Bulli Bai App Controversy : जानिए कौन है बुल्ली बाई ऐप की मास्टरमाइंड श्वेता सिंह, महिलाओं के खिलाफ कैसे भरी दिल में नफरत
(बुल्ली बाई ऐप केस : मुख्य आरोपी युवती उधम सिंह नगर से गिरफ्तार)
Bulli Bai App Controversy : सोशल मीडिया पर बुल्ली भाई ऐप की चर्चा जोरों पर हो रही है। इस ऐप में मुस्लिम महिलाओं की बोली लगाई जाती है। मुस्लिम महिलाओं को टारगेट करके अपमानित करने वाले इस ऐप का खुलासा हो चुका है। इस ऐप को बनाने वाले मास्टरमाइंड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक की उम्र 18 साल और दूसरे के 21 साल है। दोनों ही पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स हैं। इस उम्र में मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करने की इनकी साजिश सभी को हैरान कर रही है। पुलिस ने दोनों मास्टरमाइंड्स को अपनी हिरासत में ले लिया है। इस ऐप के हैंडलर्स 21 साल के इंजीनियरिंग स्टूडेंट विशाल झा और 18 साल की श्वेता सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है।
श्वेता सिंह है मास्टरमाइंड
इस ऐप की मास्टरमाइंड श्वेता सिंह को बताया गया है। श्वेता सिंह उत्तराखंड की रहने वाली है, जिसे मुंबई पुलिस की साइबर सेल हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। हर किसी के मन में एक ही सवाल है कि आर्थिक तंगी के शिकार परिवार में 18 साल की लड़की श्वेता सिंह के मन में मुस्लिमों को लेकर आखिरी इतनी नफरत कैसे भर गई है। पुलिस द्वारा इस मामले में जांच की जा रही है कि कहीं पैसे कमाने के लालच में तो इन लोगों ने यह घिनौना रास्ता नहीं अपनाया है।
आर्थिक तंगी का शिकार है परिवार
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में रहने वाली श्वेता तिवारी का नाम सुर्खियों में है। मुस्लिम महिलाओं की फोटो को एडिट करके इंटरनेट पर वायरल करने और बुल्ली बाई नामक ऐप पर नीलामी के मामले की मास्टरमाइंड श्वेता सिंह के मां और पिता का निधन हो चुका है। श्वेता सिंह की तीन बहन और एक भाई है। बता दें कि श्वेता सिंह का परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है।
मां-पिता का हो चुका है निधन
इस ऐप की मास्टरमाइंड श्वेता सिंह अपनी बोर्ड परीक्षा के बाद इंजीनियरिंग एंट्रेंस की तैयारी में लग गई थी। श्वेता सिंह के पिता की मौत पिछले साल कोरोना संक्रमण के कारण हो गई थी। साथ ही अपने बचपन में ही श्वेता सिंह अपनी मां को भी खो चुकी हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कैंसर की वजह से 2011 में श्वेता सिंह की मां का निधन हो गया था। प्रदेश सरकार की तरफ से कोरोना में मरने वालों के परिवार को मिलने वाली अनुकंपा राशि से श्वेता सिंह और उनके भाई-बहनों का खर्चा चलता है।
3 हजार रुपए मिलता है खर्च
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार उत्तराखंड सरकार की तरफ से वात्सल्य योजना के तहत मिलने वाले तीन हजार रुपए और श्वेता सिंह के पिता जिस कंपनी में काम करते थे, उस कंपनी से मिलने वाली राशि से श्वेता सिंह के परिवार का गुजारा होता है। श्वेता सिंह की बड़ी बहन बीकॉम की स्टूडेंट है। बता दें कि श्वेता सिंह की इच्छा इंजीनियर बनने की है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार क्षेत्र के भाई बहन उसको मोबाइल पर ज्यादा समय देखने को लेकर अक्सर टोका करते थे।
सोशल मीडिया पर हुई थी विशाल से दोस्ती
बता दें कि उत्तराखंड से हिरासत में ली गई श्वेता सिंह को ट्रांजिट रिमांड के बाद क्राइम ब्रांच मुंबई लेकर आएगी। साथ ही इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि दोनों आरोपी श्वेता सिंह और विशाल झा को मुंबई पुलिस आमने-सामने बिठाकर पूछताछ कर सकती है। पुलिस के अनुसार श्वेता सिंह और बेंगलुरु में रहने वाले विशाल की दोस्ती सोशल मीडिया के जरिए हुई थी।
ऐप में मुस्लिम महिलाओं की बोली
बता दें कि बुल्ली बाई ऐप के जरिए मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की तस्वीरें लगाकर उनकी कथित तौर पर बोली लगाने का आरोप है। इस मामले में शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की शिकायत पर पश्चिम प्रादेशिक क्षेत्र साइबर पुलिस ने गिटहब पर होस्ट किए गए 'बुल्ली बाई' ऐप डिवेलपर के खिलाफ रविवार को मामला दर्ज किया गया था।
दिल्ली पुलिस ने भी किया हस्तक्षेप
मीडिया में छपी खबरों के अनुसार दिल्ली पुलिस ने भी यह मोबाइल ऐप डिवेलप करने वाले की जानकारी मांगी है। साथ ही, ट्विटर को इससे जुड़ा आपत्तिजनक कंटेंट हटाने को कहा है। बता दें कि इससे पहले दिल्ली महिला आयोग चीफ स्वाति मालीवाल ने डिप्टी पुलिस कमिश्नर, साइबर क्राइम सेल को 6 जनवरी को तलब कर दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की। आयोग ने दिल्ली पुलिस से 'सुल्ली डील' और 'बुली बाई' दोनों मामलों में गिरफ्तार लोगों की लिस्ट और कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।