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Gujrat : Bilkis Bano के दोषियों की रिहाई के बाद रंधिकपुर से पलायन क्यों कर रहे हैं मुस्लिम समुदाय के लोग?

Janjwar Desk
24 Aug 2022 5:42 AM GMT
Gujrat : Bilkis Bano के दोषियों की रिहाई के बाद रंधिकपुर क्यों छोड रहे हैं मुस्लिम समुदाय के लोग?
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Gujrat : Bilkis Bano के दोषियों की रिहाई के बाद रंधिकपुर क्यों छोड रहे हैं मुस्लिम समुदाय के लोग?

Gujrat : बिलकिस बानो गैंगरेप केस ( Bilkis bano Rape Case ) में 11 दोषियों को सजा सुनाने वाले जज ने कहा कि ये हालात, अच्छे नहीं हैं। मुझे ये समझ में नहीं आ रहा कि लोगों ने दोषियों का अभिनंदन क्यों किया?

Dahod News : गुजरात दंगा 2002 ( Gujrat riots 2002 ) में बिल्किस बानो के साथ गैंगरेप ( Bilkis bano Gang Rape Case ) हुआ था। इस मामले के 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी लेकिन भगवा सरकार ने नीतियों की आड़ में 15 अगस्त यानि जिस दिन देशभर में हर घर तिरंगा दिवस मनाया जा रहा था, ठीक उसी दिन सभी दोषियों को 15 साल की सजा काटने के बाद भाजपा सरकार ने रिहा कर दिया। इतना ही नहीं, स्थानीय लोगों ने दोषियों के सम्मान में अभिनंदन समारोह का भी आयोजन किया। उसके बाद से बिलकिस बानो का गांव रंधिकपुर ( Randhikpur village ) में खौफ का साया पसरा हुआ है। मुस्लिम समुदाय ( Muslim Community ) के लोग सुरक्षा की तलाश में गांव छोड़कर भाग रहे हैं।

अपने ही आशियाने को उजाड़ने पर क्यों तुले हैं लोग

बिलकिस बानो गैंगरेप केस ( Bilkis bano Gang Rape Case ) में 11 दोषियों को सजा सुनाने वाले जज ने एक कार्यक्रम में कहा कि ये हालात, अच्छे नहीं हैं। मैंने तो न्याय की जिम्मेदारियों को समझते हुए दोषियों को सजा सुनाया था लेकिन मुझे ये समझ में नहीं आ रहा कि लोगों ने दोषियों का अभिनंदन क्यों किया? क्या यह मान लें कि हम अपने ही बनाए आशियाने को उजाड़ना चाहते हैं। दरसअल, गुजरात दंगा 2002 के दौरान बिलकिस बानो गैंगरेप के 11 आरोपियों को प्रदेश सरकार ने माफी नीति के तहत 15 अगस्त को रिहा कर दिया। रिहाई के समय से ही गुजरात सरकार के इस फैसले पर देशभर में सवाल उठाए जा रहे हैं।

70 में से अधिकांश परिवारों ने किया पलायन

टीओआई के मुताबिक गुजरात के दाहोद ( Dahod ) जिले के रंधिकपुर गांव के एक शख्स ने मंगलवार को दावा किया कि 11 दोषियों की रिहाई के बाद सुरक्षा चिंताओं के चलते कई मुसलमान उस गांव को छोड़कर जाने लगे हैं। गांव छोड़कर जाने की वजह जेल से रिहा हुए लोगों का पड़ोस के गांव से होना बताया जा रहा है। रंधिकपुर निवासी शाहरुख शेख ने कहा कि 70 मुस्लिम परिवार डर के साये में जी रहे हैं। जबकि कई अन्य लोग गांव छोड़कर बाहर चले गए हैं। वे अन्य क्षेत्रों में अपने रिश्तेदारों और शुभचिंतकों के साथ रह रहे हैं।

दोषियों की गिरफ्तारी तक गांव न लौटने की खाई कसम

दिहाड़ी मजदूर शेख ने कहा कि हम डरे हुए हैं। हमने जिलाधिकारी से अपील की है कि दोषियों को सलाखों के पीछे डाला जाए और ग्रामीणों को सुरक्षा मुहैया की जाए। दाहोद के जिलाधिकारी को सोमवार को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने डर की बात कहते हुए सुरक्षा की मांग की है। ग्रामीणों ने कहा कि वे इसलिए गांव छोड़कर जा रहे हैं क्योंकि उन्हें महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता है। जब तक 11 दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती वे वापस नहीं लौटेंगे।

सभी दोषी पास के सिंगवड गांव के रहने वाले

दोहाद पुलिस का कहना है कि दोषी रंधिकपुर के पास के एक गांव के रहने वाले हैं लेकिन वे अभी उस इलाके में मौजूद नहीं हैं। पुलिस ने रंधिकपुर में सुरक्षा बढ़ा दी है। दाहोद पुलिस ने माना है कि कुछ लोग गांव छोड़कर चले गए हैं। डीएसपी आरबी देवधा ने कहा कि हमने स्थानीय लोगों से बात करने के बाद निश्चित स्थानों पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया है और गश्त बढ़ा दी है। पुलिस का कहना है कि रंधिकपुर में लोगों के संपर्क में है और उनकी चिंताओं को दूर कर रही है। दाहोद के एसपी बलराम मीणा ने कहा है कि 11 दोषी रंधिकपुर के पास सिंगवड़ गांव के मूल निवासी हैं लेकिन वे इलाके में मौजूद नहीं हैं।

उम्रकैद की सजा सुनाने वाले जज बोले - दोषियों का अभिनंदन सही नहीं

बिलकिस बानो ( Bilkis bano ) मामले में दोषियों को 14 साल पहले सजा सुनाने वाले जज ने 23 अगस्त को कहा कि सजा से माफी देना सरकार की शक्तियों के दायरे में आता है लेकिन कसूरवारों का जिस तरह से कुछ लोगों ने अभिनंदन किया वह गलत था। अवकाशप्राप्त न्यायाधीश यूडी साल्वी ने यूनाइटेड अगेंस्ट इंजस्टिस एंड डिस्क्रिमिनेशन की ओर से आयोजित सॉलिडैरिटी विद बिलकिस बानो नामक कार्यक्रम में कहा कि मुझे नहीं लगता कि मैंने कुछ खास किया था। उन्हें दोषी ठहराकर सजा सुनाना मेरा कर्तव्य था। राज्य के पास माफी का अधिकार होता है। उन्होंने कहा कि वह दोषियों को वक्त से पहले रिहा किए जाने के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते, क्योंकि उन्होंने संबंधित रिपोर्ट नहीं देखी है। उन्हें नहीं पता कि किन तथ्यों को ध्यान में रखा गया है दोषियों का अभिनंदन बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं थी। दोषियों को भी यह अभिनंदन स्वीकार नहीं करना चाहिए था।

Dahod News : बता दें कि गुजरात दंगों के दौरान रंधिकपुर गांव में तीन मार्च 2002 को बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या भी कर दी गई थी।

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