Dharavi Project: Asia की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती "धारावी प्रोजेक्ट" पर अडानी ग्रुप का कब्जा, 5,069 करोड़ की लगाई थी बोली
Dharavi Project: एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी (Dharavi) के पुनर्विकास का (Redevelopment) टेंडर आखिरकार मंजूर हो गया है। देश की जानी मानी कंपनी अडानी इंफ़्रा (Adani Infra) के हाथों धारावी का कायाकल्प होगा। मंगलवार को फ़ाइनल हुए टेंडर में 5,069 करोड़ की बोली के साथ अडानी इंफ़्रा ने बाजी मारी। डीएलएफ कंपनी ने 2,025 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी, जबकि तीसरी कंपनी नमन ग्रुप को डिस क्वालिफाई कर दिया गया।
अडानी को पहला टेंडर मंजूर होने के बाद वर्षों से विकास की प्रतीक्षा कर रहे धारावी वासियों को आशियाना मिलने के आसार दिखने लगे है। करीब 600 एकड़ परिसर में फैली धारावी की झोपड़पट्टियों के पुनर्विकास के लिए कई वर्षो से प्रयास हो रहा है। यह देश में ही नहीं, बल्कि विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत आवासीय परियोजना साबित होगी।
मंगलवार को टेंडर मंजूर होने के बाद धारावी पुनर्विकास परियोजना के प्रमुख एसवीआर श्रीनिवास ने कहा कि धारावी पुनर्विकास के लिए अडानी और डीएलएफ कंपनी द्वारा भरी गई निविदा खोली गई, जबकि तकनीकी गड़बड़ी के चलते तीसरी कंपनी नमन ग्रुप को बोली से हटा दिया गया था। अडानी ग्रुप की सर्वाधिक 5,069 करोड़ रुपए की बोली पर मुहर लगी। श्रीनिवास ने कहा कि राज्य सरकार के आदेशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
धारावी में लगभग 60,000 परिवारों और 13,000 वाणिज्यिक इकाइयों के लिए मुफ्त आवास के बदले में डेवलप करने वाली निजी कंपनी को 4 एफएसआई की अनुमति दी जाएगी। अन्य रियायतों के बीच, बेहतर शुल्क, निरीक्षण शुल्क, लेआउट जमा राशि, अतिरिक्त एफएसआई का उपयोग मुंबई में कहीं भी किया जा सकता है। अधिकारीयों के अनुसार यहां केवल घर ही नहीं,बड़े पैमाने पर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप भी करना होगा।
मिलेगा 405 वर्गफीट का घर
धारावी रिडेवलपेंट परियोजना के तहत वहां रहने वाले प्रत्येक परिवार को न्यूनतम 405 वर्ग फुट कारपेट का फ़्लैट मिलेगा। वैसे धारावी के 60,000 पात्र स्लम धारकों में लगभग 40% अपात्र स्लम भी हैं। उनके लिए निर्माण लागत और भूमि की कीमत का भुगतान या अन्य निर्णय राज्य सरकार लेगी। धारावी के विकास को रफ्तार देने के लिए कई नियमों में भी बदलाव किए गए हैं।
23 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट
वैसे यह लगभग 23 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट है। प्रॉजेक्ट को 7 वर्ष में पूरा करना होगा। डेवलपर को धारावी के अंदर एक से चार सेक्टरों के भीतर पहले से विकसित क्षेत्रों को छोड़कर, 24.62 हेक्टेयर निजी भूमि का अधिग्रहण करना है। स्पेशल पर्पज व्हीकल में, प्राइवेट प्लेयर्स की 80% इक्विटी और राज्य सरकार की 20% इक्विटी होगी।