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आंदोलन

जनजातीय गौरव दिवस के नाम पर भारत संकल्प यात्रा अघोषित तौर पर 2024 के चुनावी अभियान का हिस्सा

Janjwar Desk
7 Nov 2023 1:17 PM GMT
जनजातीय गौरव दिवस के नाम पर भारत संकल्प यात्रा अघोषित तौर पर 2024 के चुनावी अभियान का हिस्सा
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प्रकृति पूजक आदिवासी समुदाय के लिए अलग धर्म सरना कोड को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का क्या कहना है, यह भी उन्हें बताना चाहिए....

Ranchi News : आदिवासी समन्वय समिति झारखंड के संयोजक लक्ष्मी नारायण मुंडा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा है कि आगामी 15 नवंबर को अमर शहीद बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बिरसा मुंडा की जन्मस्थली खूंटी स्थित उलिहातु आने की तैयारी पर कहा है कि यह जनजातीय गौरव दिवस के नाम पर भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम सिर्फ कहने मात्र के लिए सरकारी कार्यक्रम है, जबकि यह वास्तव में पूरी तरह राजनीतिक अभियान है। यह अमर शहीद बिरसा मुंडा और आदिवासी उलगुलान की धरती का राजनीतिक इस्तेमाल है। यह अघोषित तौर पर 2024 के चुनावी अभियान का हिस्सा है।

अगर प्रधानमंत्री मोदी आदिवासियों के प्रति ईमानदार हैं और जनजातीय समाज के गौरव की चिंता कर रहे हैं तो छत्तीसगढ़, मणिपुर, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, झारखंड के आदिवासियों के खिलाफ जो शोषण, जुल्म, अत्याचार, दमन, हत्या हो रही है, आदिवासियों की जमीनें लूटी जा रही है, संवैधानिक हक-अधिकारों पर हमला हो रहा है, उनके राजनीतिक प्रतिनिधित्व, हिस्सेदारी पर चोट किया जा रहा है, आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की जल, जंगल, जमीन व प्राकृतिक संसाधनों को कॉर्पोरेट औद्योगिक पूंजीपति घरानों द्वारा लूटकर उजाड़ा जा रहा है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी जी को पहल करना चाहिए, इस मामले में तो वे चुप क्यों रहते हैं?

प्रकृति पूजक आदिवासी समुदाय के लिए अलग धर्म सरना कोड को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का क्या कहना है, यह भी उन्हें बताना चाहिए? उनके आदिवासी हित की इतनी ही चिंता है तो वे बताएं कि यूसीसी, वन अधिकार संरक्षण अधिनियम-2023 लाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आदिवासियों के संवैधानिक विशिष्ट कानूनों और हक-अधिकारों का खात्मा क्यों करना चाहते हैं?

लक्ष्मीनारायण मुंडा ने सवाल किया कि आखिर मोदी जी आदिवासी बहुल क्षेत्र बिरसा मुंडा के उलगुलान की धरती में आकर आदिवासी का कौन सा भला करना चाहते हैं?

प्रेस कांफ्रेंस में केंद्रीय धूमकुड़िया, करमटोली, रांची के अध्यक्ष सुनील टोप्पो ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की आने पर हम लोग स्वागत करते हैं, पर वे यहां आकर आदिवासी समुदाय से संवाद करें। आदिवासियों के समग्र विकास के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करें। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय को हमेशा छला गया है। बिरसा मुंडा और आदिवासी समुदाय के विकास को लेकर करोड़ो रुपए लूट ली गई। आजादी के 75 सालों बाद भी खूंटी सहित सभी आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं और आधारभूत संरचना का विकास नहीं हो पाया है। विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं की राशि लूटी जा रही है।

प्रेस को संबोधित करते हुए केंद्रीय सरना सांगोम समिति, करम अखाड़ा, खूंटी की अध्यक्ष दुर्गावती ओड़ेया ने कहा कि खूंटी जिला पुलिस द्वारा आए दिन आदिवासियों पर जुल्म, उग्रवादी नक्सलवाद के नाम पर आम आदिवासियों का दमन किया जाता है। खूंटी जिले के अधिकतर गांवों के स्कूलों, छात्रावासों, पंचायत भवनों, सामुदायिक भवनों इत्यादि जगहों पर पुलिस प्रशासन/ सीआरपीएफ/ पुलिस कैंप बनाया गया है। खूंटी जिले के अफसर-कर्मचारी विकास और कल्याणकारी योजनाओं की राशि की लूट-खसोट करने और रिश्वतखोरी-कमीशनखोरी में मगन हैं। पूरे जिले में अफसर/कर्मचारी /दलाल/ अपराधी/माफिया/बिचौलिया/ पुलिस प्रशासन का अवैध गठजोड़ हावी है। जन सवालों, जनमुद्दों को लेकर लड़नेवालों, आवाज़ उठाने वालों को दबाया जाता है और आम आदिवासियों को डरा-धमकाकर आतंकित किया जाता है।

प्रेस को संबोधित करते हुए खूंटी जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष सुरजू हास्सा ने कहा कि खूंटी जिले के ग्रामसभा और गांवों में संवैधानिक अधिकारों का पालन ढंग से नहीं हो रहा है। 5वीं अनुसूची क्षेत्र का जिला होने के बावजूद हमें संवैधानिक हक-अधिकारों से वंचित किया जाता है।

इन लोगों के अलावे इस संवाददाता सम्मेलन को दामू मुंडा, डब्लू मुंडा, विकास तिर्की, बुधराम बोदरा ने भी संबोधित किया।

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