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Surya Namaskar Controversy: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने स्कूलों में सूर्य नमस्कार का किया विरोध, कहा- इस्लाम नहीं देता इजाजत

Janjwar Desk
4 Jan 2022 4:19 PM GMT
Surya Namaskar Controversy: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने स्कूलों में सूर्य नमस्कार का किया विरोध, कहा- इस्लाम नहीं देता इजाजत
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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने स्कूलों में सुर्य नमस्कार का किया विरोध
Surya Namaskar Controversy: केंद्र सरकार द्वारा देश के स्कूलों में सूर्य नमस्कार से जुड़े आदेश का विरोध करते हुए कहा ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ बोर्ड ने मुस्लिम छात्र-छात्राओं को इससे दूर रहने की हिदायत दी है...

Surya Namaskar Controversy: केंद्र सरकार द्वारा 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' (Azadi Amrit Mahotsav) स्वतंत्रता के 75 साल के मौके पर देश के सभी स्कूलों को एक से सात जनवरी तक छात्रों को सूर्य नमस्कार कराए जाने का आदेश दिया है। मगर इसको लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) ने अब आपत्ति जताई है। देश के स्कूलों में सूर्य नमस्कार से जुड़े आदेश का विरोध करते हुए कहा मुस्लिम लॉ बोर्ड ने मुस्लिम छात्र-छात्राओं को इस कार्यक्रम से दूर रहने की हिदायत दी है। मुस्लिम लॉ बोर्ड ने कहा कि, 'मुस्लिम बच्चे सुर्य नमस्कार कार्यक्रम (Surya Namaskar in School) में शामिल होने से बचें क्योंकि यह सूर्य की पूजा का एक रूप है, और इस्लाम पूजा की इजाजत नहीं देता।' ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी ने यह बयान जारी किया है।

मुस्लिम बॉर्ड ने केंद्र सरकार पर लगाए आरोप

मुस्लिम लॉ बोर्ड ने बयान जारी कर लिखा कि, 'भारत एक धर्म-निरपेक्ष(Secular), बहु-धार्मिक और बहु-सांस्कृतिक देश है। इन्हीं सिद्धांतों के आधार पर हमारा संविधान (Indian Constitution) लिखा गया है। संविधान हमें इसकी अनुमति नहीं देता है कि सरकारी शिक्षण संस्थानों में किसी धर्म विशेष की शिक्षाएं दी जाएं या किसी विशेष समूह की मान्यताओं के आधार पर समारोह आयोजित किए जाएं।' पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी मौलाना खालिद सैफ़ुल्लाह रह़मानी ने कहा, 'यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्तमान सरकार इस सिद्धांत से भटक रही है और देश के सभी वर्गों पर बहुसंख्यको की सोच और परंपरा को थोपने का प्रयास कर रही है।' मौलाना खालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी (Maulana Khalid Saifullah Rahmani) ने आरोप लगाया कि सरकार संविधान की सोच से विपरीत आचरण कर रही है, और बहुसंख्यक समुदाय के आचरण को सबपर थोपने का प्रयास कर रही है।

स्कूल में राष्ट्रगान पढ़वाए सरकार- मुस्लिम बॉर्ड

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (Muslim Personal Law Board) की ओर से जारी बयान में आगे कहा गया है, 'निश्चित रूप से यह असंवैधानिक कृत्य है और देश प्रेम का झूठा प्रचार है सूर्य नमस्कार सूर्य की पूजा का एक रूप है। इस्लाम और देश के अन्य अल्पसंख्यक ना तो सूर्य को देवता मानते हैं और ना उसकी उपासना को सही मानते हैं इसलिए सरकार का यह कर्तव्य है कि वह ऐसे निर्देशों को वापस ले और देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का सम्मान करे।' बोर्ड ने कहा कि, 'सरकार चाहे तो देश प्रेम की भावना को उभारने हेतु राष्ट्रगान पढ़वाए और अगर सरकार देश से प्रेम का हक अदा करना चाहती है तो उसे चाहिए कि देश की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान दे।'

75 करोड़ सुर्य नमस्कार का लक्ष्य

गौरतलब है कि भारत सरकार ने 75वें स्वतन्त्रता दिवस (75th Independence Day) के अवसर पर देश के सभी राज्यों में सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) की एक परियोजना चलाने का निर्णय किया है। इस कार्यक्रम के तहत पहले चरण में 30 हज़ार स्कूलों को शामिल किया जायेगा। 1 जनवरी से 7 फरवरी 2022 तक ये कार्यक्रम चलेगा और 26 जनवरी को सूर्य नमस्कार पर एक संगीत कार्यक्रम का आयोजन भी होगा। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने 16 दिसंबर, 2021 को एक पत्र जारी किया था, जिसमें आजादी का अमृत महोत्सव के बैनर तले एक जनवरी से सात फरवरी तक 75 करोड़ सूर्य नमस्कार कराया जायेगा।

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