Kanpur News Update: नोट छुपाने के लिए अपनाई थी फिल्मी तरकीब, देर रात बक्शे पड़े कम तो कंटेनर मंगवाना पड़ा
(कारोबारी पियूष जैन के घर से बरामद नोटों का जखीरा)
Kanpur News Update: 2018 में रिलीज हुई अजय देवगन की फिल्म 'रेड' याद है आपको। इस फिल्म का सबसे गहरा प्रभाव कानपुर के कारोबारियों पर शायद कुछ अधिक ही पड़ा लगता है। क्योंकि इस फिल्म की तर्ज पर ही पियूष जैन के आनंदपुरी स्थित घर की दीवारों में नोटों के बंडल बरामद हुए हैं। बुधवार को शुरू हुई कार्रवाई शुक्रवार देर रात तक चलती रही।
अफसरों को घर में कई अलमारियां मिलीं जो बंद थीं। अधिकारियों ने पियूष जैन से बात की लेकिन बात नहीं बनी। जिसके बाद दूसरे दिन अफसरों ने दूसरी चाभियों का इस्तेमाल कर ताले खोले। अलमारियों में बारी मात्रा में कैश मिला। जिनकी गिनती शुक्रवार तक चली। जांच के दौरान अधिकारियों को घर की कुछ दीवारें अन्य से भिन्न लगीं जिस पर दीवारों ठोकी गईं तो भीतर से खोखली लगीं। इन दीवारों को जब तोड़ा गया तो अंदर से नोटों के बंडल गिरने लगे।
पांच सौ और सौ की नोट के ये बंडल पॉलीथीन में पैक थे। देर रात तक चली गिनती के मुताबिक कुल 180 करोड़ रूपये बरामद होने की बात कही जा रही है। 40 घंटे से अधिक चली तलाशी के बाद बरामद नकदी को 80 बक्शों में भरकर स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में भिजवाया गया। इस जांच में 30 से अधिक कर्मचारी व नोट गिनने के लिए 17 मशीनों का इस्तेमाल किए जाने की बात भी सामने आई है।
घर के बाहर रात का करंट
पर्फ्यूम कारोबारी पियूष जैन ने साल 2007 में आनंदपुरी में मकान खरीदा था। लेकिन खुद कभी-कभी ही आते थे। बेटा प्रत्युष व प्रियांश यहीं रहते थे। बताया जाता है कि घर में अकूत दौलत होने के चलते गिने चुने लोग ही आते थे। घर में सीसीटीवी नहीं है लेकिन घर के बाहर और छतों पर कंटीले तारों की फेसिंग है। जिनमें रात को करंट दौड़ता था। घर के अंदर काले शीशे लगे हैं। जिससे कोई अंदर की हलचल ना देख सके।
पियूष के भाई का बहनोई है प्रवीण
इत्र कारोबारी पियूष जैन और उसका भाई अमरीष जैन कन्नौज में कंपाउंड किंग के नाम से मशहूर हैं। जिनकी ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन से रिश्तेदारी है। प्रवीण जैन अमरीष जैन का बहनोई है। दोनो भाई 40 से अदिक कंपनियों के मालिक हैं जिनकी विदेशों तक सप्लाई है।
जांच के बाद कारोबार के दायरे का चलेगा पता
180 करोड़ से अधिक का कैश मिलने के बाद इत्र कारोबारी, शिखर पान मसाला के मालिक व ट्रांसपोर्टर प्रवाण जैन पर शिकंजा कस सकता है। इत्र कारोबारी का विदेश तक कारोबार फैला है। ऐसे में जांच का दायरा बढ़ने की संभावना है। आयकर और ईडी की जांच शुरू होने पर विदेशी लेन-देन, बैंक लॉकरों, संपत्तियों का खुलासा हो सकेगा। एक समय शिखर पान मसाला का शहर में बड़ा काम था। काम बढ़ने के बाद नोएडा शिफ्ट हो गया लेकिन अभी भी यहां बड़े स्तर पर कारोबार चलता है।
इस तरह कसता गया शिकंजा
कुछ समय पहले गुजरात में पकड़े गये ट्रकों में मिले फर्जी ई-वे बिल व जाली इनवाइस ने इत्र कारोबारी पियूष जैन, ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन और शिखर पान मसाला के मालिक के बीच चल रही सांठगांठ की पोल खोल दी। ट्रकों को पकड़ने के बाद महानिदेशालय जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) की टीम ने लंबे समय तक रेकी की। जिसके बाद बुधवार 22 दिसंबर सबसे पहले शिखर पान मसाला व ट्रासपोर्टर के यहां छापा मारा गया। जहां पियूष जैन के नाम कई फर्जी बिल मिले। बस यहीं से पियूष जैन टीम के निशाने पर आ गया।