2019 से नहीं हुआ इंदौर के 186 किसानों के पौने तीन करोड़ रुपये बकाया राशि का भुगतान, संयुक्त किसान मोर्चा ने किया कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन
इंदौर। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आज 8 सितंबर को लक्ष्मी नगर मंडी से कलेक्टर कार्यालय तक पैदल मार्च की घोषणा की गई थी, लेकिन बारिश को देखते हुए पैदल मार्च स्थगित किया गया। कार्यक्रम में तब्दीली करते हुए कलेक्टर कार्यालय पर ही संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी संगठनों के कार्यकर्ता एकत्रित हुए तथा कलेक्टर कार्यालय पर आधे घंटे तक नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में किसान मोर्चा से जुड़े संगठन किसान संघर्ष समिति अखिल भारतीय किसान सभा मध्य प्रदेश किसान मजदूर सेना आदि संगठन शामिल थे। बारिश के बावजूद इंदौर जिले के कई गांव से किसान प्रतिनिधि प्रदर्शन में शामिल होने आए थे। किसान अपनी मांगों को लेकर हाथों में नारे लिखी तख्तियां लिए हुए थे।
इस दौरान 10 सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम के माध्यम से दिया गया, जिसमें मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन से मांग की गई है कि इंदौर के 186 किसानों का बकाया पौने तीन करोड़ रुपए का भुगतान तत्काल मंडी निधि से कराया जाए। 2019 से प्याज, सोयाबीन के बकाया भावांतर राशि तथा गेहूं बोनस राशि का भुगतान तत्काल किया जाए।
अल्प वर्षा से खरीफ सोयाबीन का नुकसान सर्वे करवा कर आरबीसी 6-4 के तहत मुआवजा राशि एवं फसल बीमा दिया जाए। दूध उत्पादक किसानों को ₹5 प्रति लीटर बोनस दिया जाए। इकोनॉमिक कॉरिडोर, रिंग रोड सहित सभी योजनाओं में खेती की जमीन का अधिग्रहण बगैर किसानों की सहमति से नहीं किया जाए। किसानों की जमीन अधिग्रहण करने पर भूमि के बाजार भाव से चार गुना मुआवजा दिया जाए। वर्षों से निरंजनपुर में लग रही सब्जी मंडी को कृषि उपज मंडी की उपमंडी घोषित किया जाए।
साथ ही मांग की गयी कि प्याज निर्यात पर लगाए गए 40% शुल्क को तत्काल हटाया जाए। सब्जी सहित सभी फसलों का एमएसपी गारंटी के साथ दिया जाए।
प्रदर्शन में प्रमुख रूप से चंदन सिंह बड़वाया, शैलेंद्र पटेल, लाखनसिंह डाबी, रामस्वरूप मंत्री, अरुण चौहान, बबलू जाधव, मेहरबान गिरनार, संदीप नागर ,मोनु सोलंकी, अरशद पटेल, कमल खिंची, विकाश चोकसे, राजेंद्र नरवलीया, सोनू सोलंकी आदि शरीक थे। संयुक्त किसान मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि 8 दिनों मे मांगों पर सरकार कोई सार्थक निर्णय नहीं करती है तो किसान मोर्चा चरणबंद तरीके से आंदोलन करेगा।