IIT Bombay : मोदी की नीतियों के खिलाफ भूख हड़ताल जारी, छात्रों ने फीस बढ़ोतरी वापसी तक आंदोलन जारी रखने का किया ऐलान
IIT Bombay : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्था बॉम्बे ( IIT Bombay ) के छात्रों का प्रशासन के मनमाने रवैये के खिलाफ भूख हड़ताल छठे दिन भी जारी है। आईआईटी बॉम्बे के छात्रों ने फीस वृद्धि वापसी तक भूख हड़ताल ( IIT Bombay student hunger strike ) जारी रखने का ऐलान किया है। छात्रों का प्रदर्शन (IIT Bombay Student protest) छह अगस्त से जारी है। फीस वृद्धि ( fee hike ) को लेकर हो रही हड़ताल को लेकर बने एक ट्विटर एकाउंट पर छात्रों ने जानकारी दी है कि आईआईटी बॉम्बे प्रशासन अपनी उदासीनता जारी रखे हुए है और हम फीस वृद्धि के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखे हुए हैं।
देश के भविष्य से न खेले मोदी सरकार
प्रोटेस्ट के दौरान फीस वृद्धि के खिलाफ धरने पर बैठे छात्रों ने शिक्षा के निजीकरण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए व्याख्यान और फिल्म स्क्रीनिंग भी आयोजित की। साथ ही आईआईटी बॉम्बे प्रशासन और मोदी सरकार की शिक्षा नीति को देश के भविष्य के खिलवाड़ करार दिया है। छात्रों ने मोदी सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि वो आग से न खेले।
एक साथ फीस में 35% की बढ़ोतरी
बता दें कि आईआईटी बॉम्बे ( IIT Bombay ) ने हाल ही में 35 प्रतिशत की शुल्क वृद्धि की घोषणा की थी। जिसने कथित तौर पर पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों को नाराज कर दिया था। विरोध करने वाले छात्रों द्वारा जारी एक बयान के अनुसार बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा पारित एक प्रस्ताव में सालाना 5 प्रतिशत फीस वृद्धि की सिफारिश की गई थी। इसके उलट आईआईटी बॉम्बे ने 35 फीसदी फीस बढ़ोतरी की घोषणा की है।
प्रबंधन का फैसला समझ से परे
फीस में वृद्धि को पहली बार 2020 में मंजूरी दी गई थी। कोरोना महामारी की वजह से इसे रोक दिया गया था। इसके बाद यह मुद्दा 2022 में सामने आया। जब अधिकारियों ने पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा और उस पर अमल किया। इतना ही नहीं संस्थान ने हॉस्टल फीस 2,000 रुपए से बढ़ाकर 2,700 रुपए कर दी है। आईआईटी बॉम्बे ( IIT Bombay ) ने पीएचडी छात्रों के लिए ट्यूशन फीस 2,500 रुपए से बढ़ाकर 5 हजार रुपए कर दी है। इसके अलावा एमटेक की ट्यूशन फीस 5 हजार रुपए प्रति सेमेस्टर से बढ़ाकर 30 हजार रुपए प्रति सेमेस्टर कर दी गई है। इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने फीस वृद्धि समिति में छात्र प्रतिनिधियों को शामिल करने की भी मांग की है। प्रदर्शनकारियों ने इस बढ़ोतरी को छात्रों के लिए विवेक शून्य निर्णय करार दिया है।
अंडर ग्रैजुएट छात्रों ने बनाई हड़ताल से दूरी
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जारी हड़ताल में पोस्ट ग्रेजुएट और पीएचडी पाठ्यक्रमों के छात्र शामिल हैं। अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के छात्र इसमें शामिल नहीं है। जबकि फीस वृद्धि उन पर भी लागू है।