कहा नहीं कह सकते केजरीवाल सरकार ने चार गुना बढ़ाकर बताई डिमांड

ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी रिपोर्ट पर नया मोड़ तब आ गया है, जब रिपोर्ट जारी करने वाली कमेटी अध्यक्ष एम्स निदेशक रणदीप निदेशक ने ऐसा बयान दिया है, जिससे पूरा मामला पलटता नजर आ रहा है...

जनज्वार। ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी की रिपोर्ट पर केंद्र की योगी सरकार के साथ—साथ तमाम भाजपा नेताओं ने केजरीवाल सरकार को घेरा हुआ है। कहा कि कोरोना की भयावहता के दौर में दिल्ली सरकार ने जरूरत से ज्यादा 4 गुना ज्यादा ऑक्सीजन की डिमांड की, जिससे लगभग एक दर्जन अन्य राज्यों को ऑक्सीजन की भारी किल्लत झेलनी पड़ी।

मगर अब इसी ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी रिपोर्ट पर नया मोड़ तब आ गया है, जब रिपोर्ट जारी करने वाली कमेटी अध्यक्ष एम्स निदेशक रणदीप निदेशक ने ऐसा बयान दिया है, जिससे पूरा मामला पलटता नजर आ रहा है। ऑडिट कमेटी के अध्यक्ष और एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने आज 26 जून को कहा है कि, 'मुझे नहीं लगता कि ऐसा कह सकते हैं कि दिल्ली ने अपनी ऑक्सीजन डिमांड चार गुना बढ़ाकर बताई।'

सवाल है कि अगर कमेटी के अध्यक्ष ही ऐसा बयान दे रहे हैं भाजपा किस आधार पर केजरीवाल सरकार को दूसरे राज्यों में ऑक्सीजन किल्लत का जिम्मेदार ठहरा रही है। अगर दिल्ली में इतनी ही ऑक्सीजन उपलब्ध थी तो रोज बिना ऑक्सीजन के सैकड़ों मौतों की खबरें कहां से आयीं। जाने-माने अस्पताल भी ऑक्सीजन के लिए रोते-गिड़गिड़ाते क्यों नजर आये। संबित पात्रा समेत तमाम भाजपा नेता सोशल मीडिया पर केजरीवाल सरकार को घेर रहे हैं कि दिल्ली की वजह से बाकी राज्यों में मौतों का आंकड़ा बढ़ा।

गौरतलब है कि अप्रैल और मई में जब कोरोना की दूसरी लहर अपनी चरम पर थी, तब राजधानी समेत पूरे देश में ऑक्सीजन की मांग अचानक से कई गुना ज्यादा बढ़ गयी। ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हो गयी। इसी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी का गठन किया था, जिसका अध्यक्ष एम्स निदेशक डॉ. गुलेरिया को बनाया गया था। इस कमेटी की रिपोर्ट शुक्रवार 25 जून को एकदम से सुर्खियों में आयी। तमाम भाजपा नेताओं ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि दिल्ली सरकार ने अपनी जरूरत के हिसाब से चार गुना ज्यादा ऑक्सीजन की डिमांड की, जिसके चलते 12 अन्य राज्यों को ऑक्सीजन की किल्लत झेलनी पड़ी।

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ने केजरीवाल सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया, मगर आज 26 जून का इस मामले पर ऑडिट कमेटी के अध्यक्ष और एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने मीडिया से बातचीत में कहा है, 'मुझे नहीं लगता कि ऐसा कह सकते हैं कि दिल्ली ने अपनी ऑक्सीजन डिमांड चार गुना बढ़ाकर बताई। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। हमें इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट इस बारे में क्या कहती है।'

डॉ. गुलेरिया के इस बयान के बाद अब ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट पर भी विवाद गहरा गया है। पांच सदस्यीय कमेटी में दिल्ली सरकार द्वारा नामित सदस्यों डॉ. संदीप बुद्धिराजा और भुपिंदर एस भल्ला की असहमति अंतरिम रिपोर्ट में शामिल न किए जाने से रिपोर्ट की निष्पक्षता पर ही सवाल उठ गया है। सवाल यह भी है कि अगर इस अंतरिम रिपोर्ट को सर्वोच्च न्यायालय के सामने रखा जाता है तो इस पर अदालत का रुख क्या होगा। गौरतलब है कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 30 जून को सुनवाई होनी है।

सबसे पहले भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने शुक्रवार 25 जून को ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट का हवाला देते हुए आप पर आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की डिमांड चार गुना बढ़ाकर बताई। अपने इस आरोप के लिए उन्होंने कमेटी की उस रिपोर्ट को आधार बनाया जिसमें कहा गया है कि दिल्ली की ऑक्सीजन की कुल डिमांड 289 मिट्रिक टन ही थी, ऑक्सीजन की यह अनुमानित मांग केंद्र सरकार के फॉर्मूले के आधार पर थी, जिसमें यह आधार माना गया है कि कुल नॉन-आईसीयू मरीजों के लगभग 50 प्रतिशत को ही ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन दिल्ली सरकार ने अपने लिए इसी दौरान 1140 मिट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की।

डॉ. गुलेरिया के बयान के बाद भी पहले आम आदमी पार्टी में रहे और अभी भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया है, 'ऐसे कैसे भाग सकते हो केजरीवाल, पाप खुल गया, अपराध पकड़ा गया तो झगड़ा खतम करने के लिए गिड़गिड़ाने लगे। अभी तो आप पर FIR होगी, मैं आज ही कानूनी नोटिस भेज रहा हूँ। जिन राज्यों में आपके कारण लोगों की मृत्यु हुई, वहां सब जगह आप पर FIR करवाएंगे। इस पाप की माफी नहीं।'

लगातार हमलावर होते भाजपा नेताओं को जवाब देते हुए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि ऐसी कोई रिपोर्ट है ही नहीं। कथित रिपोर्ट बीजेपी मुख्यालय में तैयार की गई है। वहीं पात्रा ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दूसरी लहर के दौरान जब संक्रमण के मामले चरम पर थे, तब दिल्ली सरकार ने 1140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की थी, जबकि वह 209 मीट्रिक टन का भी इस्तेमाल नहीं कर पायी थी।

Next Story

विविध

News Hub