Begin typing your search above and press return to search.
स्वास्थ्य

Lumpy Skin Disease : हिमाचल प्रदेश में लंपी वायस के नए वेरिएंट से बढ़ी मुश्किलें, पशुओं की टांग और गले में भी आ रही सूजन

Janjwar Desk
26 Sep 2022 1:30 PM GMT
Lumpy Skin Disease : हिमजल प्रदेश में लंपी वायस के नए वेरिएंट से बढ़ी मुश्किलें, पशुओं की टांग और गले में भी आ रही सूजन
x

Lumpy Skin Disease : हिमजल प्रदेश में लंपी वायस के नए वेरिएंट से बढ़ी मुश्किलें, पशुओं की टांग और गले में भी आ रही सूजन

Lumpy Skin Disease : हिमाचल प्रदेश में लंपी रोग संक्रमित पशुओं की संख्या बढ़कर 90,934 पहुंच गई है, वहीं पशुपालन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 5,376 पशुओं ने इस बीमारी के कारण जान गंवा दी है...

Lumpy Skin Disease : लंपी रोग की चिताएं अब दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। अब सभी राज्यों में पशुओं में फैले लंपी रोग को लेकर चिंताएं घटने के बजाय और बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। बात दें कि हिमाचल प्रदेश में लंपी रोग के वेरिएंट में बदलाव नजर आया है। पशुओं में अब टांग और गले में भी सूजन के मामले सामने आए हैं। इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि लांपी वायरस का नया वेरिएंट पशुओं की जान के लिए पहले से भी ज्यादा खतरनाक है। इस वेरिएंट के कारण पशुओं के गले में और टांगों मी सूजन आ रही है। गले में सूजन से पशुओं का दम घुट रहा है।

10 फीसदी पशुओं में नए वेरिएंट के लक्षण

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सोलन जिला में गठित फील्ड निरीक्षण टीम ने पाया कि पशुओं ने पहले तो लंपी रोग के कारण बुखार के साथ-साथ त्वचा पर दाने निकल रहे थे। अब नए वेरिएंट के तहत पशुओं के गले और टांगों में सूजन भी हो रही है। बता दें कि इससे दम घुटने के कारण पशुओं में मौत का खतरा पहले से बढ़ गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अब तक करीब 10 फीसदी पशुओं में नए वेरिएंट के लक्षण पाए गए हैं।

लंपी रोग के कारण 177 पशुओं की मौत

जानकारी के लिए आपको बता दें कि कई राज्यों में लंपी वायरस के मामले बढ़ते ही जा रहे है। हिमाचल प्रदेश में लंपी रोग के मामलों की बात करें, तो अब कुल संक्रमित पशुओं की संख्या बढ़कर 90,934 पहुंच गई है। वहीं पशुपालन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 5,376 पशुओं ने इस बीमारी के कारण जान गंवा दी है। वहीं, 48,009 पशु इस रोग को मात देकर स्वस्थ भी हुए हैं। पशुपालन विभाग का कहना है कि शनिवार को लंपी रोग के कारण 177 पशुओं की मौत हुई है।

Next Story

विविध