Fake Currency In India : नोटबंदी का सच आया सामने - सिर्फ एक साल में 500 के नकली नोटों में 100 % तो 2 हजार के नकली नोटों में 50 % की वृद्धि
Fake Currency In India : भारतीय रिजर्व बैंक ( Reserve Bank Of India ) के अनुसार वित्त वर्ष 2021 - 2022 में नकली नोटों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) के अनुसार 500 रुपए के नकली नोट एक साल में दोगुने हो गए हैं। पिछले साल की तुलना में केंद्रीय बैंक ने 500 रुपए 101.9% ज्यादा नोट और 2 हजार रुपए के 54.16% ज्यादा नोटों का पता लगाया है।
नकली नोटों का अकड़ा हैरान करने वाला
नकली नोटों की बढ़ती संख्या परेशान करने वाली है। भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) का कहना है कि 31 मार्च 2022 तक बैंक में जमा हुए 500 और 2000 रुपए के नोट में 87.1% नकली नोट थे। वहीं 31 मार्च 2021 तक यह आंकड़ा 85.7% था।
भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) ने बताया कि यह 31 मार्च 2022 तक चलन में मौजूद नोटों का कुल 21.3% था। वहीं, अगर अन्य नोटों की बात करें तो पिछले वर्ष की तुलना में, 10 रुपए के नकली नोट 16.4% और 20 रुपए के नोट 16.5% बढ़े हैं। साथ ही इसके अलावा 200 रुपए के नकली नोटों में 11.7% की वृद्धि दर्ज की गई है।
वहीं अच्छी बात यह है कि पिछले साल के आंकड़ों को देखते हुए इस वित्त वर्ष में 50 रुपए के नकली नोट 28.7% और 100 रुपए के नकली नोट 16.7% कम हुए हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने 8 नवंबर 2016 को रात आठ बजे टीवी पर आकर 500 और 1000 के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था। नोटबंदी के इस फैसले के बाद देश में 500 रुपये और 2000 रुपये का नया नोट चलन में आ गया है।
नोटबंदी के बाद भी नकली नोटों का बाजार जारी
मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट को चलन से पूरी तरह से गायब कर दिया था। इसके बाद 500 का नोट नए फॉर्मेट में आया था। नोटबंदी के बाद ही 2000 का नोट अस्तित्व में आया था। नोटबंदी की वजह सरकार ने नकली नोटों पर नकेल कसना बताया था। ऐसे में एक बार फिर नए नोटों की नकली करेंसी आना सरकार के लिए भी चिंता का विषय है।