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दिल्ली में तितलियों की 71 और पक्षियों की 253 प्रजातियाँ
महेंद्र पाण्डेय का आलेख
दिल्ली के वायु प्रदूषण को लेकर फिर चर्चा शुरू होने लगी है। पर, वायु प्रदूषण की चर्चा में दिल्ली के पर्यावरण से संबंधित दूसरे मुद्दे खो जाते हैं। दिल्ली में अनेक बायोडायवर्सिटी पार्क, दलदली भूमि के विस्तार और यमुना का क्षेत्र होने के कारण यहाँ पक्षियों की बहुत सारी प्रजातियाँ हैं और सर्दियों के आसपास अनेक प्रवासी पक्षी भी आते हैं। इसी तरह दिल्ली में पार्कों और उद्यानों का एक जाल बिछा है, जो अनेक प्रकार की तितलियों को आकर्षित करते हैं। पर, इन विषयों पर शायद ही कोई ध्यान देता है।
इस वर्ष 20 सितंबर को दिल्ली में बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के सहयोग से 'बिग बटरफ्लाई काउंट दिवस' मनाया गया। यह एक वार्षिक आयोजन है और इसे पिछले चार वर्षों से दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष राष्ट्रीय राजघानी क्षेत्र दिल्ली में तितलियों की कुल 71 प्रजातियाँ देखी गईं, सबसे अधिक 75 प्रजातियाँ वर्ष 2017 में देखी गईं थीं। वर्ष 2018 की गणना में 69 प्रजातियाँ ही मिली थीं। वैसे जानकारों का कहना है कि दिल्ली में तितलियों की लगभग 115 प्रजातियाँ हैं।
बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के दिल्ली के प्रमुख सोहेल मोहन के अनुसार बिग बटरफ्लाई काउंट दिवस के दिन अनेक दल बनाए जाते हैं जो हरेक बायोडायवर्सिटी पार्क और यमुना के क्षेत्र में जाते हैं और तितलियों की प्रजातियों और विविधता का अध्ययन करते हैं। इस वर्ष सबसे अधिक 56 प्रजातियाँ अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क में और फिर 41 प्रजातियाँ तुगलकाबाद बायोडायवर्सिटी पार्क में देखी गईं। इसके बाद, कमला नेहरू रिज क्षेत्र में 33, यमुना क्षेत्र में 30, तिल्पथ वैली बायोडायवर्सिटी पार्क में 22 और साउथ देलही बायोडायवर्सिटी पार्क में 12 प्रजातियाँ देखी गईं। सोहेल मोहन के अनुसार तितलियाँ पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, इसलिए इनकी विविधता से इतना तो स्पष्ट है कि दिल्ली का पारिस्थितिकी तंत्र मरा नहीं है, बल्कि पनप रहा है।
दिल्ली में 2004 से हरेक वर्ष 'बिग बर्ड डे' का आयोजन किया जा रहा है और इस वर्ष इसे 12 जनवरी के दिन मनाया गया था। इस दिन बहुत सारे शौकिया पक्षी विशेषग्य छोटे समूहों में दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में जाकर दिखने वाले पक्षियों की प्रजातियों का अध्ययन करते हैं। इस वर्ष दिल्ली में पक्षियों की 253 प्रजातियाँ देखी गईं। यह संख्या अब तक की तीसरी सबसे बड़ी संख्या है। सबसे अधिक पक्षी, 271 प्रजातियाँ, वर्ष 2005 में और फिर 268 प्रजातियाँ वर्ष 2017 में देखी गईं थीं। पिछले वर्ष 2019 में पक्षियों की 247 प्रजातियाँ ही देखी गईं थीं। ऐसी गणना के दौरान एक दिन में 250 या इससे अधिक प्रजातियों के मिलने पर माना जाता है कि शहर में पक्षियों की विविधता अच्छी.खासी है।
दिल्ली में बिग बर्ड डे का आयोजन दिलहीबर्ड नामक संथा के संस्थापक निखिल देवसर की अगुवाई में किया जाता है। इस वर्ष लगभग 500 लोगों के बीच 26 दल बनाए गए थे, जिन्होंने कुल 39 स्थानों पर पक्षियों की गणना की। पक्षियों की सर्वाधिक प्रजातियाँ पानी के पास (ओखला बर्ड सैंक्चुअरी) या फिर दलदली इलाकों (नजफगढ़ और सुल्तानपुर) में मिलती हैं। इन जगहों पर प्रवासी पंछियों का भी बसेरा रहता है।