आजमगढ़ एयरपोर्ट के लिए जबरन भूमि अधिग्रहण की गैरकानूनी कार्रवाई का कल से गांवों-गांवों में होगा विरोध
Azamgarh news बाग, आज़मगढ़ 17 जनवरी 2023. खिरिया बाग धरना 97 वें दिन रोहित वेमुला की शहादत को याद करते हुए जारी रहा. आंदोलन के सक्रिय कार्यकर्ता गदनपुर हिच्छनपट्टी के नायक राम जो रोज निरंतर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाते थे उनकी आज जमीन-मकान जाने के सदमे से देहांत हो गया. खिरिया बाग आंदोलन में 20 किसान जमीन-मकान जाने के सदमे से शहीद हो चुके हैं. किसानों-मजदूरों ने दो मिनट का मौन रहकर श्रद्धांजलि दी.
जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा के संयोजक राम नयन यादव ने कहा कि आरटीआई में बताया जा रहा है कि आज़मगढ़ में हवाई पट्टी के विस्तार हेतु प्रकरण शासन स्तर पर विचाराधीन है. शासन द्वारा भूमि अधिग्रहण के संबंध में निर्णय प्राप्त होने पर आपको नियमानुसार सूचित कर दिया जाएगा. वहीं सूचना मिल रही है कि एसडीएम सगड़ी अन्य राजस्वकर्मियों के साथ हवाई पट्टी स्थित एयरपोर्ट में गांव वालों को बुलाकर किसी कागज जिसे सहमति पत्र बताया जा रहा उस पर लोगों से हस्ताक्षर करवा रहे हैं. प्रशासन ने जिस तरह से झूठी सर्वे रिपोर्ट बनाई उसी तरह अब सहमति पत्र की साजिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि अगर शासन-प्रशासन की कोई परियोजना है तो उसे क्यों छिपा कर किया जा रहा है यह भूमि अधिग्रहण नियम के विरुद्ध है. इस ग़ैरकानूनी तरीके का जमीन पर उतरकर विरोध करेंगे. इसके लिए कल से गांव-गांव ग्रामीणों की टोली निकलेगी.
वक्ताओं ने कहा कि आंदोलन का समर्थन कर रहे जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय के राष्ट्रीय समन्वयक किसान नेता राजीव यादव के गांव घिनहापुर पुलिस द्वारा पूछताछ करना किसी साजिश की ओर इशारा करता है. इसी तरह पिछली 24 दिसम्बर को किसान नेता राजीव यादव और अधिवक्ता विनोद यादव का अपहरण वाराणसी से किया गया था और अपहरणकर्ताओं के बारे में चोलापुर, वाराणसी की पुलिस ने बताया था कि एसटीएफ क्राइम ब्रांच वालों ने उठाया है. अखबारों में भी आंदोलन के बारे में सुरक्षा एजेंसियां अफवाह फैला रही हैं.
वक्ताओं ने कहा कि कभी किसान नेताओं का उत्पीड़न किया जा रहा तो कभी गैरकानूनी तरीके से अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही है इसका खिरिया बाग आंदोलन विरोध करता है. भूमि अधिग्रहण पुनर्वास एवं पुनस्र्थापना कानून 2013 के प्रावधानों के अनुसार अध्याय 2 धारा 4(i) में जब भी कोई सरकार भूमि अधिग्रहीत करना चाहती है तो उसे सम्बन्धित पंचायत से सम्पर्क बनाना होगा और उसके साथ मिलकर सामाजिक प्रभाव आंकलन करना होगा, जिसे उपधारा 2 के अनुसार स्थानीय भाषा में छाप कर प्रभावित क्षेत्रों में बांटना होगा.
ये सुनिश्चित करना होगा कि आंकलन करते समय पंचायत व ग्राम सभा को उपयुक्त प्रतिनिधित्व दिया गया है. उक्त मूल्यांकन घोषणा करने के 6 माह के भीतर पूरी की जानी है. इस आंकलन में उपधारा 3-(2) के अनुसार सामाजिक प्रभाव आंकलन में यह मूल्यांकन किया जाना है कि यह सार्वजनिक हित की पूर्ति करता है, प्रभावित परिवार कितने हैं, उनकी कितनी जमीन व इमारतें, कितनी सार्वजनिक व निजी इमारतें व बसायतें प्रभावित होंगी, आवश्यक अधिग्रहण एकदम कम से कम है, इसके लिए कोई विकल्प मौजूद नहीं है और इसके अन्य सामाजिक प्रभाव क्या पड़ने हैं तथा इन सब का खर्च कितना पड़ेगा.
इसी के साथ-साथ पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन भी किया जाना है और प्रभावित परिवार की आजीविका की पूर्ति का भी. धारा 4 की उपधारा 4 के अनुसार सामाजिक प्रभाव प्रबंधन योजना भी बनाई जानी है. धारा 5 के अनुसार प्रभावित इलाके में सरकार द्वारा सुनवाई कराना अनिवार्य है जिसकी तिथि, समय और स्थान घोषित किया जाना होगा. धारा 6 के अनुसार इस उपरोक्त सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन तथा प्रबंधन रिपोर्ट स्थानीय भाषा में पंचायत को उपलब्ध करानी होगी.
वक्ताओं ने कहा कि कानून के प्राविधानों को धता बताकर की जा रही कार्रवाई का हम विरोध करेंगे. धरने को दुखहरन राम, रामनयन यादव, राजीव यादव, राजकुमार भारत ने संबोधित किया. अध्यक्षता नरोत्तम यादव और संचालन राधेश्याम राव ने किया.