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Qutub Minar Controversy : कुतुब मीनार में नमाज पर रोक से विवाद, ASI की नीति नहीं देती इजाजत

Janjwar Desk
24 May 2022 12:00 PM IST
Qutub Minar Controversy : कुतुब मीनार में नमाज पर रोक से विवाद, ASI की नीति नहीं देती इजाजत
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Qutub Minar Controversy : कुतुब मीनार में नमाज पर रोक से विवाद, ASI की नीति नहीं देती इजाजत

Qutub Minar Controversy : दिल्ली स्थित ऐतिहासिक यूनेस्को विश्व धरोहर कुतुब मीनार परिसर में स्थित मुगल मस्जिद में एएसआई ने नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी है, मस्जिद के इमाम मौलाना शेर मोहम्मद ने दावा करते हुए कहा है कि एएसआई ने नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी है...

Qutub Minar Controversy : दिल्ली स्थित ऐतिहासिक यूनेस्को विश्व धरोहर कुतुब मीनार (Qutub Minar Controversy) परिसर में स्थित मुगल मस्जिद में एएसआई ने नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी है। मस्जिद के इमाम मौलाना शेर मोहम्मद ने दावा करते हुए कहा है कि एएसआई ने नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही उन्होंने बताया है कि वह पिछले 47 वर्षों से मस्जिद के इमाम है। हालांकि अब इस को लेकर सरकार से स्पष्टीकरण आया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि एएसआई द्वारा संरक्षित स्थलों के परिसर में धार्मिक प्रथाओं की अनुमति केवल तभी दी जा सकती है, जब कार्यभार संभाले जाने के दौरान उपासना स्थल के तौर पर काम कर रहे थे।

ASI ने नहीं दी पूजा करने की इजाजत

संस्कृति मंत्री के एक अधिकारी ने सोमवार को स्पष्ट किया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने की नीतियां निर्जीव स्थानों पर पूजा करने की इजाजत नहीं देती है। साथ ही अधिकारी ने कहा कि 'एएसआई की नीतियां निर्जीव स्थानों पर पूजा करने पर रोक लगाती है। ऐसा कोई आदेश हाल फिलाल में जारी नहीं किया गया है और यह नियम पहले से मौजूद है। इससे पहले भी एएसआई ने लेटर लिखा था कि नीति के अनुसार वहां नमाज बंद कर दी जाए। आखरी ऐसा निर्देश कुछ महीने पहले भेजा गया था।'

क़ुतुब मीनार में खुदाई का आदेश नहीं

इससे पहले उन खबरों को लेकर विवाद छिड़ गया था कि मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को कुतुब मीनार परिसर में खुदाई करने का आदेश दिया है। हालांकि संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने इन खबरों का खंडन किया था। रेड्डी ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। विवाद के बाद संस्कृति सचिव गोविंद मोहन और एएसआई के कई अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा साइट का दौरा किया जिसके बाद और भी अफवाहें आने लगीं। मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि यात्रा पहले से नियमित थी और इसका 'परिसर की खुदाई' वाले विवाद से कोई लेना देना नहीं है।

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