गायत्री मंत्र पढ़ने से कोरोना ठीक करने पर रिसर्च करा रहा मोदी सरकार का साइंस मंत्रालय
जनज्वार डेस्क। केंद्र की मोदी सरकार का विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने ऋषिकेश स्थित एम्स में एक क्लिनिकल ट्रायल के लिए फंडिंग की है। विभाग का मानना है कि गायित्री मंत्र के जाप और प्राणायाम के योगाभ्यास से कोविड 19 के मरीजों को रिकवरी की क्वालिटी में मदद कर सकता है, साथ ही रोगियों को कोविड 19 से जल्द ठीक कर सकता है।
'द हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक, क्लिनिकल ट्रायल में 'मध्यम लक्षणों' वाले 20 कोविड 19 मरीजों को भर्ती करने का लक्ष्य है। जिन्हें दो समूहों में विभाजित किया जाएगा। जिसमें 14 दिनों तक एक समूह के मरीजों को स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट मिलेगा जबकि दूसरे समूह के लोगों को एक सर्टिफाइड योग प्रशिक्षक की देखरेख में मंत्र का जाप और सांस लेने व छोड़ने का योगाभ्यास करना होगा।
फिर समूहों की तुलना इस बात पर की जाएगी कि जिन लोगों ने अतिरिक्त उपचार प्राप्त किया है वे सूजन या सेल इंजरी के लिए औसत रूप से बेहतर मार्कर दिखाते हैं या नहीं। गंभीर कोविड 19 के कारणों में वायरस की उपस्थिति से इम्युनिटी सिस्टम का नुकसान है। जो कि घातक साबित हो सकता है। हालांकि कई एक्सपरिमेंटल ट्रीटमेंट मौजूद हैं, फिर भी स्वास्थ्य परिणामों में सुधार के लिए कोई खास दवा साबित नहीं हुई है।
इस क्लिनिकल ट्रायल में यह भी मूल्यांकन किया जाएगा कि क्या उनकी थकान और एनाग्जाइटी डिसऑर्डर कम हुआ है। एम्स में पल्मोनोलॉजिस्ट और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। रुचि दुआ ने द हिंदू को बताया कि अध्ययन के लिए भर्ती शुरू हो चुकी है। "संस्थान में योग पर शोध करने वाले एक पोस्टडॉक्टरल रिसर्चर भी शामिल हैं। हम अगले दो-तीन महीनों में स्वास्थ्य के परिणाम को मापने के लिए सी-रिएक्टिव प्रोटीन के स्तर के साथ-साथ एक मानक पैमाने के माध्यम से सूजन के मार्करों को मापेंगे।
उन्होंने कोविड 19 से जुड़ी थैरेपी और दवाओं के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग से फंड के लिए आवेदन किया था। इस स्टडी को पूरा करने के लिे उन्हें तीन लाख का फंड दिया गया है।