मजबूरी में सड़कों पर भीख मांगते हैं लोग नहीं लगा सकते रोक, संविधान के अनुरूप समस्या को करें हल, सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने बेघरों और भिखारियों को कोरोना टीका लगाए जाने को लेकर सरकार से जबाब मांगा है
जनज्वार। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लोग मजबूरी में सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगने को मजबूर होते हैं, इसलिए इसपर प्रतिबंध लगाने का आदेश नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि हम ऐसा कोई आदेश नहीं दे सकते। शिक्षा और रोजगार के अभाव में बच्चों समेत बड़े लोग सड़कों पर भीख मांगने को मजबूर हैं। यह सामाजिक आर्थिक मुद्दा है इसका हल मांगे गए आदेश से नहीं हो सकता।
एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यह मानवीय समस्या है जिसे कल्याणकारी राज्यों को संविधान के भाग तीन (मौलिक अधिकार) और भाग चार (राज्य के नीति निदेशक तत्व) में दिए गए तरीकों से हल करना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने बेघरों और भिखारियों को कोरोना टीका लगाए जाने और चिकित्सीय सुविधाएं देने की मांग पर केंद्र व दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने एक जनहित याचिका (पीआइएल) पर सुनवाई करते हुए उक्त टिप्पणियां की।
कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा है कि याचिका में ऐसे लोगों के टीकाकरण और कोरोना के दौरान चिकित्सीय सुविधाओं का मुद्दा उठाया गया है जिस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।
अदालत केंद्र और दिल्ली सरकार से यह जानना चाहती है कि इस मानवीय चिंता के बारे में क्या कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने मामले को 10 अगस्त को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश देते हुए सालिसिटर जनरल से मामले की सुनवाई में कोर्ट की मदद करने का अनुरोध किया है।