Uttarakhand Bharti SCAM : गोपेश्वर के बाद अब देहरादून के युवा भी उतरे सड़कों पर, भर्ती घोटाले को लेकर राजधानी में जोरदार प्रदर्शन
Uttarakhand Bharti SCAM : उत्तराखंड राज्य की सरकारी नौकरियों में हुई बंदरबांट और भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक किए जाने के मामले को लेकर गुस्साए युवकों ने अब सड़कों पर उतरना शुरू कर दिया है। एक दिन पहले गोपेश्वर में हुए जोरदार प्रदर्शन के बाद आज बुधवार को हजारों की संख्या में युवा बारिश के बावजूद सड़कों पर प्रदर्शन के लिए उतर पड़े। हजारों युवाओं के सड़कों पर उतरने से मौके पर तैनात भारी पुलिस बल के भी युवाओं का गुस्सा देखते हुए व्यवस्था बनाए रखने में पसीने छूट गए।
मालूम हो कि उत्तराखंड में एक तरफ भर्ती घोटालों को लेकर सरकार एसआइटी की कार्रवाई को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है तो दूसरी तरफ इस प्रकरण से युवा अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। प्रदेश में UKSSSC की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में धांधली सामने आने के बाद से कई और भर्ती परीक्षा संदेह के घेरे में आ गई हैं और कईयों की जांच की जा रही है। स्थिति यह है कि बीते कई दिनों से हर रोज एक भर्ती घपले की पोल खुल रही है।
घोटाले की एक खबर लिखकर निबटे नहीं, उससे पहले मामला कोई और मोड़ ले चुका होता था। प्रदेशभर के युवाओं को सकते में डालने वाले इस प्रकरण के बाद भी युवाओं में कोई हलचल नहीं थी। युवा केवल सोशल मीडिया पर मैसेज लिखकर ही इसका विरोध कर रहे थे, लेकिन मंगलवार 6 सितंबर को देर से ही सही सबसे पहले चमोली जिले के गोपेश्वर के युवा इन घोटालों के खिलाफ सड़कों पर उतरे। जिला मुख्यालय पर किए गए इस प्रदर्शन के दौरान युवाओं ने घोटालों की सीबीआई जांच के लिए ज्ञापन देना चाहा तो अधिकारियों ने दुस्साहस का परिचय देते इन युवाओं को घंटो तक विभिन्न बहानों से टरकाने की कोशिश की। इस दौरान तमाम युवा ज्ञापन लिए जाने की गुहार लगाते रहे, जिसके बाद बमुश्किल अधिकारी ज्ञापन लेने के लिए राजी हुए।
इसके बाद बुधवार 7 सितंबर को प्रदेश की राजधानी देहरादून में हजारों युवकों का हुजूम बारिश के बाद भी सड़कों पर उतर पड़ा। युवाओं ने परेड मैदान से लेकर सचिवालय तक कूच किया, लेकिन सचिवालय से पहले ही उन्हें मौके पर तैनात भारी पुलिस बल द्वारा रोक दिया गया। इस दौरान कई राजनीतिक पार्टियों ने भी बेरोजगार युवाओं का समर्थन किया। सचिवालय कूच में कई कांग्रेसी नेता भी शामिल हुए। इस दौरान कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसोनी ने कहा कि अगर पेपरलीक मामले में एसटीएफ की जांच से कोई संतुष्ट होता तो युवा आज सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए बाध्य नहीं होते।
यह है पूरा प्रकरण
बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर जब कार्रवाई की मांग की थी तो मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था।
इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 36 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी का एक जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत भी शामिल था। इस हाकम को पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इसके बाद अब हर दिन किसी न किसी विभाग में भर्ती घोटाला उजागर हो रहा है। साथ ही पूर्व विधानसभा अध्यक्षों पर भी बैकडोर से नियुक्ति करने के न केवल आरोप लग रहे हैं, बल्कि यह लोग पूरी बेशर्मी के साथ खुलेआम मीडिया के सामने अपने इन कारनामों को जायज भी ठहरा रहे हैं।
पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री पर भी ऐसे ही आरोप लग रहे हैं। ऐसे में अब यह मांग लगातार उठ रही है कि इन सारे प्रकरणों की सीबीआई या फिर उच्च न्यायालय के सीटिंग जज की अध्यक्षता में गठित समिति से जांच कराई जाए। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विधानसभाओं में हुई इन भर्तियों की जांच के लिए बीते दिनों एक कमेटी गठित कर इससे एक माह में रिपोर्ट देने को कहा है, तो दूसरी ओर कांग्रेस के विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष भुवनचंद्र कापड़ी ने मामले की सीबीआई जांच के लिए हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल की है।