गरीबों के लिए पैसे व अनाज की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे येचुरी व वृंदा को फोटो शाॅप कर दिखा दिया चीन समर्थक
जनज्वार, नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और पार्टी की वरिष्ठ नेता वृंदा करात की तसवीरें शेयर की जा रही हैं, जिसमें उन्हें चीन के समर्थन में भारतीय सेना को वास्तविक नियंत्रण रेखा से वापस किए जाने की मांग करते हुए दिखाया जा रहा है। दरअसल, यह वास्तविक तसवीर नहीं है और मूल तसवीर में फोटो शाॅप कर बदलाव कर इसे प्रसारित किया जा रहा है, ताकि ऐसी तसवीरों के जरिए उन्हें देश विरोधी साबित कर और विचारधारा को लेकर चीन के करीब बताया जा सके।
सीताराम चेयुरी व वृंदा करात की जिन तसवीरों को फोटो शाॅप किया गया है, वह 16 जून की हैं, जिस दिन माकपा ने पेट्रोलियम पर एक्साइज ड्यूटी बढाने. लाॅकडाउन में गरीबों की समस्या, उन्हें आर्थिक सहायता व अनाज देने सहित अन्य मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन को लेकर माकपा ने कहा था कि जब दुनिया में पेट्रोलियम के दाम गिर रहे हैं तो कोविद19 संकट के बीच हमारे यहां सरकार इस पर एक्साइज ड्यूटी बढा रही है, जिससे लोगों को परेशानी होगी। माकपा ने गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों के लिए आथिक सहायता व मुफ्त अनाज की मांग भी की थी।
ध्यान रहे कि लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प 15 जून की रात हुई थी और मीडिया में इस संबंध में पहली खबर 16 जून को दोपहर बाद आई थी। जबकि कोई भी पार्टी जब प्रदर्शन करती है तो उसका मुख्य कार्यक्रम सुबह से शुरू हो जाता है और दोपहर तक वह ठंडा पड़ जाता है। ऐसे में 16 जून को ही सीताराम येचुरी और वृंदा करात चीन के समर्थन में भला कैसे प्रदर्शन कर सकते हैं, यह सोचने वाली बात है।
वृंदा करात की फोटो शाॅप की हुई जो तसवीर है, उसमें एक प्रमुख न्यूज एजेंसी के बूम माइक के साथ एक शख्स भी पीछे दिख रहा है जो रिपोर्टर होगा और उनके राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन को कवर करने और प्रमुख नेताओं से बात करने वहां पहुंचा होगा।
दिलचस्प बात यह है कि कल शाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के मुद्दे पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए सर्वदलीय बैठक आयोजित की थी तो उसमें सीताराम येचुरी भी शामिल हुए थे और भाकपा के नेता डी राजा भी।
सीताराम येचुरी ने इस बैठक में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल भी उठाए, खास कर उनके उस बयान पर कि हमारी सीमा में कोई घुस नहीं आया है और न एक ईंच जमीन कब्जे में ली है।
सीताराम येचुरी ने शुक्रवार की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान आने के बाद ट्विटर पर लिखा कि सीमा पर कोई संघर्ष नहीं हुआ? हमारे वीर सैनिक क्यों शहीद हुए? सर्वदलीय बैठक क्यों बुलायी गयी?