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Navjot Singh Sidhu: पटियाला जेल में बंद नवजोत सिंह की तबीयत बिगड़ी, जेल में बेहोश होने के बाद अस्पताल लाया गया

Janjwar Desk
20 Oct 2022 9:44 PM IST
Navjot Singh Sidhu: पटियाला जेल में बंद नवजोत सिंह की तबीयत बिगड़ी, जेल में बेहोश होने के बाद अस्पताल लाया गया
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Navjot Singh Sidhu: पटियाला जेल में बंद नवजोत सिंह की तबीयत बिगड़ी, जेल में बेहोश होने के बाद अस्पताल लाया गया

Navjot Singh Sidhu Health Update: पंजाब (Punjab) की पटियाला जेल (Patiala Jail) में बंद कांग्रेस (Congress) नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की तबियत आज अचानक बिगड़ गई।

Navjot Singh Sidhu Health Update: पंजाब (Punjab) की पटियाला जेल (Patiala Jail) में बंद कांग्रेस (Congress) नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की तबियत आज अचानक बिगड़ गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिद्धू को सीने में दर्द और लो ब्लड प्रेशर की दिक्कत हुई है, जिसके बाद उन्हें पटियाला के राजिंदरा अस्पताल (Rajindra Hospital Patiala) में भर्ती कराया गया। आज के दिन ही नवजोत सिंह सिद्धू का जन्मदिन (Navjot Singh Sidhu Birthday) भी है। कुछ महीनों पहले भी जेल में अचानक सिद्धू की तबियत खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें चंडीगढ़ पीजीआई (PGI Chandigarh) में भर्ती करवाया गया था। बता दें की लिवर की बीमारी के चलते सिद्धू को जेल में खाने के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई स्पेशल डाइट (Special Diet) दी जाती है।

कल यानी शुक्रवार को कोर्ट में होगी पेशी

लुधियाना के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट (Ludhiana District Court) में भारत भूषण आशू V/S बलविंदर सिंह मक्कड़ केस में सिद्धू की कल यानी शुक्रवार को पेशी (Hearing) होनी है। पेशी के दौरान अपनी सुरक्षा (Security) को लेकर चिंता जताते हुए सिद्धू ने जेल के सुपरिटेंडेंट को लेटर (Letter) लिखा था। लेटर में सिद्धू ने लिखा कि लुधियाना कोर्ट में बम ब्लास्ट (Bomb Blast) हो चुका है। इसलिए वहां उनकी जान को खतरा हो सकता है।

अगर पंजाब सरकार (Punjab Government) और SSP पटियाला उनकी सुरक्षा की गारंटी लेते हैं, तो वह कोर्ट में पेश होने के लिए तैयार है। वरना उनकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) के जरिये करवा दी जाए। छह महीने पहले भी सिद्धू ने ठीक ऐसा ही लेटर लिखा था। तब उन्होंने पंजाब सरकार को सिद्धू मूसेवाला की हत्या से सीख लेने और अपने पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करवाने की अपील की थी। बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू को पहले Z+ सिक्योरिटी मिली हुई थी। जेल जाने के बाद उनकी सिक्योरिटी वापस ले ली गई।

आज ही नवजोत सिंह सिद्धू का जन्मदिन भी है। आज वह 59 साल के हो गए हैं। हालांकि जेल में होने की वजह से उनका परिवार उनके साथ जन्मदिन नहीं मना पाया। इसी बीच सिद्धू के बीमार होने की खबर आ गई। सिद्धू राजनीति में होने के साथ-साथ क्रिकेटर भी रहे हैं, इसलिए पूरे देश में उनके चाहने वाले हैं। सुबह से ही लोग उन्हें सोशल मीडिया पर जन्मदिन की बधाइयां दे रहे हैं। उनकी बेटी ने भी इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी लगाकर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी हैं।

किस मामले में सजा काट रहे हैं सिद्धू

पूर्व क्रिकेटर और पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू 34 साल पुराने रोडरेज मामले में एक साल की सश्रम कारावास की सजा काट रहे हैं। गौरतलब है कि पहले रोडरेज मामले में सिद्धू को मार्च 2018 में 1,000 रुपये के जुर्माने के साथ छोड़ दिया गया था और दूसरी बार उन्हें आईपीसी की धारा 323 के तहत अधिकतम संभव सजा दी गई है। अदालत ने 15 मई 2018 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें सिद्धू को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया गया था और उसे इस मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। इस केस में सिद्धू को पीड़ित गुरनाम सिंह को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने का दोषी ठहराया गया था।

गौरतलब है कि रोड रेज का मामला सिद्धू के क्रिकेटर कैरियर के दौरान का था। उनका अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू हुए एक साल ही हुआ था, जब 25 साल के नवजोत सिंह सिद्धू ने पटियाला में 27 दिसंबर 1988 की दोपहर को गुरनाम सिंह को मामूली विवाद में सिर पर मुक्का मार दिया था। यह विवाद तब हुआ था जब उस दिन शाम को सिद्धू अपने दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट में पहुंचे। यह जगह उनके घर से करीब एक किलोमीटर दूर थी। इस मार्केट में कार पार्किंग को लेकर उनकी 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से कहासुनी हो गई थी।

इसके बाद 65 वर्षीय बुजुर्ग गुरनाम सिंह के साथ कहासुनी इतनी आगे बढ़ है कि बात हाथापाई तक जा पहुंची। सिद्धू ने गुरनाम सिंह को मुक्का मारकर गिरा दिया। उसके बाद गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। रिपोर्ट में आया कि गुरनाम सिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। उसी दिन सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर पर कोतवाली थाने में गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ। सेशन कोर्ट में केस चला, इसके बाद 1999 में सेशन कोर्ट ने केस को खारिज कर दिया।

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