कोविशील्ड लगवाने वालों को नहीं मिलेगा 'वैक्सीनेशन पासपोर्ट', अडार पूनावाला बोले हमारी अर्थव्यवस्था को होगा नुकसान
(यूरोप के कई सदस्य देशों ने 'डिजिटल वैक्सीन पासपोर्ट' जारी करना शुरू कर दिया है, जो यूरोपीय लोगों को यात्रा के लिए स्वतंत्र रूप से आने-जाने की अनुमति देगा।)
जनज्वार डेस्क। मोदी सरकार कोरोना से निपटने के लिए भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाने का ढिंढोरा पीट रही है। जगह जगह 'धन्यवाद मोदीजी' का पोस्टर लगवाया जा रहा है। दूसरी तरफ पूरी दुनिया में भारत की हंसी उड़ाई जा रही है। देश के ज्यादातर लोगों को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया की तरफ से बनाई गई कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड ही दी जा रही है, लेकिन कोविशील्ड को अभी भी कई देशों ने अपने यहां अप्रूव नहीं किया है।
अब इसी से जुड़ी एक और खबर सामने आ रही है। कोविशील्ड वैक्सीन लेने वाले यात्री यूरोपीय संघ के 'ग्रीन पास' या 'वैक्सीन पासपोर्ट' के लिए पात्र नहीं होंगे, जो 1 जुलाई से 'वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट' के रूप में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।
यूरोपीय संघ ने वैक्सीन पासपोर्ट स्कीम के तहत भारत में लगने वाले वाली दोनों ही वैक्सीन को मान्यता नहीं दी है। कोविशील्ड के यूरोपीय वर्ज़न यानी एस्ट्राज़ेनेका को स्वीकार्य माना गया है लेकिन कोविशील्ड को मान्य वैक्सीन की सूची में नहीं रखा गया है।
यूरोप के कई सदस्य देशों ने 'डिजिटल वैक्सीन पासपोर्ट' जारी करना शुरू कर दिया है, जो यूरोपीय लोगों को यात्रा के लिए स्वतंत्र रूप से आने-जाने की अनुमति देगा। यात्रा पर जाने वाले व्यक्ति के लिए 'वैक्सीन पासपोर्ट' इस बात के सबूत के तौर पर काम करेगा कि उस व्यक्ति को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
हालांकि, इससे पहले ईयू ने कहा था कि सदस्य देशों को इस बात की परवाह किए बिना 'वैक्सीन पासपोर्ट' जारी करना चाहिए कि व्यक्ति को कौन सी वैक्सीन लगाई गई है, लेकिन ऐसे संकेत सामने आ रहे हैं कि ये 'ग्रीन पास' 'ईयू-व्यापी विपणन प्राधिकरण' से प्राप्त करने वाले टीकों तक ही सीमित होंगे।
फिलहाल यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी की तरफ से कोरोना के चार टीकों को ही मंजूरी दी गई है- कॉमिरनाटी (फाइजर/बायोएनटेक), मॉडर्ना, वैक्सजेरविरिया (एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड) और जानसेन (जॉनसन एंड जॉनसन)। इन टीकों का इस्तेमाल यूरोपीय संघ के सदस्य देशों की तरफ से सर्टिफिकेट या वैक्सीन पासपोर्ट जारी करने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, वैक्सजेवरिया और कोविशील्ड दोनों ही एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन हैं, लेकिन अब तक भारत में बनाई गई कोविशील्ड को अप्रूव नहीं किया गया है, जबकि कोविशील्ड को विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से भी मंजूरी दी जा चुकी है।
यूरोपीय संघ उन लोगों के लिए 'जॉइंट डिजिटल सर्टिफिकेट' पर काम कर रहा है, जिन्हें कोरोना की वैक्सीन दी जा चुकी है या जिन्होंने हाल ही में कोरोना का टेस्ट करवाया है या जो हाल ही में कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। ऐसे लोगों को यूरोपीय संघ की तरफ से फ्री सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा, जिसमें सुरक्षा सुविधाओं के साथ एक क्यूआर कोड होगा। इस सर्टिफिकेट के होने पर लोगों को यूरोपीय देशों में यात्रा करने के बीच क्वारंटीन या अतिरिक्त कोरोना टेस्टिंग से नहीं गुजरना पड़ेगा।
कई यूरोपीय संघ के देशों ने पहले से ही इस सिस्टम का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, जिनमें स्पेन, जर्मनी, ग्रीस और पोलैंड शामिल हैं। बाकी देशों की तरफ से 1 जुलाई से इसका इस्तेमाल शुरू किया जा सकता है। हालांकि, अभी ये स्पष्ट नहीं है कि इन प्रमाणपत्रों या 'वैक्सीन पासपोर्ट' का भारतीय यात्रियों पर कितना असर पड़ेगा, क्योंकि ये पासपोर्ट मुख्य रूप से यूरोपीय संघ के नागरिकों के लिए है, लेकिन दूसरे देश भी ये प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
दूसरी तरफ एक सूत्र ने सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला के हवाले से कहा, 'भारत की आबादी बड़ी है। कोविशील्ड को ईयू कोविड-19 टीकाकरण पासपोर्ट में शामिल नहीं करने से कोविशील्ड का टीका लगवाने वाले लोग यूरोपीय देशों की यात्रा नहीं कर सकेंगे और इससे छात्रों, व्यवसायियों को यात्रा में दिक्कतें आएंगी और इससे हमारी अर्थव्यवस्था एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़ी बाधा उत्पन्न होगी।' पूनावाला ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर ये बातें कही हैं।
सूत्रों ने पूनावाला के पत्र का हवाला देते हुए बताया कि एसआईआई में सरकार एवं विनियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने इसमें जयशंकर से भी हस्तक्षेप करने के लिए कहा है। सिंह ने कहा है, कोविशील्ड टीके को अगर ईयू कोविड-19 टीकाकरण पासपोर्ट में शामिल किया जाता है तो यह देश हित में होने के साथ ही दुनिया भर के लोगों के हित में होगा।
पूनावाला ने ट्वीट कर कहा कि, 'मुझे पता है कि कोविशील्ड का टीका लगवाने वाले कई भारतीयों को ईयू की यात्रा करने में समस्याएं आ रही हैं, मैं हर किसी को आश्वासन देता हूं कि इसे मैंने उच्चतम स्तर पर उठाया है और इसके जल्द समाधान की उम्मीद है।'