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आंदोलन

पूछड़ी के 700 परिवारों को बेदखली के खिलाफ विधायक कार्यालय के सामने धरना, अनुपस्थित MLA दीवान सिंह ने फोन पर दिया जनता को आश्वासन

Janjwar Desk
9 Sep 2024 10:05 AM GMT
पूछड़ी के 700 परिवारों को बेदखली के खिलाफ विधायक कार्यालय के सामने धरना, अनुपस्थित MLA दीवान सिंह ने फोन पर दिया जनता को आश्वासन
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चुनावों से पहले पौड़ी-रामनगर लोकसभा सांसद अनिल बलूनी ने भी जनता से वादा किया था कि सभी को बिजली पानी सड़क उपलब्ध कराया जाएगा तथा वनग्रामों को नहीं हटाया जाएगा ये मेरी गारंटी है तथा मोदी जी की भी गारंटी है, मगर चुनावों के बाद से सभी अपने वादे भूल चुके हैं...

रामनगर। उत्तराखंड में अतिक्रमण विरोधी अभियान पर रोक लगाने, भारतीय वन अधिनियम 1927, यथा उत्तरांचल संशोधन को रद्द करने, वनग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने, जो व्यक्ति जहां पर निवास कर रहा है, उसे वहीं पर नियमित कर मालिकाना हक देने आदि की मांग को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति ने रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट के कार्यालय पर धरना देकर आज 9 सितंबर को प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि रामनगर के पूछड़ी में वन विभाग के माध्यम से धामी सरकार ने 700 परिवारों के घर उजाड़ने का नोटिस थमा दिया है, जिसके बाद ग्रामीणों ने संघर्ष छेड़ा हुआ है।

रामनगर के भाजपा विधायक दीवान सिंह बिष्ठ एक बार फिर से जनता की समस्या सुनने के लिए अपने कार्यालय पर मौजूद नहीं थे। भारी संख्या में पुलिस बल लगाकर उनके कार्यालय का गेट जरूर बंद कर दिया गया था, जिस कारण ग्रामीण कार्यालय के समक्ष जमीन पर बैठकर धरना देने लगे।

जनता का आक्रोश देखकर रामनगर कोतवाल रवि सैनी ने समिति का ज्ञापन विधायक को व्हाट्सएप पर प्रेषित किया, जिसके बाद देहरादून से विधायक दीवान सिंह ने फोन द्वारा संबोधित कर जनता की मांगें शासन स्तर पर हल करने का आश्वासन दिया।

विधायक कार्यालय पर हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि वर्ष 2002 से पूर्व में वन विभाग द्वारा भारतीय वन अधिनियम, 1927 के अंर्तगत दिये गये नोटिस की सुनवाई सिविल न्यायालयों में की जाती थी, परंतु 2001 में लाए गये उत्तरांचल संशोधन के बाद नोटिस देने, जांच करने, मुकदमा सुनने व मुकदमे का फैसला देने आदि के सभी अधिकार वनाधिकारी को प्रदान कर दिये गये हैं जो कि देश के संविधान एवं नैसर्गिक न्याय के सिद्धान्तों का उल्लंघन है। देश के संविधान के अनुच्छेद 50 में कार्यपालिका को न्यायपालिका से अलग रखने का स्पष्ट उल्लेख है। अतः जंगल के काले क्रूर कानून को रद्द किया जाना चाहिए।

वक्ताओं ने कहा कि लोकसभा चुनाव पूर्व पौड़ी-रामनगर लोकसभा सांसद अनिल बलूनी ने भी जनता से वादा किया था कि सभी को बिजली पानी सड़क उपलब्ध कराया जाएगा तथा वन ग्रामों को नहीं हटाया जाएगा ये मेरी गारंटी है तथा मोदी जी की भी गारंटी है। समिति ने कहा कि सड़क और न्यायपालिका दोनों जगहों पर जनता की पैरवी जारी रहेगी। आगामी रणनीति के लिए 13 सितंबर को शाम 6 बजे से एकता चौक पूछड़ी में समिति की बैठक आयोजित की जाएगी।

सभा को समाजवादी लोकमंच के मुनीष कुमार, उपपा नेता प्रभात ध्यानी, इंकलाबी मजदूर केन्द्र के रोहित रुहेला, आइसा के सुमित, महिला एकता मंच की सरस्वती जोशी, रेनू, ललित उप्रेती ने संबोधित किया।

कार्यक्रम में ठेका मजदूर कल्याण समिति के किशन शर्मा, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिंबाल, गणेश लाल, सीमा तिवारी, ज्योति, दुर्गा देवी, साहिस्ता, जुबेर, नदीम समेत बड़ी संख्या में महिलाएं व ग्रामीण शामिल रहे।

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