Hijab row in Maharashtra : हिजाब पर मालेगांव में गरमाई सियासत, एक्शन मोड में पुलिस, जानें क्यों?
हिजाब पर महाराष्ट्र केमालेगांव में सियासत गरमाई।
Hijab row in Maharashtra : कर्नाटक, यूपी, एमपी, पुद्दुचेरी के बाद अब हिजाब के मुद्दे पर महाराष्ट्र के मालेगांव ( Malegaon ) में शुक्रवार को सियासत गरमा गई है। मालेगांव पुलिस ने हिजाब के समर्थन में गुरुवार को आयोजित रैली के आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस ने एआईएमआईएम विधायक और जमीयत उलेमा ए हिंद के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। इसके बाद से क्षेत्र में तनाव की स्थिति है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को एक्शन मोड में रहने के लिए कहा गया है।
इसके विरोध में गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने घोषणा की थी कि शुक्रवार यानि 11 फरवरी को मालेगांव में 'हिजाब दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। आज मालेगावं में हिजाब दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। जालना में भी बड़ी संख्या में लड़कियों और महिलाओं ने हिजाब पहनकर गुरुवार को विरोध मार्च निकाला।
जमीयत उलेमा में बुलाई थी भीड़
हिजाब विवाद पर अभी तक की जानकारी के मुताबिक मालेगांव में गुरुवार यानि आज जमीयत उलेमा ए हिंद ने हिजाब के समर्थन में रैली का आयोजन किया है। रैली को सफल बनाने के लिए महिलाओं की भीड़ जुटाई गई है। हजारों की संख्या में महिलाएं रैली में शामिल हैं। कोरोना काल में भारी संख्या लोगों के जमा होने के बाद मालेगांव पुलिस ने कार्यक्र्म के आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस ने जमीयत उलेमा ए हिंद और एआईएमआईएम के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है।
शांति बनाए रखने की अपील, अलर्ट मोड पर पुलिस
इस मामले में महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि पूरे राज्य में पुलिस अलर्ट पर है। उन्होंने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है।
दरअसल, कर्नाटक में स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध के विरोध में गुरुवार को हजारों लोग महाराष्ट्र के मालेगांव में एकत्र हुए थे। मालेगांव पुलिस ने जमीयत उलेमा ए हिंद के चार आयोजकों को धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के लिए विरोध का आयोजन करने वाले संगठन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। विरोध प्रदर्शन का आयोजन पुलिस से इजाजत लिए बगैर आयोजित किया गया था। गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने घोषणा की कि शुक्रवार यानि 11 फरवरी को मालेगांव में 'हिजाब दिवस' के रूप में मनाया जाएगा।
बता दें कि कर्नाटक के कुछ कॉलेजों में हिजाब या इस्लामिक सिर ढकने पर प्रतिबंध के खिलाफ एक स्थानीय संगठन जालना मुस्लिम नुमानिदा ख्वातीन द्वारा विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था जो एक बड़े विवाद में बदल गया है। प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां और बैनर लिए 'पहले हिजाब फिर किताब' ( पहले हिजाब और फिर पाठ्यपुस्तक ) और 'संविधान बचाओ, देश बचाओ' स्लोगन लिखा था। मार्च के अंत में इस मुद्दे पर भारत के राष्ट्रपति को एक ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर को सौंपा गया।
बता दें कि कर्नाटक के कुछ कॉलेजों में हिजाब या इस्लामिक सिर ढकने पर प्रतिबंध के खिलाफ एक स्थानीय संगठन जालना मुस्लिम नुमानिदा ख्वातीन द्वारा विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था जो एक बड़े विवाद में बदल गया है। प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां और बैनर लिए 'पहले हिजाब फिर किताब' ( पहले हिजाब और फिर पाठ्यपुस्तक ) और 'संविधान बचाओ, देश बचाओ' स्लोगन लिखा था। मार्च के अंत में इस मुद्दे पर भारत के राष्ट्रपति को एक ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर को सौंपा गया।
औरंगाबाद के एआईएमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने ड्रेस कोड के नाम पर हिजाब बैन का समर्थन करने वालों से सवाल किया है कि राजस्थान से भाजपा की महिला सांसद को जब सर पर पल्लू ओढ़ने के लिए कुछ नहीं कहा जाता, तो मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पर सवाल क्यों?
एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी थी। नवाब मलिक ने कहा था कि अपनी पसंद का खाना और अपनी पसंद का पहनना, यह हर भारतीय का मौलिक अधिकार है। भाजपा और संघ परिवार लोगों के खाने और पहनने पर नियंत्रण लाकर मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है। मेरा सवाल है कि क्या मुस्लिम लड़कियां पढ़ने जा रही हैं, इससे उन्हें परेशानी है? फिर बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ के आपके नारे का क्या? केरल हाई कोर्ट ने अपना फैसला दिया है कि लड़कियां हिजाब पहन सकती है। अब कर्नाटक हाई कोर्ट में मामला गया है. फैसले का इंतजार है।