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Ghaziabad News : शहर में 60 फीसदी एम्बुलेंस अनफिट, अस्पतालों को नोटिस जारी

Janjwar Desk
13 July 2022 11:06 AM GMT
Ghaziabad News : शहर में 60 फीसदी एम्बुलेंस अनफिट, अस्पतालों को नोटिस जारी
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Ghaziabad News : शहर में 60 फीसदी एम्बुलेंस अनफिट, अस्पतालों को नोटिस जारी

Ghaziabad News : एआरटीओ राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि हाल ही में जिला अधिकारी के साथ बैठक के बाद अनफिट एंबुलेंस रखने वाले अस्पतालों को नोटिस भेजा गया है। एंबुलेंस बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के सड़क पर मिलती हैं। तो उसे जब्त कर लिया जाएगा...

Ghaziabad News : मरीजों को इलाज के लिए समय पर अस्पताल पहुंचाने वाली निजी अस्पतालों की लापरवाही बरतने में एंबुलेंस के चालक पीछे नहीं हैं। परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक निजी अस्पतालों की 60 फीसदी एम्बुलेंस अनफिट है। अस्पतालों की 997 एंबुलेंस परिवहन कार्यालय में पंजीकृत है, जिनमें से 399 के पास ही फिटनेस प्रमाण पत्र हैं। 598 एंबुलेंस अनफिट होने के बावजूद जिंदगी और मौत से जूझ रहे मरीजों को लाने छोड़ने का काम कर रही हैं।

अनफिट एंबुलेंस रखने वाले अस्पतालों को भेजा गया नोटिस

एआरटीओ राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि हाल ही में जिला अधिकारी के साथ बैठक के बाद अनफिट एंबुलेंस रखने वाले अस्पतालों को नोटिस भेजा गया है। एंबुलेंस बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के सड़क पर मिलती हैं। तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। एंबुलेंस की फिटनेस के लिए भी सामान्य बसों की तरह प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। डासना स्थित फिटनेस सेंटर पर एंबुलेंस की फिटनेस कराई जाती है। इसके लिए 700 रुपये की फीस के साथ जरूरी दस्तावेजों को पूरा कराना होता है। फिटनेस सेंटर के तकनीकी अधिकारी शेर सिंह ने बताया कि एंबुलेंस की फिटनेस से पहले साइड मिरर, रेडियम मिरर, सामने अंग्रेजी के उल्टे अक्षरों व सीधे अक्षरों में एंबुलेंस लिखा होना, टायर, शूकर, गियर और शीशों को चेक किया जाता है। इसके बाद एंबुलेंस को ऑनलाइन माध्यम से निरीक्षण करने वाली कंप्यूटराइज्ड मशीनों के टेस्ट में पास होना पड़ता है।

1 साल की अवधि होने पर एंबुलेंस की करानी चाहिए फिटनेस

एमएमजी अस्पताल के पास 32 एंबुलेंस हैं जिनमें से 16 एंबुलेंस 108 हेल्पलाइन नंबर से जुड़ी हुई है और 17 एंबुलेंस 102 हेल्पलाइन नंबर से जुड़ी हुई हैं। नोडल अधिकारी जयवेंद्र सिंह का कहना है कि 1 साल की अवधि होने पर एंबुलेंस लखनऊ भेजकर फिटनेस करा ली जाती है। वर्तमान में सभी एंबुलेंस पूरी तरह फिट हैं।

मरीजों की जान के साथ खिलवाड़

सड़को पर जो एम्बुलेंस दौड़ रही हैं इन एम्बुलेंस की वर्षो से फिटनेस नहीं हुई है। अब इन एम्बुलेंस पर भरोसा करना बहुत मुश्किल है की यह मरीजों को समय रहते अस्पताल पंहुचा पाएंगी या फिर रस्ते में ही खड़ी हो जाएँगी। बता दें अब एम्बुलेंस बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के सड़को पर नही दौड़ नहीं दौड़ पाएंगी अगर अनफिट हालत में कोई भी एम्बुलेंस मिली तो उसे जब्त कर लिया जायेगा। अनफिट हालत में एम्बुलेंस अगर मरीजों को लाना ले जाना कराती है तो यह मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ होगा।

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