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आर्थिक

Budget 2022 : जानें क्या हुआ सस्ता और किन चीजों के लिए चुकानी पड़ेगी ज्यादा कीमत?

Janjwar Desk
1 Feb 2022 11:07 AM IST
Nirmala Sitaraman हुई कांग्रेस पर हमलावर, बोलीं - राहुल गांधी के भाषण की परवाह किए बिना अशोक गहलोत ने अडानी को दी जमीन
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Nirmala Sitaraman हुई कांग्रेस पर हमलावर, बोलीं - राहुल गांधी के भाषण की परवाह किए बिना अशोक गहलोत ने अडानी को दी जमीन

बजट के प्रावधानों की वजह से इलेक्‍ट्रॉनिक आइटम्‍स, जवाहरात-आभूषण, घड़‍ियां और कैमिकल्‍स सस्‍ते होंगे, वहीं विदेशी छाते महंगे हो जाएंगे।

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sithraman ) ने चौथी बार संसद में देश का लेखा जोखा यानि बजट 2022-2023 ( Union Budget 2022 ) पेश किया। बजट के शुरुआती भाषण में उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर से गुजर रहे हैं। भारत तेजी से अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 से हमारी सरकार गरीबी और हाशिए पर रह रहे लोगों को सशक्त बनाने में जुटी है। समावेशी विकास केंद्र सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। किसानों की आय को बढ़ाने के लिए पीपीपी मोड में योजना शुरू की जाएगी। 60 लाख नई नौकरियां देगी सरकार। इसके साथ ही लोगों की यह जानने को लेकर भी उत्‍सुकता है कि बजट में क्‍या महंगा हुआ और जरूरत की किन वस्‍तुओं के लिए अब उन्‍हें ज्‍यादा कीमत चुकानी होगी। बजट के कारण जहां इलेक्‍ट्रॉनिक आइटम्‍स, जवाहरात-आभूषण, घड़‍ियां और कैमिकल्‍स सस्‍ते होंगे, वहीं विदेशी छाते महंगे हो जाएंगे।

क्या -क्या हुआ महंगा

कैपिटल गुड्स पर आयात शुल्क में छूट खत्म कर दिया गया है। इस पर 7.5 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया गया है। वहीं इमिटेशन ज्वैलरी पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई। इसका मकसद कम कीमत वाले नकली आभूषणों के आयात को कम करना है। साथ ही विदेशी छाता भी महंगा हो जाएगा। इसके अलावा, अक्टूबर 2022 से बिना ब्लेंडिंग वाले फ्यूल पर 2 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से एक्साइज ड्यूटी लगेगी। इसके आयात पर कम से कम 400 रुपए प्रति किलोग्राम शुल्क लगाने की योजना है।

क्या-क्या हुआ सस्ता

जेम्स एंड ज्वेलरी के साथ ही इस बजट में चमड़ा, कपड़ा, खेती का सामान, पैकेजिंग के डिब्बे, मोबाइल फोन चार्जर सस्ते हुए हैं। इसके अलावा हीरे पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई है। डायमंड पसंद करने वाली महिलाओं के लिए एक बड़ा तोहफा कहा जा सकता है। क्योंकि, बजट में सीतारमण ने कटे और पॉलिश डायमंड और रत्नों पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को 5% घटा दिया है। इसका साफ़ मतलब है की हीरे के गहने सस्ते होंगे। इसके अलावा विदेशी मशीनें और इलेक्ट्रानिक समान भी सस्ते हो जाएंगे। पिछले साले के बजट में नायलॉन के कपड़े, लोहा, स्‍टील, कॉपर आइटम्‍स, सोना, चांदी और प्‍लेटिनम जैसे आइटम सस्ते हुए थे।

बजट 2022 की अहम बातें

1. आयकर दाताओं को टैक्स स्लैब्स में कोई राहत नहीं मिली है। यानि आयकर स्लैब्स जस का तस है। अब टैक्सपेयर्स गलती पता चलने पर असेसमेंट ईयर के दो साल तक अपडेटेट रिटर्न भर पाएंगे। स्टैंडर्ड डिडक्शन और 80C में भी कोई छूट नहीं मिली है। लगातार 7वां ऐसा बजट है जिसमें इनकम टैक्स स्लैब पर कोई चेंज नहीं किया गया है।

2. रक्षा क्षेत्र में रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट के 25 फीसदी रक्षा आरएंडडी के साथ उद्योग, स्टार्टअप और शिक्षा के लिए खोला जाएगा। निजी उद्योग को एसपीवी मॉडल के माध्यम से डीआरडीओ और अन्य संगठनों के सहयोग से सैन्य प्लेटफार्मों और उपकरणों के डिजाइन और विकास के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। रक्षा में पूंजीगत खरीद बजट का 68 फीसदी घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित किया गया है।

3. अब किसानों को डिजिटल सेवा दी जाएगी, तिलहनों के उत्पादन को बढ़ावा देने का अभियान शुरू किया जाएगा। केमिकल फ्री नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। पहले चरण में इसकी शुरुआत गंगा के किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में की जाएगी। मौजूदा वर्तमान वित्त वर्ष में 2.37 लाख करोड़ रुपये के खाद्यान्न की एमएसपी के तहत किसानों से खरीद की गई है। केंद्र सरकार ने 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित करने का निर्णय लिया है।

4. चालू वित्त वर्ष में डिजिटल करेंसी की शुरुआत होगी। रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी को लॉन्च करेगा। इससे डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा। ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल करके डिजिटल करेंसी शुरू की जाएगी। सरकार डिजिटल संपत्ति हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 फीसदी कर लगाएगी। एलआईसी के आईपीओ पर तेजी से काम चल रहा है। इस साल निजीकरण को और बढ़ाया जाएगा।

5. डाकघर अब पूरी तरह डिजिटल होंगे। 1.5 लाख डाकघरों में 100 फीसदी कोर बैंकिंग प्रणाली पर आएंगे। यानि इसकी पहुंच अब नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम के माध्यम से खातों तक होगी। डाकघर खातों और बैंक खातों के बीच पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर किए जा सकेंगे।

6. कोरोना महामारी के मद्देनजर बजट में डिजिटल शिक्षा व ऑनलाइन लर्निंग पर खासा जोर दिया। ई-कंटेंट और ई-लर्निंग को प्रोत्साहन देने के लिए देश में डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना होगी। पीएम ई विद्या के 'वन क्लास, वन टीवी चैनल' कार्यक्रम को 12 से 200 टीवी चैनलों तक बढ़ाया जाएगा। सभी राज्यों को कक्षा 1 से 12 तक क्षेत्रीय भाषाओं में सप्लीमेंट्री शिक्षा प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। मानसिक समस्याओं के लिए नेशनल टेलीमेंटल हेल्थ प्रोग्राम भी शुरू होगा।

7. इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत 130 लाख से अधिक एमएसएमई को लोन दिए गए हैं। ईसीएलजीएस के दायरे को 50 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपए तक कर दिया गया है। इससे एमएसएमई को 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त लोन मिल सकेगा।


वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि तकनीक से जुड़े विकास पर सरकार का ध्यान है। बजट से आम निवेश को बढ़ावा मिलेगा। महामारी और उसके पहले से चली आ रही चुनौतियों से प्रभावित आर्थिक गतिविधियों को तेज करने पर सरकार का जोर होगा। गंगा किनारे पांच किलोमीटर का कॉरिडोर बनेगा।

गरीबों की क्षमता बढ़ाने पर हमारा जोर है। PM गतिशक्ति योजना से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। 25 हजार किलोमीटर सड़कें बनाने का इरादा भी है। आगामी 3 वर्षों के दौरान बेहतर दक्षता वाली 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनें लाई जाएंगी। इसी दौरान 100 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे। 750 नई ई-लैब्स बनाई जाएंगी और इसका मकसद टेस्टिंग पर जोर होगा।

आगामी 3 वर्षों के दौरान बेहतर दक्षता वाली 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनें लाई जाएंगी। इसी दौरान 100 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे। चालू वित्त वर्ष में जीवन बीमा निगम का IPO भी आएगा। केंद्र सरकार देश में 60 लाख नई नौकरियों का प्रबंध करने का काम करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार के पास 30 लाख अतिरिक्त नौकरी देने की क्षमता है।

सब्जी उत्पादन के प्रोत्साहन के लिए नीति बनाई जाएगी। खाद्य तेलों के ऊंचे दामों के बीच तिलहन उत्पादन को बढ़ावा दिए जाने की नई नीतियों की घोषणा की जाएगी। गेहूं समेत रबी फसलों की खरीद भी सरकार बढ़ाएगी।

कोरोना महामारी से जूझ रहे पर्यटन, होटल समेत हॉस्पिटिलैटी सेक्टर के लिए ईसीएलजीएस (ECLGS) स्कीम को मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया है। लघु उद्योगों के लिए भी क्रेडिट गारंटी स्कीम को आगे बढ़ाया गया है।

देश की 5 बड़ी नदियों को जोड़ने पर दिया जाएगा जोर

25 हजार किलोमीटर के नेशनल हाईवे के विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा। देश में 5 बड़ी नदियों को जोड़ने के लिए जल संसाधन विकास मंत्रालय की भी मदद से कार्य किया जाएगा। देश में सिंचाई और पेयजल के लिए योजनाओं पर काम किया जा रहा है और गंगा किनारे बसे किसानों को मदद दी जाएगी।

80 लाख नए घरों का होगा निर्माण

चालू वित्त वर्ष में 2022-23 में 80 लाख नए घरों का निर्माण होगा। इसके तहत 48 हजार करोड़ रुपए की राशि आवंटित की जाएगी। नए घरों के लिए शहरी क्षेत्रों में ज्यादा राशि आवंटित की जाएगी और ग्रामीण इलाकों के लिए आधुनिक घरों का निर्माण किया जाएगा।

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