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प्राइवेट ट्रेनों की सवारी के लिए अभी आपको करना होगा लंबा इंतजार, रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने कही यह बात

Janjwar Desk
2 July 2020 12:36 PM GMT
प्राइवेट ट्रेनों की सवारी के लिए अभी आपको करना होगा लंबा इंतजार, रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने कही यह बात
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file photo

रेलवे ने निजीकरण की दिशा में कदम बढा दिया है। आज रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने इस संबंध में नई जानकारियां दी है...

जनज्वार, नई दिल्ली। निजी ट्रेनों के परिचालन को नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार (1 July 2020) को सैद्धांतिक अनुमति दे दी है। इसके बाद गुरुवार (2 July 2020) को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव का इस संबंध में बड़ा बयान आया है। वीके यादव ने कहा है कि निजी ट्रेनों का परिचालन अप्रैल 2023 तक आरंभ हो पाएगा। यानी इसके लिए अभी पौने तीन साल का लंबा इंतजार करना होगा।

वीके यादव ने कहा कि प्राइवेट ट्रेनों के परिचालन के लिए एक मैकेनिज्म बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पांच पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत पांच प्रतिशत ट्रेनें प्राइवेट ऑपरेटर द्वारा चलायी जाएंगी, जबकि 95 प्रतिशत ट्रेनें भारतीय रेलवे द्वारा चलायी जाएंगी।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि अधिकतर ट्रेनों का निर्माण भारत में होगा। उन्होंने कहा कि प्राइवेट ऑपरेटर ट्रेनों का किराया हवाई जहाज व एसी बसों के किराये को ध्यान में रखते हुए किराया तय करेंगे।

रेलवे ने यह तय किया है कि 109 रूट पर 151 निजी ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा। ये ट्रेनें उच्च गुणवत्ता वाली होंगी, जिनमें हवाई जहाज स्तर की सुविधाएं होंगी। ये ट्रेनें 160 किमी की रफ्तार से चलने में सक्षम होंगी और समय पर पहुंचने का लक्ष्य अहम होगा। भारत में निजी सेक्टर द्वारा ट्रेनों के परिचालन का यह पहला प्रयास है।

इन रूट पर चलने वाली ट्रेनों में 16 डब्बे होंगे और निजी बोलीदाता की मंजूरी प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होगी। अधिकतर ट्रेनों का निर्माण मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत होगा।

परियोजना के लिए 35 साल तक छूट दी जा सकती है। प्रावइेट पार्टी को सकल राजस्व में हिस्सेदारी देनी होगी और उन्हें ट्रेनों में खानपान, बिस्तर व सफाई की व्यवस्था करनी होगी।

ट्रेनों का किराया निजी पार्टियों द्वारा तय करने को लेकर ही चिंता जतायी जा रही है कि इससे गरीबों के लिए उच्च गुणवत्ता की ट्रेनों पर सवारी करना महंगा हो सकता है।

ट्रेनों का परिचालन हालांकि भारतीय रेल के चालक व गार्ड ही करेंगे।

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