Jharkhand News in Hindi: सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम के बाद भी राशन व पेंशन के लिए परेशान हैं आदिम जनजाति समुदाय के लोग
Jharkhand News in Hindi: सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम के बाद भी राशन व पेंशन के लिए परेशान हैं आदिम जनजाति समुदाय के लोग
विशद कुमार की रिपोर्ट
Jharkhand News in Hindi: झारखंड के गढ़वा जिला अंतर्गत बड़गड़ प्रखण्ड परिसर में 4 मार्च 2022 को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 के अंतर्गत आदिम जनजातियों के राशन वितरण के मामले को लेकर जनसुनवाई का आयोजन किया गया। जन सुनवाई में बड़गड़ प्रखंड के सूदूवर्ती गांवों के सैकड़ों की संख्या आदिम जनजाति समुदाय लोगों ने भाग लिया। जन सुनवाई में ज्यूरी के समक्ष सैकड़ों मामले रखे गये। भोजन के अधिकार अभियान की टीम के द्वारा सोशल ऑडिट के माध्यम से पाया गया कि बड़गड़ प्रखंड के 21 गांवों के विभिन्न टोला में 309 आदिम जनजाति के लोग हैं। जिसमें से 219 परिवारों का राशन कार्ड बना हुआ है, जिसमें 130 ऐसे आदिम जनजाति परिवार पाये गये जिसके राशन कार्ड में परिवार के सदस्यों का नाम नहीं है। वहीं 67 परिवार का राशन कार्ड है ही नहीं। 7 परिवार पीएच कार्डधारी हैं। वहीं 72 आदिम जनजाति परिवारों का पेंशन नहीं है। आदिम जनजाति परिवारों के अन्य सरकारी सुविधा की बात करें, तो 27 परिवार के बच्चे आंगनबाड़ी से दूर हैं। सोशल ऑडिट के दौरान पाया गया की आंगनबाड़ी नियमित रूप से नहीं खुलने के कारण 69 आदिम जनजाति के बच्चे आंगनबाड़ी के लाभ से वंचित है। वहीं स्कूल नहीं होने के कारण 180 स्कूल छोड़ दिये है।
जन सुनवाई में यह भी मामले उठे कि सारुअत पाट में निवास करने वाले 33 आदिम जनजाति के लोगों का राशन कार्ड यह कह कर रद्द कर दिया गया कि सभी मृत हो गये हैं, और राशन बंद कर दिया गया। जबकी सभी जीवित हैं। आरती कोरवा ने बताया कि उसका राशन कार्ड काट दिया गया है, जिसके कारण हम लोगों को राशन की काफी परेशानी हो रही है। वहीं जनसुनवाई में फूलमनी, मिरची, प्यारी, रीता, बसंती की राशन में कटौती व कई का कार्ड से नाम का कटना और अक्टूबर माह का राशन नहीं देने का भी मामला को उठाया गया।
जन सुनवाई में शिकायत का जवाब देते हुए कि राशन कटौती होने व नहीं देने वाले डीलर पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया तथा बताया गया कि आगामी 8 मार्च से प्रखंड कार्यालय परिसर में राशन और पेंशन सहित अन्य समस्यों के निपटाने के लिए कैंप का आयोजन किया जायेगा।
जन सुनवाई में भोजन के अधिकार अभियान राज्य संयोजक आर्शिफी नंद प्रसाद, छतीसगढ़ से अभियान के गंगा राम पैकरा, लिगल सेवा को वोलेंटियर कला मुद्दीन अंसारी, सामाजिक कार्यकर्ता जय प्रकाश मीज व प्रखंड विकास पदाधिकारी विपिन भारती शामिल थे।
जन सुनवाई में राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान- डीडीसीए के राज्य समन्वयक मिथिलेश कुमार, पचाठी सिंह, लिबटेक इंडिया से सभीलनाथ पैकरा, नरेगा सहायता केंद्र बड़गड़ , भंडरिया, लंका से तागरेंन केरकेट्टा, फिरोज लकड़ा, विश्राम बाला, नीतू देवी, फुलवंती, मानहानि सिंह, राजेश लकडा, सुशीला लकडा, रामजी भुइयां, सहायता केंद्र के कॉडिनेटर मानिक चंद कोरवा सहित सैकड़ों की संख्या में आदिम जनजाति परिवार के लोगों ने भाग लिया। जनसुनवाई कार्यक्रम का संचालन झारखंड नरेगा वॉच के राज्य समन्वयक जेम्स हेरेंज ने की।