ब्रेकिंग : प्रख्यात समाजशास्त्री व अंबेडकरवादी लेखिका गेल ओमवेट का 81 की उम्र में निधन
(समाजशास्त्री गेल ओमवेट का निधन)
जनज्वार। मशहूर समाजशास्त्री व अंबेडकरवादी लेखिका गेल ओमवेट का 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। जानकारी के मुताबिक ओमवेट काफी दिनों से बीमार चल रही थीं। वह महाराष्ट्र के कासेगांव में अपने पति भारत पाटणकर के साथ रह रही थीं। ओमवेट का जाना दलित-बहुजन समाज के लिए बड़ी क्षति मानी जा रही है।
उनके निधन पर लोग दुख जता रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, "कुछ ही देर पहले दुखी करने वाली यह बुरी खबर मिली: प्रख्यात लेखिका गेल ओमवेट नहीं रहीं। महाराष्ट्र के कासेगांव में उनका निधन हुआ, जहां वह अपने पति भरत पाटंकर और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ सन् 1978 से ही रहती थीं। गेल का जन्म भले अमेरिका में हुआ था पर उन्होंने जीवन का बडा हिस्सा एक भारतीय नागरिक और यहां के दलित-उत्पीडित लोगों की आवाज उठाने वाली एक विदुषी के रूप मे जिया! उन्होने बर्कले से समाजशास्त्र में पीएचडी किया। एक शोध अध्ययन के सिलसिले में वह भारत आई और फिर यहीं की होकर रह गयीं।
उन्होंने आगे लिखा, "अपनी कई शोधपरक पुस्तकों के जरिये उन्होने प्रबुद्ध, लोकतांत्रिक और समावेशी होने की कोशिश करते भारत की तलाश की है. उनकी कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकें जो इस वक्त याद आ रही हैं: दलित एन्ड डेमोक्रेटिक रिवोल्यूशन, अंडरस्टैन्डिग कास्ट: फ्राम बुद्ध टू अम्बेडकर एन्ड बियान्ड और अम्बेडकर: टुवर्ड्स एन इनलाटेन्ड इंडिया। उनको पढ़ने का मेरा सिलसिला तो काफी पहले शुरू हुआ लेकिन उनसे मुलाकात और निजी परिचय बहुत बाद में हुआ। कुछ साल पहले एक संगोष्ठी में हम दोनों ने एक ही मंच के एक ही सत्र में अपनी-अपनी बात रखी। गेल की मौलिकता और सहजता से मैं प्रभावित था!"
"एक मौलिक समाजशास्त्री और उत्पीड़ित व वंचित समाज की पक्षधर लेखिका के तौर पर गेल हमेशा याद की जायेंगी।वउनके जीवनसाथी भरत पाटंकर और बेटी प्राची पाटंकर के प्रति हमारी शोक संवेदना। सलाम और श्रद्धांजलि गेल ओमवेट!"
दलित अधिकार कार्यकर्ता भंवर मेघवंशी ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा- "बहुजन साहित्य को समृद्ध करने वाली विचारवंत लेखिका और प्रतिष्ठित स्कॉलर डॉक्टर गेल ओमवेट का निधन। विनम्र श्रद्धांजलि,नमन !"
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने अपने पोस्ट में लिखा, "भारत में बहुजन, बौद्ध, श्रमिक और नारीवाद आंदोलन की इतिहास लेखक, हम सबकी बेहद प्रिय, प्रखर चिंतक, विचारक, ज्ञानवंत, मान्यवर कांशीराम की वैचारिक सहयोगी प्रोफ़ेसर गेल आम्वेट नहीं रहीं। नमन। आपकी लिखी बीसियों किताबें आने वाली पीढ़ी का मार्गदर्शन करती रहेंगी। मेरे लिए यह निजी क्षति है। मैंने जिनसे सबसे ज़्यादा सीखा, उनमें प्रो. ऑम्वेट प्रमुख हैं। अलविदा प्रोफ़ेसर!"
बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम ने लिखा, "प्रखर बहुजनवादी लेखिका, रिसर्चर, स्कॉलर, डा.गेल ओमवेट के निधन की खबर सुनकर मुझे बहोत दु:ख हुआ, शॉक लगा। गेल ओमवेट ने फुले-शाहू-अम्बेडकर के आंदेलन पर रिसर्च करके, सारे महाराष्ट्र एवं देश भर घूमकर जो साहित्य निर्माण किया वह उनका बहुजन आंदोलन के लिए बहोत बड़ा योगदान है। उससे बहुजन समाज को फुले-शाहू-अम्बेडकर का आंदोलन और उनकी विचारधारा समझने में आसानी हो गई। मान्यवर कांशिराम साहब अपने भाषणों में जिन दो किताबों का जिक्र करते थे, उनमें डा.बाबासाहब अम्बेडकर द्वारा लिखी Annihilation of Caste और डा.गेल ओमवेट द्वारा लिखी Cultural Revolt in Colonial Society : The Non-Brahman Movement in Western India ये किताबें शामिल थी. डा.गेल ओमवेट को नमन और भावपुर्ण श्रद्धांजलि!"
ब्लॉगर व लेखक हंसराज मीणा लिखते हैं, "प्रखर बहुजनवादी लेखिका, रिसर्चर, स्कॉलर, डॉ. गेल ओमवेट के निधन की खबर अत्यंत दुखद है। आंबेडकर, फुले की विचारधारा को देशभर में फैलाने व बहुजन मूवमेंट को मजबूत बनाने के लिए समाज आपके क्रांतिकारी कार्य का सदैव आभारी रहेगा। डॉ. गेल ओमवेट को नमन और भावपूर्ण श्रद्धांजलि। जय भीम।"