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झारखंड

एक साल से बिना नेता प्रतिपक्ष के है झारखंड विधानसभा, मरांडी को नोटिस मामले में 13 जनवरी को होगी सुनवाई

Janjwar Desk
18 Dec 2020 2:42 AM GMT
एक साल से बिना नेता प्रतिपक्ष के है झारखंड विधानसभा, मरांडी को नोटिस मामले में 13 जनवरी को होगी सुनवाई
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Babulal Marandi File Photo.

झारखंड विधानसभा पिछले एक साल से बिना नेता प्रतिपक्ष के है। बाबूलाल मरांडी को भाजपा ने विधायक दल का नेता चुना था, लेकिन स्पीकर की ओर से उन्हें अबतक नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिला है। उनके खिलाफ स्पीकर के न्यायाधिकरण में दल-बदल का भी मामला है, जिसको लेकर वे हाइकोर्ट पहुंचे हैं...

जनज्वार। झारखंड में मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के दल-बदल मामले में स्पीकर के नोटिस पर झारखंड हाइकोर्ट ने गुरुवार को रोक लगा दी है। हाइकोर्ट ने स्पीकर के नोटिस पर रोक लगाते हुए कार्यवाही अगले आदेश तक स्थगित कर दी है। वहीं, इस मामले में हाइकोर्ट ने राज्य के महाधिवक्ता को नोटिस जारी किया है और भाजपा की मरांडी को नेता प्रतिपक्ष घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सरकार व स्पीकर रवींद्र नाथ महतो से जवाब मांगा है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 13 जनवरी को निर्धारित है।

मुख्य न्यायाधीश रवि रंजन व न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। मरांडी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमणि और कुमार हर्ष ने पक्ष रखते हुए कहा कि स्पीकर को दल-बदल मामले में स्वतः संज्ञान लेने का अधिकार नहीं है। वहीं स्पीकर की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि नियमावली के अनुसार स्पीकर को स्वतः संज्ञान लेने का अधिकार है।

मालूम हो कि बाबूलाल मरांडी ने पिछले साल हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में खुद के द्वारा बनायी गयी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा के उम्मीदवार के रूप में गिरिडीह की राजधनवार सीट से चुनाव लड़ा था और चुनाव के कुछ महीनों के बाद वे भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी ने उन्हें विधायक दल का नेता चुना। मुख्य विपक्षी होने के कारण मरांडी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद के दावेदार हैं, लेकिन दल-बदल मामले को लेकर उन्हें अबतक यह दर्जा नहीं दिया गया है और झारखंड विधानसभा पिछले एक साल से नेता प्रतिपक्ष के बिना ही है।

मरांडी की पार्टी झाविमो के दो अन्य विधायक प्रदीप यादव व बंधु तिर्की कांग्रेस में शामिल हो गए। यादव व तिर्की के पक्षकारों का तर्क है कि वे विधायक दल की दो तिहाई संख्या हैं इसलिए उन पर दल-बदल का कानून लागू नहीं होता है।

मरांडी के भाजपा में शामिल होने के बाद दल-बदल के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की शिकायत उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले राजकुमार यादव व गुमला के झामुमो विधायक भूषण तिर्की ने स्पीकर से की है। उनके खिलाफ दसवीं अनुसूची के तहत दल-बदल मामले में कार्रवाई की मांग की गयी है।

वहीं, स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने कहा है कि वे नियम के दायरे में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी है कि बाबूलाल मरांडी इस मामले में कोर्ट गए हैं। उन्होंने कहा कि कानून का सम्मान होना चाहिए। वहीं, स्पीकर महतोे अब इस मामले में हाइकोर्ट में सुनवाई होने के बाद ही न्यायाधिकरण की बैठक करेंगे।

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