Bihar News : धान बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं रजिस्टर्ड किसान, सरकार के दावे साबित हुए जुमले
Bihar News : 15 नवंबर से जिले में धान की खरीद शुरू की गयी है जबकि किसानों को धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सरकार के द्वारा जोर दिया गया। किसानों ने रजिस्ट्रेशन भी करा लिए फिर भी अन्नदाता धान बेचने को लेकर दर दर की ठोकरे खा रहे हैं। किसानों को उम्मीद है कि उनको उनके धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा, परंतु अब किसानों को यह उम्मीद धूमिल होता दिखाई दे रहा है। आंकड़े भी यहीं बता रहे हैं।
सरकार का दावा बना जुमला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार के द्वारा धान अधिप्राप्ति को लेकर जो बड़े बड़े दावे किए जा रहे हैं, वह हकीकत में जमीन पर दिख नहीं रहा है। 1960 व 1940 रुपये धान खरीद के दावे किसानों को जुमले दिखाई दे रहे हैं। जिले के किसानों का जिन पर पूरी तरह से बिचौलिए हावी हैं, उनका सबसे बुरा हाल है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार किसी भी पैक्स अध्यक्ष से बात करते है तो कई प्रकार के बहाने बनाते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं किसान इनके रवैये से इतने परेशान हैं कि 1400 रुपये प्रति क्विंटल धान बिचौलियों को बेच रहे हैं।
विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़े
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विभाग के आंकड़ों की बात कि जाए तो उन आकड़ों के अनुसार 15 नवंबर से धान की खरीद शुरू हुई थी। साथ ही 8 जनवरी तक अर्थात 52 दिनों में मात्र 43 फीसदी धान की खरीद हुई है। बता दें कि सहकारिता विभाग के मुताबिक जो आंकड़े दर्ज किए गए है, 1 लाख 40 हजार मिट्रिक टन के विरुद्ध मात्र 60126.707 एमटी धान की खरीद हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शनिवार को शाम तक 2044 एमटी धान की खरीद हुई थी।
रजिस्ट्रेशन कराने के लिए दिया जाता है जोर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिले में कुल 20523 किसानों ने धान बेचने को लेकर रजिस्ट्रेशन कराया है लेकिन 52 दिनों में 6840 किसानों से धान खरीदा गया है| जो कुल किसानों का मात्र 33.2 फीसदी है। वहीं सरकार किसानों से रजिस्ट्रेशन कराने पर जोर देती है। जिसके बाद किसान रजिस्ट्रेशन करा भी ले तो उनका धान खरीदा नहीं जा रहा है। जबकि 15 फरवरी तक हीं धान खरीद की अंतिम तिथि निर्धारित है। जबकि लगभग 40 दिन का समय शेष है। ऐसे में सरकार लगभग 13683 किसानों से धान किस प्रकार खरीद सकेगी।