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रेल यात्रियों को हिंदी में मैसेज की NDA में सहयोगी PMK ने की निंदा, द्रमुक सांसद ने कहा-भाषा थोपो योजना

Janjwar Desk
4 Oct 2020 4:25 PM GMT
रेल यात्रियों को हिंदी में मैसेज की NDA में सहयोगी PMK ने की निंदा, द्रमुक सांसद ने कहा-भाषा थोपो योजना
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File photo

तमिलनाडु में रेल यात्रियों को कथित तौर पर हिंदी में टिकट कन्फर्म होने का मैसेज भेजे जाने की जहां द्रमुक के दक्षिण चेन्नई से सांसद ने निंदा की है, वहीं, दक्षिण रेलवे ने कहा है कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है....

जनज्वार। देश के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में भाषा का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। इस बार यह रेलवे द्वारा हिंदी में कथित तौर पर भेजे गए मैसेज को लेकर हुआ है। इसके बाद एनडीए के घटक दल पीएमके सहित द्रमुक ने यात्रियों को रेल टिकट कन्फर्मेशन मैसेज हिंदी में भेजे जाने का विरोध किया है। द्रमुक सांसद तमिलाची थांगपांडियन ने इसका विरोध करते हुए इसे 'भाषा थोपो योजना' बता दिया है।

तमिलनाडु में रेल यात्रियों को कथित तौर पर हिंदी में टिकट कन्फर्म होने का मैसेज भेजे जाने की जहां द्रमुक के दक्षिण चेन्नई से सांसद ने निंदा की है। वहीं, दक्षिण रेलवे ने कहा है कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।

दक्षिणी चेन्नई से द्रमुक सांसद तमिलाची थांगपांडियन ने कथित तौर पर हिंदी में मिले एसएमएस का एक स्क्रीनशॉट भी ट्विटर पर साझा किया है। उन्होंने कहा, 'हिंदी को लागू न करने के अपने वादे के बावजूद भारत सरकार कपटपूर्ण तरीके से भाषा को लागू कर रही है। गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी को थोपना बंद किया जाए।'

सांसद ने इसे लेकर कई ट्वीट किए। इनमें रेल मंत्रालय को टैग किया और यह सुनिश्चित करने की अपील की, कि गैर-हिंदी भाषी भी आईआरसीटीसी की सेवाओं का उपयोग करने में सक्षम रहें। इसके साथ ही पार्टी की सांसद कनिमोई ने भी इसकी निंदा की है।

वहीं एनडीए के सहयोगी पीएमके के संस्थापक एस रामदास ने आरोप लगाया है कि तमिलनाडु में ई-टिकट के लिए एसएमएस पिछले दो दिनों से हिंदी में भेजे जा रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'यह गैर-हिंदी भाषी लोगों पर हिंदी को लागू करने की योजना है। रेलवे को इसे रोकना चाहिए।'

उधर सांसद कनिमोझी ने कहा कि वे(केंद्र सरकार) लोगों की भावनाओं का सम्मान नहीं कर रहे हैं और बार-बार हिंदी थोप रहे हैं। वहीं इस मामले को लेकर दक्षिणी रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि ई-टिकटिंग को आईआरसीटीसी देखता है।

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