Begin typing your search above and press return to search.
दिल्ली

उत्तराखंड में आई तबाही के कारण 80 गुना बढ़ गई थी दिल्ली पहुंचने वाले पानी में गंदगी, दिल्ली जलबोर्ड

Janjwar Desk
15 Feb 2021 7:45 PM IST
उत्तराखंड में आई तबाही के कारण 80 गुना बढ़ गई थी दिल्ली पहुंचने वाले पानी में गंदगी, दिल्ली जलबोर्ड
x

वैज्ञानिकों की चेतावनी : बड़ी परियोजनाओं पर नहीं लगी लगाम तो आयेगा इससे भी भयानक तबाहियों का सैलाब

उत्तराखंड में जो प्राकृतिक आपदा आई और ग्लेशियर टूटा, उसकी वजह से जो कच्चा पानी आ रहा था, उसमें बहुत गंदगी पाई गई है। उस पानी में लकड़ी के टुकड़े, कुछ पौधे, कीचड़, मलबा आदि कई सारी चीजें आई हैं। उसकी वजह से पानी में गंदगी का स्तर काफी बढ़ गया....

नई दिल्ली। उत्तराखंड में आई आपदा के कारण दिल्ली के कुछ इलाकों में जलापूर्ति प्रभावित हुई है। हालांकि दिल्ली जलबोर्ड का दावा है कि अब इस समस्या को दूर कर दिया गया है। अब भागीरथी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट 100 प्रतिशत और सोनिया विहार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट 80 प्रतिशत क्षमता से काम कर रहे हैं।

दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा, "उत्तराखंड में आई आपदा के बाद अपर गंगा कैनाल में लकड़ी, पौधे, कीचड़ और मलबा आदि के आ जाने से एंटीयू का स्तर 100 से बढ़कर 8 हजार के पार पहुंच गया था। जिसकी वजह से सोनिया विहार और भागीरथी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की उत्पादन क्षमता बहुत कम हो गई थी। इससे दक्षिणी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाकों में पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई।"

सोमवार 15 फरवरी को दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने भागीरथी ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा करने के बाद कहा कि, "अपर गंगा कैनाल से मुरादनगर होते हुए जो कच्चा पानी दिल्ली आता है, उस पानी को हम ट्रीट करके दिल्ली वालों को दिया करते हैं। उत्तराखंड में जो प्राकृतिक आपदा आई और ग्लेशियर टूटा, उसकी वजह से जो कच्चा पानी आ रहा था, उसमें बहुत गंदगी पाई गई है। उस पानी में लकड़ी के टुकड़े, कुछ पौधे, कीचड़, मलबा आदि कई सारी चीजें आई हैं। उसकी वजह से पानी में गंदगी का स्तर काफी बढ़ गया। इसे एंटीयू में मापा जाता है। पानी में एंटीयू का स्तर 8000 पर पहुंच गया।"

उन्होंने कहा कि अक्सर फरवरी के महीने में यह गंदगी करीब 100 एंटीयू के आसपास होती है, लेकिन वह गंदगी का स्तर 100 एंटीयू से बढ़कर 8000 एंटीयू हो गया, जिसके चलते हमें अपने दो बड़े वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सोनिया बिहार और भागीरथी, इन दोनों की क्षमता को काफी हद तक कम करना पड़ा और पानी का उत्पादन कम करना पड़ा।

अपनी पूरी क्षमता के साथ ही ये प्लांट काम नहीं कर पा रहे हैं। यह दोनों प्लांट मिलकर के प्रतिदिन करीब 250 एमजीडी पानी दिल्ली वालों को देते हैं। इन दोनों ट्रीटमेंट प्लांट से जिन इलाकों में पानी जाता है, उनमें दक्षिणी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाके हैं। ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता प्रभावित होने के कारण इन इलाकों में 2 दिनों से पानी की आपूर्ति काफी खराब रही है। इसकी पूर्ति के लिए हमने टैंकर लगाकर के जल आपूर्ति करने का प्रयास किया।

राघव चड्ढा ने कहा कि, "मुझे अब यह बताते हुए खुशी है कि दिल्ली जल बोर्ड के सभी अधिकारियों और इंजीनियर ने दिन रात मेहनत करके इस गंदगी को, उत्तराखंड में आई आपदा की वजह से जो गंगा नदी में आ रही थी, उसे कम किया है। 8000 एंटीयू गंदगी का आंकड़ा पहुंचा था, उसे घटाकर इस समय 960 एंटीयू तक ले आए हैं। यानी अब गंदगी लगभग 10 प्रतिशत रह गई है। 90 प्रतिशत तक साफ किया जा चुका है।"

उन्होंने कहा, उसकी वजह से हमारे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता है जो आधी से भी कम हो गई थी, आज उस क्षमता को हमने बढ़ा दिया है और फिर से हमारा भागीरथी ट्रीटमेंट प्लांट अब 100 प्रतिशत क्षमता के साथ चलने लगा है।

Next Story

विविध