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आंदोलन

समाजवाद ही कर सकता है महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा और खुशहाल जीवन की गारंटी

Janjwar Desk
10 March 2023 3:08 PM GMT
समाजवाद ही कर सकता है महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा और खुशहाल जीवन की गारंटी
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आज काफी संघर्षों के बाद महिलाओं को घर से बाहर निकलने तथा चुनाव में चुनने एवं चुने जाने का अधिकार मिला है। एक सदी पूर्व अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की नींव डेनमार्क में कम्युनिस्ट नेता क्लारा जेटकिन ने समाजवादी महिलाओं के सम्मेलन में रखी थी, इसके बाद से ही दुनियाभर में महिला दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं...

Ramnagar news : महिला एकता मंच द्वारा आज हिम्मतपुर डोटियाल में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सभा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया तथा देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले को उनके स्मृति दिवस पर श्रद्धांजलि दी।

कार्यक्रम में अनीता, विद्या, मोना, प्रीति, पूजा, तुलसी, देवा व सरस्वती आदि महिलाओं ने 'मुंह सीके अब जी ना पाऊंगी, कोमल है कमजोर नहीं...' गीतों पर नृत्य प्रस्तुत कर महिलाओं को संगठित होकर संघर्ष करने का संदेश दिया। तनुजा ने भूपेन हजारिका के गीत एक कली दो पत्तियां पर नृत्य प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए मंच की संयोजिका ललिता रावत ने कहा कि आज काफी संघर्षों के बाद हमें घर से बाहर निकलने तथा चुनाव में चुनने एवं चुने जाने का अधिकार मिला है। एक सदी पूर्व अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की नींव डेनमार्क में कम्युनिस्ट नेता क्लारा जेटकिन ने समाजवादी महिलाओं के सम्मेलन में रखी थी। इसके बाद से ही दुनियाभर में महिला दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

विद्यावती ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका की मजदूर महिलाओं ने 1845 में कपड़ा उद्योग में हड़ताल की जिसमें 5000 महिलाएं शामिल हुई थीं। उन्होंने अपने काम के घंटे कम करने की मांग की। महिलाओं के संघर्षों के बाद सरकारों को महिलाओं को काम के घंटे कम करने के लिए बाध्य होना पड़ा था।

सभा में महिलाओं ने मांग की कि विधवा वृद्धा व परित्यक्ता पेंशन को बढ़ाकर ₹5 हजार मासिक किया जाए तथा रोजगार को मौलिक अधिकार घोषित कर सभी देशवासियों को सम्मान जनक रोजगार की गारंटी दी जाए।

समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार ने कहा कि समाजवाद ही महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा और खुशहाल जीवन की गारंटी कर सकता है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में महिला और पुरुष शिक्षकों को बराबर का वेतन मिलता है परंतु निजी स्कूल में ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि आज सरकार स्वयं महिलाओं का शोषण कर के संविधान में दर्ज महिलाओं के लिए बराबरी के अधिकार को तार-तार कर रही है। आशा वर्कर, भोजन माता व आंगनबाड़ी कर्मियों को न्यूनतम वेतन भी सरकार नहीं दे रही है।

साइंस फॉर सोसायटी के मदन मेहता ने अंधविश्वास दूर करने के लिए कार्यक्रम में ढोंगी पाखंडी बाबाओं द्वारा दिखाई जाने वाले चमत्कारों का पर्दाफाश किया।

अंत में महिला नेत्री कौशल्या ने ग्राम हिम्मतपुर के निवासियों सभी सहयोगियों व आगंतुकों का का आभार व्यक्त किया। सभा को किसान नेता ललित उप्रेती, महेश जोशी, किरन आर्या, मेघा आदि ने भी सम्बोधित किया।

कार्यक्रम में कालू सिद्ध, चैनपुरी, सुंदरखाल,छोई, उदयपुरी बंदोबस्ती, देवीपुर बासीटीला, सावल्दे पश्चिम, हिम्मतपुर डोटियाल समेत दर्जनों गांव की महिलाओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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