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फैक्ट चैक : क्या भारत द्वारा भेजी गयी 10 लाख कोरोना वैक्सीन की डोज वापस करेगा दक्षिण अफ्रीका
प्रतीकात्मक फोटो
जनज्वार। इन दिनों मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक खबर लगातार चलाई जा रही है कि दक्षिण अफ्रीका ने सीरम इंस्टीट्यूट से कह दिया है कि वह एस्ट्राजेनेका कोरोना वैक्सीन की 10 लाख डोज वापस ले ले। कई मेनस्ट्रीम मीडिया में भी इससे संबंधित खबरें चल रही हैं।
हालांकि फैक्ट चेक में ऐसी खबरें फेक पाई गई हैं और दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री ने साफ कर दिया है कि ये खबरें निराधार हैं। लिहाज अब ऐसी खबरों पर विराम लग जाएगा। दक्षिण अफ्रीका की स्वास्थ्य मंत्री ने इन खबरों का खंडन करते हुए स्पष्ट रूप से कहा है कि एस्ट्राजेनेका के कोरोना वैक्सीन के डोज वापस करने की खबरें निराधार हैं।
मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. ज्वेलि मखिजे ने वैक्सीन वापस करने वाली खबरों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि हमारा देश सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को वैक्सीन वापस नहीं करेगा।
दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. ज्वेली मखिजे (Dr. Zweli Mkhize) ने मेनस्ट्रीम मीडिया द्वारा प्रकाशित खबरों का खंडन किया है, जिसमें दावा किया जा रहा था कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की तरफ से भेजी गई कोरोना वैक्सीन की 10 लाख डोज को दक्षिण अफ्रीका वापस लौटाना चाहता है। दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि हमने एस्ट्राजेनेक की कोविड वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को लौटाने के लिए बिल्कुल भी नहीं कहा है। हम वैक्सीन भारतीय कंपनी को नहीं लौटाएंगे।
दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. ज्वेली मखिजे ने संसद में कहा, 'मैं कुछ मीडिया रिपोर्टों का खंडन करना चाहूंगा, जिसमें दावा किया गया है कि हम भारत को कोरोना वायरस के टीके लौटा रहे हैं। हम एस्ट्राजेनेका के टीके भारत को नहीं लौटा रहे हैं। हमारी ऐसी कोई योजना नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि हमने एस्ट्राजेनेका से जो वैक्सीन की डोज खरीदी थी, वो अफ्रीकी संघ (एयू) को दी जा चुकी हैं, जिसका हम भी हिस्सा हैं। एयू यह वैक्सीन डोज उन देशों को वितरित करेगा, जिन्होंने पहले ही स्टॉक हासिल करने में रुचि व्यक्त की है।'
इससे पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि साउथ अफ्रीका ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से कहा है कि वह कोरोना वैक्सीन की 10 लाख डोज वापस ले ले। कुछ हिंदी अखबारों में इकोनॉमिक टाइम्स के हवाले से छपी रिपोर्ट में यह बात कही गई।
हिंदी और अंग्रेजी की तमाम बड़ी वेबसाइटों ने दक्षिण अफ्रीका द्वारा सीरम इंस्टीट्यूट की 10 लाख कोरोना वैक्सीन डोज दी जाने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। दैनिक भास्कर ने 'वैक्सीन के असर पर सवाल : सीरम इंस्टीट्यूट को 10 लाख डोज वापस करेगा साउथ अफ्रीका' वजह- कोरोना के अफ्रीकी वैरिएंट पर असरदार नहीं' शीर्षक के साथ इस खबर को आज ही प्रकाशित किया है, जबकि दक्षिण अफ्रीकी स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से कोरोना वैक्सीन न लौटाने का स्पष्टीकरण सामने आ चुका है।
तमाम मेनस्ट्रीम मीडिया ने यह दावा किया है कि साउथ अफ्रीका ने कहा था कि वह अपने यहां वैक्सीनेशन प्रोग्राम में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को शामिल नहीं करेगा, क्योंकि यह देश में मौजूद कोरोना के वैरिएंट के खिलाफ कारगर नहीं है।
एबीपी न्यूज ने 'साउथ अफ्रीका ने सीरम इंस्टिट्यूट से वैक्सीन की 10 लाख डोज वापस लेने के लिए कहा-रिपोर्ट' शीर्षक से यह खबर प्रकाशित की है। ज्यादातर मीडिया ने इकोनोमिक टाइम्स का हवाला देकर इस खबर को लिखा है।
हिंदू ने भी इकोनोमिक टाइम्स के हवाले से यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित की है।
नवभारत टाइम्स ने 'दक्षिण अफ्रीका ने सीरम इंस्टिट्यूट से AstraZeneca वैक्सीन की 10 लाख डोज वापस लेने को कहा' शीर्षक से इस खबर को प्रकाशित किया है।
बता दें कि SII एक प्रमुख वैक्सीन सप्लायर के तौर पर उभरा है, जो ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का प्रोडक्शन कर रहा है। पिछले हफ्ते ही साउथ अफ्रीका में वैक्सीन की 10 लाख डोज की पहली खेप पहुंची थी। पांच लाख डोज अगले कुछ हफ्तों में वहां पहुंचने वाली थी।
एक प्रमुख हिंदी अखबार ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से लिखा, साउथ अफ्रीका के हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया था कि देश में इस वक्त कोरोना के जिस वैरिएंट के मामले सामने आए हैं, उन पर यह वैक्सीन असरदार नहीं है। इसलिए देश में इस वैक्सीन के रोलआउट पर रोक लगा दी गई थी। अब सरकार एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को बेचने पर विचार कर रही है।