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आंदोलन

बिहार : किसानों के समर्थन में भागलपुर में प्रदर्शन, बोले देश को फिर गुलाम बना रही मोदी सरकार

Janjwar Desk
14 Dec 2020 2:30 PM GMT
बिहार : किसानों के समर्थन में  भागलपुर में प्रदर्शन, बोले देश को फिर गुलाम बना रही मोदी सरकार
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सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के महासचिव गौतम कुमार प्रीतम ने कहा कि यह देश किसानों का है, लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार किसानों के खिलाफ है,अंबानी-अडानी जैसे लुटेरों के साथ है.....

भागलपुर। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के साथ एकजुटता दिखाते हुए बिहार के बहुजन स्टुडेंट्स यूनियन के कार्यकर्ताओं ने भागलपुर स्टेशन चौक पर प्रदर्शन किया। इस मौके पर प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने 'हम किसान के बेटे हैं, किसानों के साथ हैं', 'कृषि पर अंबानी-अडानी का कब्जा नहीं चलेगा', 'किसान आंदोलन पर हमला नहीं सहेंगे' आदि नारे लगाए।

बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के सोनम राव और विभूति ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार घोर बहुजन विरोधी और पूंजीपति पक्षधर है। सरकार कृषि, उद्योग समेत सरकारी कंपनियों-उपक्रमों,शिक्षा-चिकित्सा आदि को अंबानी-अडानी सहित देशी-विदेशी पूंजीपतियों के हवाले कर रही है। देश को फिर से गुलाम बना रही है। दोनों नेताओं ने कहा कि किसान खेत-खेती और देश को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं। यह लड़ाई हम सब की है।

इस मौके पर बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन के अभिषेक आनंद और तनवीर खान ने कहा कि कृषि संबंधी तीन कानूनों को थोपने के साथ ही मजदूरों को भी बंधुआ हालात में धकेल देने और पूंजीपतियों को मनमानी की छूट देने के लिए श्रम कानूनों को बदल दिया गया है। निजीकरण की गति भी बढ़ा दी गई है। शिक्षा के क्षेत्र में भी निजीकरण को आगे बढ़ाने नई शिक्षा नीति-2020 के ड्राफ्ट को पास किया है। यह शिक्षा नीति सामाजिक न्याय विरोधी-बहुजन विरोधी है। कुल मिलाकर सब कुछ देशी-विदेशी पूंजीपतियों के हवाले करने और सामाजिक न्याय को भी ठिकाने लगाने की मुहिम को यह सरकार आगे बढ़ रही है।


बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन(बिहार) के राजेश रौशन और अंगद ने कहा कि संविधान में दर्ज सबको सामाजिक-आर्थिक न्याय की गारंटी के विपरीत संविधान को तोड़-मरोड़ कर फिर से मनुविधान और लोकतंत्र को कमजोर कर तानाशाही थोपा जा रहा है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। प्रदर्शन में अभिषेक आनंद,तनवीर,रूपेश विश्वास, ऋषि राज,रोहित, विभूति, राजेश रौशन, अंगद सहित कई शामिल थे।

बिहपुर

बिहपुर में भी किसान आंदोलन के समर्थन में मार्च व नुक्कड़ सभा आयोजित हुआ। इस मौके पर नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के कोर कमिटी सदस्य एवं सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के महासचिव गौतम कुमार प्रीतम ने कहा कि यह देश किसानों का है, लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार किसानों के खिलाफ है,अंबानी-अडानी जैसे लुटेरों के साथ है। दरहकीकत, मोदी सरकार देश के खिलाफ है और इस सरकार को देश की हुकूमत चलाने का कोई हक नहीं है। इस सरकार का बने रहना देश हित में नहीं है।

गौतम कुमार प्रीतम ने किसानों के आंदोलन को बदनाम करने और दबाने की साजिश की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार किसानों और देश के आम अवाम की आवाज सुने और अंबानी-अडानी पक्षधर किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को अविलंब वापस ले।

बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के अनुपम आशीष और गौरव पासवान ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के जरिऐ भारत की खेती को भारतीय व विदेशी कारपोरेट के हवाले किया जा रहा है। निजी मंडिया स्थापित करने देने से सरकारी मंडियां अंततः समाप्त हो जाएंगी। किसान जमीन से भी बेदखल होंगे। ये कानून किसानों के वर्तमान अधिकारों भी खत्म कर देंगे, जिसमें वर्तमान एमएसपी भी शामिल है। सरकारी खरीद की व्यवस्था खत्म होगी। खाद्यान्न की कालाबाजारी-जमाखोरी के जरिए पूंजीपति मुनाफा लूटेंगे। जन वितरण प्रणाली भी खत्म हो जाएगी। भूखमरी बढ़ेगी। इन तीनों कृषि कानूनों की सबसे ज्यादा मार बहुजनों पर ही पड़ेगी। इसे कतई कबूल नहीं किया जा सकता है।

बिहपुर शहीद गेट से स्टेशन गोलंबर चौक तक मार्च किया हुआ। नुक्कड़ सभा की गई। मार्च में सोहराब आलम, दीपक रविदास, परवेज आलम, राजेश ठाकुर, बीरेन्द्र कुमार, पमपम, सूर्यकांत पासवान, हामिद अंसारी सहित कई एक थे।

सुल्तानगंज

अंबानी-अडानी पक्षधर किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन की एकजुटता में सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के बैनर तले सुल्तानगंज के तथागत बुद्ध मंदिर के निकट पिल्दौरी बुद्ध नगर में विरोध-प्रदर्शन किया गया।

इस मौके पर सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के रामानंद पासवान ने कहा कि तीनों कृषि कानून अंबानी-अडानी के हित में है, किसानों के खिलाफ हैं। इन कानूनों से खेती-किसानी बर्बाद होगी। अंबानी-अडानी का कृषि पर कब्जा होगा। बटाईदार किसान और खेत मजदूर भी तबाह होंगे। बेरोजगारी बढ़ेगी। जमीन से भी किसान बेदखल होंगे। दलितों-बहुजनों की भूमिहीनता बढ़ेगी। गांव व किसानों को निचोड़कर अंबानी-अडानी तिजौरी भरेगा। आत्मनिर्भरता की बात करने वाली मोदी सरकार गांव व किसानों को गुलामी की ओर धकेल रही है,मुल्क को गुलाम बना रही है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।


उन्होंने कहा कि इन कानूनों से जनवितरण प्रणाली खत्म हो जाएगी। आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कालाबाज़ारी-जमाखोरी बढ़ेगी। खाद्य पदार्थ महंगे होंगे।बहुजनों की भूखमरी बढ़ेगी। पूंजीपति सस्ते दर पर किसानों का उत्पाद खरीदेंगे और फिर महंगा बेचेंगे।उन्हें मुनाफा लूटने की छूट मिलेगी।

उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने 2006 से ही मंडियों को खत्म कर दिया है। किसान तबाह हो रहे हैं। बिहार सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से अनाज के सरकारी खरीद की गारंटी करे। बिहार सरकार तत्काल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी किसानों के धान खरीद की गारंटी करे।

विरोध प्रदर्शन में सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के रामानन्द पासवान के साथ डबलू पासवान, प्रेम पासवान, बिजय बिन्द, बजरंगी बिन्द, धीरज कुमार पासवान, शालीग्राम मांझी, बिक्रम बिन्द, अशोक बिन्द, कौशल मांझी, सिंगेश्वर मांझी, नरेश मंडल, कुलदीप मांझी, ब्रह्मदेव बिन्द, रोहित बिन्द शिव बिन्द, अनिल राम आदि दर्जनों लोग उपस्थित थे।

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