कर्नाटक के इस नवविवाहित जोड़े से मिलिए जिन्होंने समुद्र तट से सैकड़ों किलो कचरा साफ किया
गीतिका मंत्री
उनकी शादी के अभी सिर्फ एक ही हफ्ते बीते थे। अनुदीप हेंगड़े और मिनुशा कंचन कर्नाटक के कनार्टक के बैनदूर में थे, जो अनुदीप का गृह नगर था और छह साल के लंबी डेटिंग के बाद दोनों ने 18 नवंबर को शादी की थी। उन्होंने समय बिताने और बातचीत करने के लिए सोमेश्वर तट पर जाने की आदत बना ली थी, जो उनके घर से लगभग तीन किलोमीटर दूर है। इसी दौरान उन्होंने बातचीत में तय किया कि वे हनीमून मनाने जाएंगे।
अनुदीप ने द न्यूज मिनट्स से कहा : 'हम लक्षद्वीप या हिमाचल प्रदेश जाने पर विचार कर रहे थे, लेकिन महामारी और लंबी यात्रा के जोखिमों ने हमें सावधान कर दिया। इन सब के बीच हम यह भी देख रहे थे कि जहां मैं अक्सर समुद्र तट पर आता था, वहां बदतर हालत होते जा रहे थे। वहां काफी कचरा रहता था - ज्यादातर चप्पल, शराब की बोतलें और दवाई की बोतलें, इसके साथ तट के किनारे पर कूड़ा रहता था। मैंने बस सहजता से मीनू (मिनुशा कंचन) को सुझाव दिया कि हम यहां आने तक सफाई करें और वह बिना किसी हिचकिचाहट के मान गई'।
31 वर्षीया डिजिटल मार्केटिंग पेशेवर ने पहले समुद्र तट की सफाई में हिस्सा लिया और समुद्र संरक्षण के लिए संवेदनशील व्यक्ति के रूप में सामने आए। दोनों दो जोड़े ग्लब्स, कचरे का बड़ा बैग लेकर बिना शोर-शराबे के समुद्र की सफाई के काम में जुट गए। इस दंपती का कहना है कि 27 नवंबर से पांच दिसंबर के बीच उन्होंने 600 किलो कचरा समुद्र तट से साफ किया।
अनुदीप बताते हैं, 'शुरू में यह काम करने वाले सिर्फ हम दोनों ही थे। कुछ लोग हमें काम करते देख कर पास आए, हमसे पूछा कि हम कौन हैं, क्या कर रहे हैं, लेकिन उनके लिए बस इतना ही था। जब बात फैल गई फिर चार दिसंबर तक 15-16 युवाओं का एक ग्रुप आया और वह हमसे जुड़ गया, तब तक हमने 70 से 80 प्रतिशत कचरा साफ कर दिया था। बचे हुए लकड़ी के टुकड़े, पत्तियों व अन्य कचरों को अगले एक सप्ताह में साफ किया जाना चाहिए'।
अन्य लोगों की दिलचस्पी ने इस युगल को आश्चर्यचकित कर दिया। वे इस काम को कम महत्वपूर्ण बनाए रखना चाहते थे और चार दिसंबर तक इस कार्य का कोई फोटो भी नहीं लिया गया, जबतक कि अन्य लोगों ने इसे ज्वाइन नहीं कर लिया। जो कचरा वे दो बड़े थेले में जमा करते थे, वे स्थानीय पंचायत कर्मियों द्वारा द्वारा एकत्र किया जाता था और एक मंदिर के पास दो डस्टबीन में उसे खाली करते थे।
हालांकि अब जब इसने लोगों को ध्यान खींच लिया है तो ऐसे में अनुदीप कहते हैं कि वे इस इस अभियान को जारी रखने की योजना बन रहे हैं। ऐसा हर मानसून में होता है। वे बताते हैं, बहुत सारे ड्रैनेज नदियों से जुड़े हैं और वे नदियां समुद्र से जुड़ी हैं और जब बारिश होती है तब समुद्र तट पर वह कचरा फैलता है। वे कहते हैं कि अब जब लोगों की दिलचस्पी बढ गई है तो आगे हम स्वच्छता और समुद्र संरक्षण के बारे में लोगों को जागरूक करना चाहते हैं। हालांकि यह एक छोटा-सा समुद्र तट है लेकिन सफाई एक सप्ताह और की जाएगी। हमलोग सहयोग करेंगे और अन्य लोग इसमें हिस्सा लेंगे।
जब यह सुरक्षित होता तो यह जोड़ा समुद्र तट पर मूवी नाइट का आयोजन करना चाहता है जिसमें स्थानीय लोगों, मछुआरों को समुद्री जीवन व उसके संरक्षण के बारे में डाक्यूमेंट्री व अन्य माध्यमों से जानकारी दी जाए। वे कहते हैं, शायद यह अगले साल हो
अपने हनीमून के लिए अनुदीप व मिनुशा ने आखिरकार एक निर्णय लिया। वे इस महीने संभवतः 16 तारीख तक कोडिकनाल जाएंगे। जब वे वहां से वापस आएंगे तब अनुदीप को उम्मीद है कि वे कम से कम मार्च-अप्रैल तक बैनदुर में रहेंगे और फिर काम की स्थिति के अनुसार तय होगा कि उन्हें कहां जाना है।
अनुदीप कहते हैं, 'जबतक हम यहां हैं हम बैनदुर में जागरूकता अभियान और समुद्र तट को साफ रखना जारी रखेंगे। वे कहते हैं कि हम भविष्य को लेकर उत्साहित हैं, हालांकि हमने हमेशा यात्रा करने की योजना बनायी है लेकिन अब हम इसके साथ-साथ कुछ सामाजिक रूप से उत्पादक कार्य भी करना चाहते हैं, जैसे स्थानीय स्कूलों से जहां हम पर्यावरण जागरूकता अभियान चला सकते हैं। हालांकि यह बहुत हद तक महामारी की स्थिति पर भी निर्भर करेगा'।
(द न्यूज मिनट्स में प्रकाशित मूल स्टोरी से अनूदित।)