Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

Supreme court का बड़ा फैसला, दशहरे के बाद होगी Article 370 पर सुनवाई, कश्मीरी नेताओं ने दी थी केंद्र के फैसले को चुनौती

Janjwar Desk
23 Sep 2022 9:35 AM GMT
सोशल मीडिया पर हो रही टू फिंगर टेस्ट पर एससी के फैसले की तारीफ, अभिषेक मनु सिंघवी बोले - यह सबसे घटिया और पितृसत्तात्मक प्रथा
x

सोशल मीडिया पर हो रही टू फिंगर टेस्ट पर एससी के फैसले की तारीफ, अभिषेक मनु सिंघवी बोले - यह सबसे घटिया और पितृसत्तात्मक प्रथा

Article 370 : जम्मू-कश्मीर से जुड़े संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। दशहरे के बाद इस पर सुनवाई होगी।

Article 370 : तीन साल पहले केंद्र सरकार ने संविधान में संशोधन के जरिए जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) को आजादी के बाद से मिले स्पेशल स्टेटस वाले अनुच्छेद 370 ( Article 370 ) को समाप्त कर दिया है। मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ कश्मीरी नेताओं ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। इस मसले में पर सुनवाई लंबे अरसे टलती आ रही थी। शुक्रवार को जम्मू कश्मीर से जुड़े संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) तैयार हो गया है। दशहरे ( Dussehra pooja ) के बाद इस पर सुनवाई होगी। इससे पहले इन याचिकाओं पर आखिरी सुनवाई करीब ढाई साल पहले हुई थी।

फिलहाल, अनुच्छेद 370 ( Article 370 ) से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) की 5 जजों की संवैधानिक बेंच के सामने लंबित है। 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर ( Article 370 ) राज्य को संविधान में मिला विशेष दर्जा इतिहास बन गया था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर का स्टेट का दर्जा भी छिन गया था। जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया गया। एक जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख। केंद्र के इस फैसले के बाद लद्दाख के लोग काफी खुश हुए थे। कश्मीरी याचिकाकर्ताओं ने न सिर्फ मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले को बल्कि जम्मू कश्मीर को दो अलग राज्य बनाने के प्रावधान को भी चुनौती दी गई है। 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू कश्मीर को अलग केंद्र शासित प्रदेश और लद्दाख को अलग राज्य बना दिया गया था।

जम्मू कश्मीर ( Article 370 ) का विशेष राज्य का दर्जा ( Article 370 ) खत्म होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) में इस फैसले की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की बाढ़ आ गई। इनमें जम्मू कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के सांसद अकबर लोन और हसनैन मसूदी ने याचिकाएं लगाईं। इसके अलावा शहला राशिद, वकील एमएल शर्मा, शाकिर शबीर, कई पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

Next Story

विविध