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Corona Death Case : कोरोना से मौत के दावों में भी हो गया खेल, SC ने केंद्र को दी इस बात की इजाजत

Janjwar Desk
24 March 2022 11:01 AM GMT
रोना से मौत के दावों में भी हो गया खेल, एससी ने केंद्र को दी इस बात की इजाजत
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कोरोना केस में हेराफेरी की जांच का आदेश दिया।

Corona Death Case : सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल और महाराष्ट्र व एक अन्य राज्य में पांच प्रतिशत दावों की जांच कर सकती है।

नई दिल्ली। पिछले दो साल से कोरोना महामारी की वजह से देश और दुनिया में न केवल लोगों की जीवन शैली बल्कि कामकाज के तरीके भी बदल दिए हैं। कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर मंदी से बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए। महंगाई में भी बड़े पैमाने पर इजाफा है, जिससे जनता परेशान है। दूसरी तरफ कोरोना महामारी से मौत के आंकड़ों को लेकर भी काफी शोर शराबा हुआ। यह मामला मीडिया की सुर्खियों में भी छाया रहा। इस मामले में चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आई है कि कोरोना से मरने वालों की संख्या ( Corona death case ) में गड़बड़झाला हुआ है। अब इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने केंद्र सरकार ( Central Government ) को जांच के आदेश दिए हैं।

ताजा अपडेट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कोरोना से होने वाली मौत के मुआवजें के झूठे दावों की जांच करने की इजाजत दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल और महाराष्ट्र व एक अन्य राज्य में पांच प्रतिशत दावों की जांच की जाएगी। सवाल यह है कि इन्हीं राज्यों में जांच क्यों? इसका जवाब यह है कि इन राज्यों में कोरोना से होने वाली मौतों के आधिकारिक आंकड़े और क्लेम में अंतर की वजह से गड़बड़झाले का खुलासा हुआ है।

28 मार्च दावे की अंतिम तिथि

इतना नहीं नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से होने वाली मौत का मुआवजा पाने के लिए दावा करने की समय सीमा भी तय कर दी है। लोग 28 मार्च तक मुआवजे का दावा कर सकते हैं। इसके अलावा अगर आगे किसी की कोरोना से मौत होती है तो वह 90 दिनों के भीतर क्लेम कर सकता है।

केंद्र केवल उन्हीं की जांच करे, जिस पर संदेह ज्यादा हो

सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि मोदी सरकार 5 राज्यों में 5 पांच प्रतिशत दावों की ही जांच कर सकती है। केंद्र उन्हीं मामलों की जांच करे जिसपर संदेह ज्यादा हो। इससे पहले 14 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा था कि अगर इस राहत का दुरुपयोग हो रहा है तो CAG द्वारा इसकी जांच होनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा है कि कोई भी राज्य मुआवजे से इनकार नहीं कर सकता चाहे सर्टिफिकेट पर मौत कोरोना की वजह लिखी हो या नहीं।

बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय का आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक कोरोना 5.16 लाख लोगों की मौत हुई है। गुजरात, आंध्र प्रदेशष माहाराष्ट्र और केरल में ही 2.36 लाख लोगों की जान कोरोना की वजह से चली गई।

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