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शिक्षा

10वीं की छात्रा ने की आत्महत्या, दिहाड़ी मजदूर मां-बाप फीस भरने में थे असमर्थ इसलिए स्कूल नहीं दे रहा था एंट्री

Janjwar Desk
12 Feb 2021 10:37 AM GMT
10वीं की छात्रा ने की आत्महत्या, दिहाड़ी मजदूर मां-बाप फीस भरने में थे असमर्थ इसलिए स्कूल नहीं दे रहा था एंट्री
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हैदराबाद में गुरुवार 11 फरवरी को एक दिहाड़ी मजदूर दंपती की बेटी ने आत्महत्या कर ली, क्योंकि स्कूल में फीस न भरने की वजह से उसे कथित तौर पर क्लास अटेंड नहीं करने दिया गया था और डाला जा रहा था फीस भरने के लिए लगातार दबाव....

जनज्वार। लॉकडाउन में जहां एक तरफ अंबानी की संपत्ति पल—पल बढ़ती गयी तो वहीं बहुत बड़े पैमाने पर गरीब लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा बेहाल हो गयी है। रोजी—रोटी के लिए गरीब जनता की बेहाली किसी से छुपी नहीं है। लाखोंलाख बच्चे अपनी पढ़ाई से दूर हो गये हैं, क्योंकि आनलाइन पढ़ाई उनके बूते की बात नहीं है और उस पर भी स्कूलों का फीस भरने के लिए भारी दबाव बढ़ता जा रहा है। जो मां—बाप बच्चों की फीस नहीं भर पा रहे उनके बच्चों का स्कूलों से नाम काट दिया जा रहा है या फिर अंदर नहीं आने दिया जा रहा।

ऐसी ही एक घटना हैदराबाद में सामने आयी। यहां एक 10वीं की छात्रा स्कूल इसलिए नहीं आने दे रहा था, क्योंकि उसके मां—बाप फीस नहीं भर पा रहे थे। फीस न भरने की वजह से स्कूल में प्रवेश पर रोक लगाया जाना बच्ची को इतना चुभ गया कि उसने 11 फरवरी को सुसाइड कर लिया।

बच्ची की मौत के बाद पुलिस ने बताया कि हैदराबाद में गुरुवार 11 फरवरी को एक मजदूर दंपती की बेटी ने आत्महत्या कर ली, क्योंकि स्कूल में फीस न भरने की वजह से उसे कथित तौर पर क्लास अटेंड नहीं करने दिया गया था।

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि कक्षा दस में पढ़ने वाली छात्रा ने अपने ही घर में फांसी लगाकर जान दे दी। दिहाड़ी मजदूरी करने वाले उसके माता-पिता के ऊपर स्कूल का करीब 37 हजार फीस बकाया थी, जिसमें से उन्होंने कुछ चुकता कर दी थी और शेष बची हुयी थी। बची हुई फीस वसूलने के लिए ही स्कूल की अमानवीयता सामने आयी और बच्ची को कक्षायें अटेंड नहीं करने दी जा रही थीं। इसी कारण छात्रा बहुत आहत थी।

मृतक छात्रा के पिता हरिप्रसाद कहते हैं, 'लॉकडाउन के कारण आमदनी में कमी के बावजूद हमने करीब 15 हजार रुपए का भुगतान कर दिया था, जबकि मैंने स्कूल से वादा किया था कि बाकि बचे पैसों का भुगतान 20 तारीख तक कर देंगे, मगर बावजूद इसके स्कूल प्रबंधन लड़की पर फीस देने का दबाव डाल रहा था।'

हरिप्रसाद कहते हैं, 'मेरी बेटी कल स्कूल नहीं जाना चाहती थी। उसने मुझसे कहा था कि मैं शिक्षक से कह दूं वह अस्पताल गई है, क्योंकि बेइज्जत होने के डर से वह टीचर का सामना नहीं करना चाहती थी। शिक्षक फोन करके फीस का भुगतान करने के लिए दबाव डाल रहे थे।'

आत्महत्या करने वाली लड़की की मां बिलखते हुए कहती है, स्कूल की फीस ने मेरी बच्ची की जान ली है।

जानकारी के मुताबिक 10वीं में पढ़ने वाली लड़की को कथित तौर पर स्कूल प्रबंधन द्वारा प्रवेश से वंचित किया गया था और कथित तौर पर उसे बाकी बचे शुल्क का भुगतान करने के लिए कहा गया। यह भी कहा गया कि जब तक फीस जमा नहीं हो जाता तब तक वह क्लास में नहीं बैठ सकती।

पुलिस ने बताया कि स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि मृतक बच्ची के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। मामले की जांच चल रही है।

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