जानलेवा हो रहा वायु प्रदूषण, पिछले वर्ष देश में हो गई 16 लाख लोगों की मौत: रिपोर्ट
प्रतीकात्मक तस्वीर
जनज्वार। लगातार बढ़ रहा वायु प्रदूषण भारत के लिए ही जानलेवा बनता जा रहा है। एक वैश्विक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल प्रदूषण से भारत में 16 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई। मरने वालों में बड़ी संख्या नवजात बच्चों की रही। इनमें से अधिकतर बच्चे 1 महीने की उम्र के थे।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल हुई आधी से अधिक मौतों का कारण बाहरी प्रदूषण पीएम 2.5 है। जबकि अन्य का कारण लकड़ी के कोयला, लकड़ी और खाना पकाने के लिए गोबर के कंडे का उपयोग करना माना गया।
पिछले साल बाहरी और घरेलू वायु प्रदूषण के कारण भारत में स्ट्रोक, दिल का दौरा, मधुमेह, फेफड़ों का कैंसर, फेफड़ों की पुरानी बीमारी और नवजात बच्चों के रोगों के कारण बड़ी मौतें हुई। नवजात बच्चों में अधिकतर मौतों का कारण कम वजह और अपरिपक्व जन्म के कारण हुई।
हेल्थ इफेक्ट इंस्टीट्यूट की वार्षिक ग्लोबल एयर 2020 रिपोर्ट के मुताबिक अब लोगों के बीमार होने का बड़ा कारण वायु प्रदूषण बन रहा है। वायु प्रदूषण से फेफड़ों के कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि वैसे तो प्रदूषण के कई कारण होते हैं, पर प्रकृति से छेड़छाड़, औद्योगिकरण, कोयला, डीजल आदि के ज्यादा उपयोग इसके सर्वाधिक प्रमुख कारण होते हैं।
प्रदूषण की समस्या हालांकि वैश्विक है, पर भारत जैसे गरीब देशों के लिए यह ज्यादा घातक होती जा रही है। क्योंकि यहां सरकारें और न ही जनता इसके प्रति सजग और संवेदनशील नहीं होती है।