शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षण घोटाले का आरोप लगाते रोते-बिलखते CM आवास पहुंचे अभ्यर्थी, पुलिस ने धरना स्थल पर छोड़ा
जनज्वार डेस्क। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार की सुबह बड़ी संख्या में अभ्यर्थी रोते-बिलखते हुए मुख्यमंत्री आवास पर पहुंच गए। इन अभ्यर्थियों ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षण घोटाले का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री आवास के सामने 'योगी जी न्याय दो" के नारे लगाना शुरू कर दिया। इसके बाद जब मुख्यमंत्री आवास का माहौल बदलने लगा तो पुलिस बल ने अभ्यर्थियों को बसों में भरकर उन्हें धरना स्थल इको गार्डन में भेज दिया।
बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि विभाग में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 18,598 पदों पर पूरी पारदर्शिता के साथ भर्ती की गई है, लेकिन कुछ शरारती तत्व और राजनीतिक दल युवाओं को बरगला कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, ''सरकार की ओर से किसी भी विभाग में भर्ती के लिए जिन नियमों के तहत आवेदन मांगे जाते हैं, उन्हीं के तहत पूरी भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाती है, इसे न भर्ती प्रक्रिया के दौरान बदला जा सकता है और न ही भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद।''
द्विवेदी ने कहा, ''69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता, आरक्षण और विशेष आरक्षण के सुसंगत नियमों का अनुपालन करते हुए बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया गया है। कुछ शरारती तत्वों और राजनीतिक दलों द्वारा जनपद आवंटन सूची और चयन की पूरी प्रक्रिया के बारे में तथ्यहीन एवं गलत आंकड़े प्रस्तुत कर भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है।''
उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 18,598 पदों के सापेक्ष 31,228 अभ्यर्थियों की निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से भर्ती हुई है। भर्ती प्रक्रिया में कोई भी संशोधन या बदलाव कानूनी रूप से संभव नहीं है, लेकिन तथ्यों को जानते हुए भी कुछ शरारती तत्व और दल महज अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। पिछले सवा चार साल के कार्यकाल में सरकार ने पारदर्शी तरीके से निष्पक्ष भर्तियां की हैं और आगे भी निष्पक्ष और पारदर्शी भर्तियां जारी रहेंगी।
बता दें कि बीते कई दिनों लखनऊ के अलग-अलग हिस्सों में अभ्यर्थी 69000 शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षण घोटाले का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे कुछ दिन पहले अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज भी किया गया था। आज जब वे फिर अपना हक मांगने मुख्यमंत्री आवास पहुंचे तो वे रोते-बिलखते सड़क पर लेटकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। इसी बीच वहां मौजूद पुलिस ने अभ्यर्थियों को बसों में भरकर धरना स्थल पर छोड़ दिया।