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शिक्षा

काकतीय मेडिकल कॉलेज की आदिवासी मेडिकल छात्रा डॉ. प्रीति की मौत मानसिक उत्पीड़न और सांस्थानिक हत्या, हिंदी विश्वविद्यालय में प्रतिरोध सभा आयोजित

Janjwar Desk
4 March 2023 11:05 AM GMT
काकतीय मेडिकल कॉलेज की आदिवासी मेडिकल छात्रा डॉ. प्रीति की मौत मानसिक उत्पीड़न और सांस्थानिक हत्या, हिंदी विश्वविद्यालय में प्रतिरोध सभा आयोजित
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आदिवासी डॉ. प्रीति ने वारंगल में कथित तौर पर आत्महत्या की कोशिश की थी, जिसके बाद उन्हें NIMS में भर्ती कराया गया था, आरोप है कि डॉ. प्रीति नवंबर 2022 में इस मेडिकल कॉलेज में आईं और दिसंबर-2022 से डॉ. एमडी सैफ ने प्रीति परेशान करना शुरू कर दिया था...

Hyderabad news : हैदराबाद स्थित काकतीय मेडिकल कॉलेज, वारंगल की पीजी प्रथम वर्ष की छात्रा डॉ. प्रीति धारावत ने 26 फरवरी की शाम हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (NIMS) में दम तोड़ दिया। आदिवासी समाज से आने वाली डॉ. प्रीति धारावत 5 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने के बाद अंततः जिंदगी से हिम्मत हार गईं थीं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक डॉ. प्रीति ने वारंगल में कथित तौर पर आत्महत्या की कोशिश की थी, जिसके बाद उन्हें निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (NIMS) में भर्ती कराया गया था। आरोप है कि डॉ. प्रीति नवंबर 2022 में इस मेडिकल कॉलेज में आईं और दिसंबर-2022 से डॉ. एमडी सैफ ने प्रीति परेशान करना शुरू कर दिया था।

डॉ. प्रीति की मौत को सांस्थानिक हत्या करार देते हुए महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के छात्रों और शोधार्थियों द्वारा “सम्यक विद्यार्थी आन्दोलन” के बैनर तले प्रतिरोध सभा का आयोजन किया गया। प्रतिरोध सभा में उपस्थित वक्ताओं ने डॉ. प्रीति पर होने वाले मानसिक और जातीय शोषण को उनकी आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले तत्व के रूप में परिभाषित किया।

वक्ताओं ने कहा इस तरह के आरोपित संस्थानों में लगातार आत्महत्याओं के लिए जिम्मेदार प्रशासन पर कोई कार्यवाही न होने के कारण जातिगत भेदभाव, मानसिक प्रताड़ना द्वारा कमजोर वर्ग से आने वाले लोगों को मरने या संस्थानों द्वारा मारे जाने की घटनाएं आम होती जा रही हैं। पिछले दिनों आईआईटी मुम्बई व मद्रास सहित अन्य संस्थानों में भी ऐसे मामले प्रकाश में आये हैं, जिन्हें तत्काल नियंत्रित करने के साथ ही सख्त कार्यवाही किये जाने की जरूरत है, जिससे एक नज़ीर पेश हो सके।

कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के समता भवन परिसर में स्थापित डॉ. बाबासाहब भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष सम्यक विद्यार्थी आंदोलन द्वारा किया गया। कार्यक्रम में रजनीश कुमार अंबेडकर ने कहा की हमें बाबा साहब द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ेगा। हमें लगातार एकजुट होकर अपने शोषण के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है, जिससे हम अपने लोगों को सुरक्षित रख सकें और उनके शोषण पर विराम लगाकर दोषियों पर कार्यवाही की जा सकें।

सम्यक विद्यार्थी आन्दोलन के संयोजक निरंजन कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि उच्च शिक्षा में आने पर भी एक आदिवासी समाज से आने वाली छात्रा के लिए अगर किसी कैम्पस में इस तरह की घटनाएं हो रही है तो यह अत्यंत दुःखद है, हमें बिना किसी डर के मजबूती से विरोध दर्ज करने की आवश्यकता है। उन्होंने दलित, आदिवासी पिछड़े समाज के लोगों को एकजुटता से विरोध करने की जरूरत का आव्हान किया।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं व शोधार्थियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और अपनी सहभागिता दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता निरंजन कुमार, संचालन महेश दुर्गम तथा धन्यवाद ज्ञापन फिरोज नंदा द्वारा किया गया।

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