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यूटिलिटी न्यूज : आज से बदल गया एसबीआइ से पैसा निकासी का तरीका, धोखाधड़ी से बच सकेंगे ग्राहक

Janjwar Desk
18 Sept 2020 12:04 PM IST
यूटिलिटी न्यूज : आज से बदल गया एसबीआइ से पैसा निकासी का तरीका, धोखाधड़ी से बच सकेंगे ग्राहक
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साइबर ठगी के सबसे अधिक शिकार एसबीआइ के ग्राहक ही होते हैं, ऐसे में नए बदलाव से उन्हें थोड़ी राहत मिलेगी...

जनज्वार। देश के सबसे बड़े व सबसे अधिक कस्टमर बेस वाले बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 18 सितंबर से पैसा निकासी का तरीका बदल गया है। इससे इस बैंक के ग्राहकों को साइबर धोखाधड़ी या एटीएम कार्ड का क्लोन कर पैसा निकाल लेने के खतरे से बड़ी राहत मिलेगी।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा नियमों में किए गए बदलाव से अब ग्राहकों को 10 हजार या उससे अधिक की एटीएम से निकासी के लिए उनके रजिस्टर्ड नंबर पर आने वाले ओटीपी को मशीन में दर्ज करना होगा। इससे ग्राहकों को यह फायदा होगा कि उनकी बड़ी रकम साइबर धोखाधड़ी या एटीएम क्लोन कर कोई नहीं निकाल सकेगा, क्योंकि उसके पास ओटीपी उपलब्ध नहीं होगा। हालांकि 10 हजार से कम की निकासी पर ऐसा खतरा बना रहेगा।


मालूम हो कि इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इस साल जनवरी में इस तरह की सुविधा रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक के लिए उपलब्ध करायी थी। पिक ऑवर में यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी। यानी पिक ऑवर में खतरे बने हुए थे। अब 24 घंटे यह सुविधा उपलब्ध रहेगी।

अब ग्राहक को 10 हजार रुपये या उससे अधिक की निकासी के लिए पिन डालने के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी का दर्ज कर उसकी पुष्टि करनी होगी। पर, अभी यहां एक कमी यह है कि सिर्फ एसीबीआइ के एटीएम से पैसे निकासी करने पर ही ओपीटी वेरिफिकेशन की सुविधा उपलब्ध होगी। दूसरे बैंकों के एटीएम से अगर एसबीआइ ग्राहक पैसे निकालेंगे तो फिलहाल यह सुरक्षा कवर उन्हें हासिल नहीं होगा। दूसरे एटीएम को इस सुविधा से अभी कनेक्ट नहीं किया जा सका है।

मालूम हो कि सरकारी आंकड़ों के जरिए इस तरह की खबरें आती रही हैं कि देश में सबसे अधिक साइबर व ऑनलाइन ठगी के शिकार एसबीआइ के ग्राहक ही होते हैं। इसके लिए समय-समय पर कदम भी उठाए जाते रहें, लेकिन वे नाकाफी साबित होते रहे हैं। साइबर ठग व अन्य प्रकार के अपराधी उसकी कोई नई काट खोज लेते हैं। कुछ निजी बैंकों ने धोखाधड़ी से बचने के लिए छह अंक का पिन प्रचलन में लाया है तो बैंक कुछ अंतराल पर पिन बदलने की भी सलाह ग्राहकों को देते रहते हैं।

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